कैथल, 03/03/2024 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 524 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता एडवोकेट गौरव सैन और मामचंद जांगड़ा ने संयुक्त रूप से की,गौरव सैन ने कहा कि हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन को जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी अनिश्चितकालीन धरने का सम्मान करना चाहिए और जनहित में शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द कर देना चाहिए। मामचंद जांगड़ा ने कहा कि देश में लोकतंत्र और संविधान को समझने की जरूरत है, इसका संदेश आम आदमी तक पहुंचाना होगा,हमारा देश लोकतंत्र और संविधान से ही तरक्की करेगा, लोकतंत्र में जनता की आवाज को सुना जाना चाहिए, हमारे महापुरुषों ने लोकतंत्र, इंसानियत और मानवता के लिए काम किया है, हमें इस काम को और अधिक बढ़ाना है।

सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव रामपाल शर्मा ने कहा कि शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने देशहित,जनहित में ही अपनी बात रखी थी, उनकी बात को बहुत पहले ही सुना जाना चाहिए और जिला प्रशासन को बातचीत का दौर जारी रख कर इसका समाधान भी करना चाहिए, जिला प्रशासन ने जब बातचीत के लिए 8 दिसम्बर को बुलाया था तो बेहद खुशी हुई थी और जिला प्रशासन ने जन शिक्षा अधिकार मंच की मांगों के समाधान का आश्वासन भी दिया था लेकिन अब बहुत अधिक समय बीत चुका है लेकिन प्रशासन ने इस दिशा में अभी तक कोई सफल परिणाम नहीं दिया है , हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को चिराग योजना के संबंध में और अधिक चिन्तन की आवश्यकता है, इसमें बहुत ही अधिक सुधार की आवश्यकता है।

धरने पर सफाई कर्मचारी नेता बसाऊ राम ने कहा कि 18 सालो से अधिक समय से कार्यरत सफाई कर्मचारीयों को सरकार को पक्का करना चाहिए, सरकार द्वारा वायदा करने के वावजूद भी सफाई कर्मचारीयों को पक्का नही कर रही है, उन्हें समान  काम के बदले समान वेतन भी नही दिया जा रहा है, वर्षो से उनका शोषण जारी है जबकि पहले हरियाणा सरकार दो दो साल की सेवा के आधार पर आठ बार शिक्षकों व कर्मियों को पक्का कर चुकी है, अतिथि अध्यापकों को नजदीक खाली पोस्ट होते हुए भी उन्हें दूर दराज बदला गया है व घर से बेघर किया गया है, तबादलों का आश्वाशन देने के वावजूद भी बदली नही की जा रही, ऑनलाइन तबादलों के नाम पर सरकार निजी कम्पनियों की सेवा कर रही है और  सफाई कर्मचारीयों को स्कूलों में 20-20 वर्ष की सेवा के बावजूद भी पक्का नही किया गया और उनका शोषण जारी है।

जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि सरकार द्वारा तबादलों की प्रक्रिया जारी करके भी प्रोसैस पर रोक लगा दी जाती है,अभी पिछले दिनों प्राथमिक शिक्षकों को ज़िले अलॉट करके भी उन्हें स्टेशन नही दिए जा रहे थे ,अब इस दिशा में शिक्षा विभाग ने कदम आगे बढ़ाए हैं,इसका हम स्वागत करते है,सरकार जिस तबादला नीति की दुहाई देती है वह अब लगभग नकारा हो चुकी है, दूसरे बच्चो की वार्षिक परीक्षाएं सिर  पर है फिर भी सरकार व विभाग आए दिन शिक्षकों को ट्रेनिंग व कामो के नाम पर स्कूलों से बाहर रखने का काम कर रही है , यह जो बच्चो की पढ़ाई के साथ खिलवाड़ है, स्कूलों मे शिक्षकों के खाली पड़े पदों की भी भरमार है, भर्ती के नाम पर केवल दिखावाबाजी  हो रही है कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्ती एक छलावा है व युवाओ का शोषण किया जा रहा है, इन भर्तियों मे खुद सरकार ठेकेदार बन रही है और ताउम्र बेरोजगार युवाओं को कच्चे रखने की नीति है, इस नीति को बदला जाना चाहिए। धरने पर गोपी राम, बलजीत किच्छाना, नफा रामगढ़, ईश्वर, हजूर सिंह, अमरनाथ, सुभाष जांगड़ा, गुरदेव जांगड़ा, शमशेर किठाना, रामकली जांगड़ा, वीरभान हाबड़ी, रणधीर ढुंढ़वा, सतपाल आंनद, बलवंत जाटान, रामशरण राविश, बलवंत रेतवाल, कलीराम, सतबीर प्यौदा, बलवंत धनोरी, मियां सिंह आदि भी उपस्थित थे।

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