आईटी पहलों का शुभारंभ नागरिकों को न्याय प्रदान करने में प्रौद्योगिकी के उपयोग को अधिकतम करने की न्यायालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है चंडीगढ़, 20 मार्च- पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री गुरमीत सिंह संधावालिया ने डिजिटलाइजेशन मिशन के तहत आज 4 आईटी पहलों का उद्घाटन किया। इन पहलों में उच्च न्यायालय और पंजाब, हरियाणा व यू.टी. चंडीगढ़ के सभी जिला न्यायालयों में हाइब्रिड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, उच्च न्यायालय परिसर में मुफ्त पब्लिक वाई-फाई सुविधा, जिला न्यायालयों के लिए इन्वेंट्री प्रबंधन सॉफ्टवेयर (आईएमएस) और ‘न्यूट्रल साइटेशन फेज-II (क्यूआर कोड) का उद्घाटन शामिल है। इस अवसर पर न्यायमूर्ति श्रीमती लिसा गिल, अध्यक्ष कंप्यूटर समिति, कंप्यूटर समिति के सदस्य और उच्च न्यायालय के सभी अन्य न्यायाधीश उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह में पंजाब, हरियाणा और यू.टी. चंडीगढ़ के सभी जिला और सत्र न्यायाधीशों ने भी वर्चुअल मोड के माध्यम से भाग लिया। हाइब्रिड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भौगोलिक बाधाओं को दूर करते हुए प्रतिभागियों को दूरस्थ स्थानों से ही अदालती कार्यवाही में शामिल होने में सक्षम बनाता है और यह दिव्यांग व्यक्तियों या दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद प्रणाली है। इसके अलावा, हाइब्रिड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपयोग से साक्ष्य रिकॉर्डिंग प्रक्रिया सुव्यवस्थित होती है, शेड्यूलिंग संघर्षों, परिवहन मुद्दों और कोर्ट रूम की व्यवस्थता के कारण होने वाली देरी को कम किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप न्यायाधीशों और कानूनी पेशेवरों के समय का बेहतर प्रबंधन होता है। इस परियोजना के तहत, प्रत्येक न्यायालय में एकीकृत डिजिटल साउंड सिस्टम और 4के कोडेक सिस्टम के साथ 2 एचडी डिजिटली ज़ूम पीटीजेड कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, प्रत्येक न्यायालय में दो एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई हैं ताकि दूरस्थ स्थानों से उपस्थित होने वाले पक्ष न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं को स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकें। हाइब्रिड मोड के माध्यम से निर्बाध न्यायालय कार्यवाही प्रदान करने के लिए प्रत्येक न्यायालय के लिए समर्पित वी.सी. लिंक विकसित किए गए हैं। यह सुविधा उच्च न्यायालय के सभी न्यायालयों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और यू.टी. चंडीगढ़ के जिला न्यायालयों में भी लागू की गई है। अधिवक्ताओं और वादियों के लिए उच्च न्यायालय परिसर में मुफ्त सार्वजनिक वाई-फाई सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे कानूनी संसाधनों व सूचनाओं तक सुगम पहुँच सुनिश्चित हो, इससे अधिवक्ता कानूनी शोध करने, केस फाइलों तक पहुँचने और ग्राहकों के साथ अधिक कुशलता से संवाद करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा मुकदमेबाज भी अपने मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने कानूनी प्रतिनिधियों के साथ सहजता से संवाद कर सकते हैं, जिससे कानूनी सहायता चाहने वालों के लिए वित्तीय बाधाओं को कम करके न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाया जा सकता है। यह सुविधा कॉरिडोर, न्यायालय कक्षों, सार्वजनिक क्षेत्रों और मध्यस्थता केंद्र और बार एसोसिएशन को कवर करेगी। इस परियोजना के तहत, नवीनतम सुरक्षित वाई-फाई एक्सेस पॉइंट स्थापित किए गए हैं। इन्वेंटरी मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर (आईएमएस) जिला न्यायालय में पेपरलैस वितरण, डिलीवरी रखरखाव, एएमसी/आईटी हार्डवेयर की वारंटी की सुविधा के लिए एक आंतरिक रूप से विकसित सॉफ्टवेयर है। उच्च न्यायालयों में निर्णय/अंतिम आदेश पर क्यूआर कोड शुरू करने से कानूनी पेशेवरों, शोधकर्ताओं और आम जनता के लिए विस्तृत केस जानकारी तक त्वरित और आसान पहुँच प्रदान करके पारदर्शिता बढ़ेगी। सिर्फ एक स्कैन के साथ, उपयोगकर्ता डिजिटल जजमेंट तक पहुँच सकते हैं। उपर्युक्त आईटी पहलों का शुभारंभ देश के अंतिम नागरिक तक पहुँचने और न्याय प्रदान करने में प्रौद्योगिकी के उपयोग को अधिकतम करने की इस न्यायालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। Post navigation धारूहेड़ा फैक्टरी हादसे में घायल हुए लोगों और उनके परिवार से मिले मुख्यमंत्री नायब सैनी लांग लाईफ कम्पनी के भीषण अग्निकांड में 6 मजदूरों की मौत दस जीवन मृत्यु के बीच, जांच के नाम पर लीपापोती ! विद्रोही