दुष्यंत को छोड़कर अब तक देवीलाल परिवार के लिए बंजर रही हिसार की सियासी भूमि मंत्री ने बनाए जाने और पिता को लोकसभा टिकट ने दिए जाने पर भजनलाल परिवार नाराज अशोक कुमार कौशिक हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट से चुनावी मुकाबला इस बार रोमांचक होने की संभावना है। इस सीट पर ताऊ देवीलाल परिवार के तीन लोग मैदान में उतर चुके हैं। बीजेपी ने ताऊ देवीलाल के बेटे चौधरी रणजीत सिंह को प्रत्याशी बना दिया है वहीं इनेलो ने सुनैना चौटाला को मैदान में उतार दिया है जबकि जेजेपी की तरफ से नैना चौटाला को चुनावी दंगल में उतारने की तैयारी है। बड़ी बात यह रही कि कई भाजपा नेताओं को लोकसभा टिकट का इंतजार था जिसमें भव्य बिश्नोई व कुलदीप बिश्नोई भी थे। भाजपा ने न तो पिता को लोकसभा की टिकट दी बल्कि बेटे को भी कोई मंत्री पद नहीं दिया। भव्य बिश्नोई ने ट्वीटर हैंडल एक्स लिखा कि राजनीति में आपकी लोकप्रियता ही अक्सर आपकी सबसे बड़ी कमज़ोरी साबित होती है। इस बार देवीलाल परिवार का कुनबा ही हिसार संसदीय क्षेत्र में एक-दूसरे को ललकारता नजर आएगा। प्रदेश के सियासी इतिहास में इससे पहले भी देवीलाल परिवार की दूसरी से चौथी पीढ़ी तक कई बार आमने-सामने हो चुकी है। पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को छोड़कर हिसार लोकसभा की सियासी जमीन देवीलाल परिवार को रास नहीं आई है। 2014 में युवा दुष्यंत ने पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई को हराकर देवीलाल परिवार को पहली जीत दिलाई थी। लोकसभा में दूसरी व तीसरी पीढ़ी होगी आमने सामने लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही एक बार फिर देवीलाल परिवार की दूसरी व तीसरी पीढ़ी आमने-सामने ललकारती नजर आएगी। भाजपा ने सबको चौकाते हुए रानियां से निर्दलीय विधायक एवं सरकार में बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह को हिसार से मैदान में उतार दिया। रणजीत सिंह इससे पहले 1998 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे और वे लोकदल के सुरेंद्र बरवाला से बुरी तरह हारते हुए चौथे नंबर पर रहे। एक बार फिर रणजीत सिंह भाजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। उधर, इनेलो से सुनैना चौटाला भी हिसार से ताल ठोकेगी। हालांकि अभी तक पार्टी ने आधिकारिक रूप से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है, लेकिन सुनैना ने हिसार में वोटरों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। सुनैना चौटाला हिसार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उकलाना विधानसभा के गांव दौलतपुर लांबा की बेटी है और हिसार में ही शिक्षा हासिल की है। सुनैना भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह के बड़े भाई पूर्व विधायक स्व. प्रताप सिंह चौटाला की पुत्रवधू है और पिछले दो साल से इनेलो में सक्रिय है। नैना चौटाला के हिसार से चुनाव लड़ने की चर्चा जजपा से पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की माता नैना चौटाला को भी हिसार लोकसभा से उतारे जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। बाढडा से नैना चौटाला विधायक है और उनका पैतृक गांव दड़ोली भी हिसार लोकसभा के अंतर्गत पड़ने वाले आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। नैना व सुनैना रिश्ते में जेठानी-देवरानी हैं और दोनों की शिक्षा हिसार के कॉलेज में ही हुई है। हिसार लोकसभा के सियासी समीकरण अब रोचक होते जा रहे हैं। देवीलाल परिवार की अब दूसरी व तीसरी पीढ़ी के बीच हिसार में सियासी जंग होगी। कांग्रेस किसे उम्मीदवार बनाती है, इस पर भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं। हालांकि हरियाणा बनने से लेकर अब तक सियासी इतिहास पर चर्चा करें तो देवीलाल परिवार के लिए यह जमीन बंजर ही रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला भी 1984 में कांग्रेस के बिरेंद्र सिंह से हार चुके हैं। हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट काफी हॉट सीट मानी जाती है। 1952 में यह लोकसभा सीट अस्तित्व में आई थी। बीजेपी के विजेंद्र सिंह यहां के मौजूदा सांसद हैं। इस सीट पर काफी लंबे समय तक भजनलाल और देवीलाल के परिवार का कब्जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में विजेंद्र सिंह ने जननायक पार्टी के दुष्यंत चौटाला को हराया था। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के भव्य विश्नोई थे। हिसार लोकसभा सीट पर कांग्रेस को पिछले 20 साल से जीत नहीं मिली है। 2004 के बाद से कांग्रेस इस सीट पर जीत की तलाश में हैं। वहीं, 57 साल के इतिहास में इस सीट पर बीजेपी को 2019 में पहली जीत मिली थी। बीजेपी की निगाहें इस सीट पर दोबारा जीत हासिल करने की होगी। बता दें कि हिसार लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं। इनमें उचाना कलां, आदमपुर, उकलाना (एससी), नारनौंद, हांसी, बरवाला, हिसार, नलवा और बवानी खेड़ा (एससी) शामिल हैं। हिसार सीट से इनेलो की प्रत्याशी सुनैना चौटाला होंगी। इनेलो ने कुरूक्षेत्र से अभय चौटाला को उतारने के बाद हिसार से महिला उम्मीदवार को उतारा है। सुनैना चौटाला हरियाणा के दिग्गज नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल की पौत्र वधू है। इनेलो महिला विंग की महासचिव है। 2019 के लोकसभा चुनाव में विजेंद्र सिंह ने जननायक पार्टी के दुष्यंत चौटाला को 3,14,068 लाख वोटों से हराया था। विजेंद्र सिंह को 603,289 लाख यानी 51 फीसदी वोट मिले थे जबकि चौटाला 289,221 लाख यानी 25 फीसदी वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के भव्य विश्नोई थे। भव्य विश्नोई को 184,369 लाख यानी मात्र 15 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे। वहीं, 2014 में ईनेलो के दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के कुलदीप विश्नोई को 31,847 हजार वोटों से हराया था। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के संपत सिंह रहे थे। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस के भजन लाल ने कांग्रेस के संपत सिंह को 6,983 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। हिसार लोकसभा में कुल कितने मतदाता? हिसार लोकसभा सीट पर करीब 15,58,281 लाख वोटर्स हैं। इनमें से 8,40,183 लाख करीब पुरुष मतदाता हैं जबकि 7,18,095 महिला वोटर्स हैं। पिछले लोकसभा चुनाव (2019) में 11,79,869 मतदाताओं ने मतदान किया था। मतलब यहां 75 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस सीट पर कब कब किसने जीता? 1952-लाला अचिंत राम (कांग्रेस) 1957- ठाकुर दास भार्गव (कांग्रेस) 1962-मनीराम बागरी (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी) 1967-राम कृष्ण गुप्ता (कांग्रेस) 1971- मनीराम गोदारा (कांग्रेस) 1977-इंदर सिंह श्योकंद (जनता पार्टी) 1980-मनीराम बागरी (जनता पार्टी (सेक्युलर) 1984- चौ. बीरेंद्र सिंह (कांग्रेस) 1989- जय प्रकाश (जनता दल) 1991- नारायण सिंह (कांग्रेस) 1996- जय प्रकाश (हरियाणा विकास पार्टी) 1998 -सुरेंद्र सिंह बरवाला (इंडियन नेशनल लोकदल) 1999-सुरेंद्र सिंह बरवाला (इंडियन नेशनल लोकदल) 2004-जय प्रकाश (कांग्रेस) 2009- भजन लाल (हरियाणा जनहित कांग्रेस) 2011 -कुलदीप बिश्नोई (हरियाणा जनहित कांग्रेस) 2014- दुष्यन्त चौटाला (इंडियन नेशनल लोकदल) 2019- बृजेन्द्र सिंह (भारतीय जनता पार्टी) हिसार का संक्षिप्त इतिहास हिसार का इतिहास सदियों पुराना है। हिसार शहर की स्थापना एक मुस्लिम शासक फिरोजशाह तुगलक ने 1354 ई. में की थी। हिसार को ‘स्टील सिटी’ भी कहा जाता है। नई दिल्ली के 167 किलोमीटर दूर बसा यह शहर भारत का सबसे बड़ा जस्ती लोहा उत्पादक है. आजादी की लड़ाई में हिसार का बड़ा योगदान है। यहां के अनेक जांबाजों ने राष्ट्र सेवा, सहयोग, सामर्थ्य, शक्ति, शौर्य एवं बलिदान का अनूठा इतिहास रचा है। हिसार के वीरों ने आजादी के समय और आजादी के बाद भी देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में हिसारवासियों के समर्थन और त्याग को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। सुनैना चौटाला ने 2019 में राजनीति में एंट्री की थी। तब से वह महिला विंग की महासचिव का काम संभाल रही हैं। ऐसे में इनेलो ने सुनैना को उम्मीदवार बनाकर हिसार सीट पर महिला कार्ड खेला है। खास बात यह कि सुनैना देवीलाल परिवार की दूसरी महिला हैं, जो सियासत में एक्टिव हैं। इससे पहले वर्ष 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में सुनैना की जेठानी नैना चौटाला राजनीति में आई थी, जो हलका डबवाली से विधायक बनकर विधानसभा में पहुंची थी। इन दोनों चुनाव में जेठानी की चुनाव यात्रा में देवरानी खास मौकों पर नजर आई थी। Post navigation नए दावे व अपील की फाईलिंग ना स्वीकारने से वकील मिले उपायुक्त से कांग्रेस खिसकती जमीन बचाने की कवायद ……..