हरियाणा भाजपा सरकार इस कांड की न्यायिक जांच करने की बजाय मजिस्ट्रेट जांच के नाम पर पूरे मामले में लीपापोती करके करके फैक्ट्री मालिकों व प्रबधंकों को बचाने के जुगाड़ में : विद्रोही

लांग लाईफ कम्पनी के मालिकों व प्रबंधकों के खिलाफ भी हत्या का आरोप धारा में मुकदमा दर्ज हो क्योंकि इस भीषण अग्निकांड के लिए उनकी अपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है : विद्रोही

मृतक परिवारों को न्यूनतम 25 लाख रूपये का मुआवजा मिलना चाहिए व झुलसे हुए मजदूरों को 2 से 5 लाख रूपये का मुआवजा हरियाणा सरकार दे ताकि गरीब परिवारों को भविष्य का जीवन यापन करने के लिए कुछ तो ठोस सहारा मिल सके : विद्रोही

21 मार्च 2024 – धारूहेडा औद्योगिक क्षेत्र की लांग लाईफ कम्पनी के डस्ट कलेक्टर में झुलसे 45 मजदूरों में से इलाज के दौरान छह श्रमिकों की मौत पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने गहरा दुख प्रकट करते हुए उनके परिवारजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की। विद्रोही ने कहा कि अभी दस मजदूर जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहे है। झुलसने से मरे सभी 6 मजदूर उत्तप्रदेश के निवासी है तथा इनमें दो मजदूरों की मौत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में व 4 मजदूरों की मौत पीजीआई रोहतक में हुई है। लांग लाईफ कम्पनी के भीषण अग्निकांड में 6 मजदूरों की मौत होने व दस मजदूरों के जीवन मृत्यु के बीच झूलने के बाद भी हरियाणा भाजपा सरकार इस कांड की न्यायिक जांच करने की बजाय मजिस्ट्रेट जांच के नाम पर पूरे मामले में लीपापोती करके करके फैक्ट्री मालिकों व प्रबधंकों को बचाने के जुगाड़ में है। कम्पनी के मजदूरों के ठेकेदार के खिलाफ तो केस दर्ज कर लिया, लेकिन फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मजदूरों की हत्या करने का केस अभी दर्ज क्यों नही किया, यह समझ से परे है। वहीं फैक्ट्री सुरक्षा नियमों व श्रमिक कानूनों की परिपालना के लिए जिम्म्मेदार श्रम अधिकारियों के खिलाफ अभी तक भाजपा सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नही की?  

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस हादसे में मौत के शिकार हुए मजदूरों के परिवार को प्रति मजदूर श्रम कल्याण बोर्ड से पांच लाख रूपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं 50 प्रतिशत तक झुलसे मजदूरों के लिए 50 हजार रूपये तथा 50 से 75 प्रतिशत तक झुलसे मजदूरों के लिए एक लाख रूपये व 75 प्रतिशत से ज्यादा झुलसे मजूदरों को 2 लाख रूपये की आर्थिक सहायतो देने की घोषणा की है जो पीडि़त मजदूरों के साथ कतई तर्कसंगत न्याय नही है। विद्रोही ने सवाल किया कि महंगाई व आर्थिक संकट के इस दौर में मृतक मजदूर परिवार को पांच लाख रूपये का मुआवजा एक क्रूर मजाक है। मृतक परिवारों को न्यूनतम 25 लाख रूपये का मुआवजा मिलना चाहिए व झुलसे हुए मजदूरों को 2 से 5 लाख रूपये का मुआवजा हरियाणा सरकार दे ताकि गरीब परिवारों को भविष्य का जीवन यापन करने के लिए कुछ तो ठोस सहारा मिल सके। वहीं लांग लाईफ कम्पनी में हुए इस भीषण अग्निकांड की जांच जिला सत्र न्यायाधीश से करवाई जाये ताकि जांच निष्पक्ष व स्वतंत्र हो सके। इस कम्पनीे में दोबार पहले भी इसी डस्ट कलेक्टर में विस्फोट होने के बावजूद सुरक्षा नियमों की परिपालना करवाने में नाकाम सम्बन्धित श्रम अधिकारियों को तत्काल निलम्बित किया जाये। विद्रोही ने मांग की कि लांग लाईफ कम्पनी के मालिकों व प्रबंधकों के खिलाफ भी हत्या का आरोप धारा में मुकदमा दर्ज हो क्योंकि इस भीषण अग्निकांड के लिए उनकी अपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है।     

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