बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ मुहिम निरंतर चलायमान है। हर मंगलवार को पाँच स्थान पर पाठ जारी

जब तक प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार शपथ नहीं लेते, मुहिम जारी रहेगी – यह है संकल्प बोधराज सीकरी का।

5 लाख 81 हजार पाठ होना ईश्वरीय कृपा के कारण सम्भव हुआ : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम के तहत अभी तक 232 स्थानों पर 41,607 साधकों द्वारा 573936 पाठ हो चुके हैं। कल दिनांक 12 मार्च को हनुमान चालीसा पाठ गीता भवन न्यू कॉलोनी गुरुग्राम में आयोजित हुआ। गीता मंदिर में लंगर प्रसाद का वितरण वहाँ के प्रधान श्री सुरेंद्र खुल्लर जी के परिवार की ओर से उनके बेटे के जन्मदिन के उपलक्ष्य में किया गया। श्री गजेंद्र गोसाई ने पंडित जी के माध्यम से पूजा अर्चना करवा कर विधिवत पाठ का शुभारंभ करवाया। गोसाई जी ने मंगलाचरण के माध्यम से व्यास गद्दी से हनुमान जी को नमन कर पाठ को लय देकर संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंतिम चौपाई को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर पूरी मुहिम का ब्योरा संगत को दिया क्योंकि बोधराज सीकरी किसी महत्वपूर्ण बैठक में गये हुए थे।

कल कार्यक्रम में संगत की संख्या 275 थी जिन्होंने 21-21 बार पाठ किया। उसके उपरांत बोधराज सीकरी का वक्तव्य ऑनलाइन रहा।

बोधराज सीकरी ने आयोजन में स्वयं न आ पाने के लिए संगत से क्षमा मांगी। फिर अपने संबोधन में बताया कि किस प्रकार भगवान शिव और माँ पार्वती तुलसीदास के सपने में आकर उन्हें रामचरितमानस ग्रंथ लिखने के लिये प्रेरित करके गये, जिसके परिणामस्वरूप तुलसीदास अयोध्या रहने लगे और वहाँ उन्हें इस ग्रंथ को लिखने में दो वर्ष सात मास छब्बीस दिन लगे। आगे अपने संबोधन में बोधराज सीकरी ने बताया कि एक बार कुछ विप्र ने मिल कर उनके ग्रंथ का उपहास करने की कौशिश की। उन्होंने वेद, शास्त्र, पुराण, उपनिषद एक जगह रखे और सबसे नीचे रामचरितमानस मानस को रखा, परन्तु हैरानी इस बात पर हुई जब अगले दिन रामचरितमानस स्वयं सबसे ऊपर थी और बाक़ी ग्रंथ नीचे। ईश्वर की लीला ईश्वर ही जाने। बोध राज सीकरी ने बताया कि सारे ग्रंथ आदर योग्य हैं परंतु रामचरितमानस एक तो सभी ग्रंथों का सार है दूसरा सरल भाषा में है, तीसरा मर्यादा का ज्वलंत उदाहरण है, चौथा इसमें ईश्वर के साकार रूप और निराकार रूप दोनों की व्याख्या है, पांचवा राम राज्य का अनूठा और विलक्षण उदाहरण है।

इसी प्रकार सुग्रीव राम की मित्रता का व्याख्यान, हनुमान का दास रूप में ईश्वर को समर्पण आदि कई उदाहरण प्रस्तुत कर ऑनलाइन ही अपनी कर्तव्यपरायणता को पूरा किया।

श्रीमती ज्योत्सना बजाज द्वारा ऑनलाइन ज़ूम के माध्यम से पाठ की श्रृंखला में 18 लोगों ने 11-11 बार पाठ किया।

जनता रिहैबिलिटेशन सेंटर में चालीस विद्यार्थियों ने 21-21 बार पाठ किया। श्री विजय टंडन और श्री रणधीर टन्डन की फैक्ट्री में 66 कर्मचारियों ने 2-2 बार पाठ किया और जामपुर शिव मंदिर में 45 लोगों ने पाँच-पाँच बार पाठ किया।

इस प्रकार कल के पाठ को मिलाकर मुहिम के तहत अब तक 237 स्थानों पर 42,051 साधकों द्वारा 581,106 पाठ हो चुके हैं।

प्रबुद्ध लोगो में, जिन्होंने इस पाठ में अपनी उपस्थिति लगाई, मुख्य रूप में सुरेंद्र खुल्लर, उदयभान ग्रोवर, सी.बी. मनचंदा, राम लाल ग्रोवर, धर्मेन्द्र बजाज, मोहित खुल्लर, रमेश कालड़ा, रमेश कामरा, मनीष खुल्लर, किशोरी लाल डुडेजा, श्याम गुप्ता, दयाल चंद ग्रोवर, श्याम ग्रोवर, सी.के. चौधरी, कुलभूषण विरवानी, द्वारकानाथ मक्कड़, जे.डी.गुप्ता, अनिल कुमार, अशोक गेरा, विजय वर्मा, केसर दास ग्रोवर, एम.के.भारद्वाज, ज्योत्सना बजाज, गीता खुल्लर, सुनीता खुल्लर, पुष्पा नासा, रचना बजाज, भावना शर्मा, शकुंतला सेठी, शशि डुडेजा, सिमरन बजाज, रितु जैदका, शशि बजाज, विजय बंसल, राज बाला गोयल, वीना, सिमरन बजाज, सीमा कपूर, ऊष्मा सचदेवा, सुषमा अरोड़ा, विजय बंसल, राजा राज बाला गोयल उपस्थित रहे।

अगले मंगलवार पाठ का आयोजन डॉक्टर अलका शर्मा के माध्यम से गढ़ी हरसरू में माँ वैष्णो के सिद्ध दरबार में होगा।

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