भारतीय रेलवे की ‘ट्रक ऑन ट्रेन’  योजना को लॉजेस्टिक कंपनी चढ़ा रही सिरे

पहला ट्रायल सफल, रेवाड़ी जंक्शन पर होंगे आठ ट्रायल

सड़क पर ट्रैफिक जाम कम होगा, ईंधन की बचत भी होगी

प्रदूषण कम, पर्यावरण के लिए नया वरदान

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर ‘ट्रक ऑन ट्रेन’ मील का पत्थर साबित होगा

चंडीगढ़/गुरुग्राम 25 फरवरी। भारतीय रेलवे एनसीआर बेस्ड लोजिस्टिक कंपनी विनसम से मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गति शक्ति योजना को गति देगी। सड़कों से ट्रकों के ट्रैफिक और टायरों से उत्पन्न कार्बन व ईंधन की खपत कम करने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा विनसम लोजिस्टिक से मिलकर शुरू की गई “ट्रक ऑन ट्रेन” सेवा का पहला ट्रायल पूरा कर लिया गया है। इसके कुल आठ ट्रायल होंगे और इसके बाद भारतीय रेलवे विनसम से मिलकर पूरे देश में इस योजना का विस्तार करेगा। पहला ट्रायल हरियाणा के रेवाड़ी जंक्शन से गुजरात के पालनपुर तक हुआ, जिसमें आटोमोबाइल पार्ट्स से भरे चार ट्रक ट्रेन के माध्यम से सफलता पूर्वक पालनपुर पहुंचे। विनसम के सीएमडी विनोद शर्मा के अनुसार सभी ट्रायल रेवाड़ी जंक्शन से शुरू होंगे और जल्दी ही पूरे कर लिए जाएंगे।

इस योजना के तहत भारतीय रेलवे की डेडिकेटड फ्रेंट कारिडोर कंपनी इंडिया लिमिटेड द्वारा ट्रकों को ट्रेन में लोड किया जाएगा ।विनोद शर्मा के मुताबिक रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की पहल पर विनसम ने इस बहुआयामी योजना से जुड़ने का फैसला किया है ताकि पर्यावरण संरक्षण, ट्रैफिक सोल्यूशन के साथ-साथ ईंधन की बचत में भी विनसम अपना योगदान दे सकें। उन्होंने बताया कि ट्रक ऑन ट्रेन कांसेप्ट को रोल ऑन रोल ऑफ (रोरो) के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्यावरण के लिए तो वरदान साबित होगा ही, इससे ड्राइवरों को राहत भी मिलेगी। विनोद शर्मा ने बताया कि ट्रक ड्राइवरों के लिए रेल में अलग से कैबिन होंगे, जिसमें वे आराम करते हुए जाएंगे तथा गंतव्य पर पहुंचने पर ही ट्रेन पर सामान से भरे खड़े ट्रक को नीचे उतारकर सीधे संबंधित स्थान पर पहुंचा देंगे। इससे दोनों ही स्थानों पर लोडिंग और अनलोडिंग से छुटकारा भी मिलेगा। जबकि पहले ट्रेन के कंटेनर में लोडिंग और अनलोडिंग करने में समय, पैसा लगता था। सीधे ट्रक के ट्रेन पर खड़े होकर ले जाने के कारण अब इससे छुटकारा मिल जाएगा। यहां तक कि बार बार लोडिंग और अनलोडिंग के छुटकारा से सामान टूटने का खतरा भी नहीं रहेगा। विनोद शर्मा ने बताया कि हजारों ट्रक लंबे सफर करते हैं, जिससे सड़कों पर ट्रैफिक तो बढ़ा ही रहता है, बल्कि टायरों से कार्बन उत्सर्जन होने से पर्यावरण भी दूषित होता है। ऐसे ही तमाम कारणों को देखते हुए रेलवे ने ट्रक ऑन ट्रेन कांसेप्ट शुरू करने का फैसला लिया है और विनसम ने इस योजना में रेलवे का साथ देने का फैसला लेकर पहले ट्रायल में हिस्सा लिया है, जो सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया है।

समय की होगी बचत, ड्राइवरों को भी मिलेगा आराम

पहले ट्रायल में विनसम के चार ट्रक गुरुग्राम और मानेसर की अनेक बड़ी आटोमोबाइल कंपनियों के पार्ट्स लेकर ट्रेन पर चढ़े और 12 घंटे रेवाड़ी से गुजरात के पालनपुर तक पहुंच गए। जबकि सड़क माध्यम से ट्रक इसमें चार दिन लगते।
सेवा शुरू करने वाली डेडिकेटिड फ्रेंट कारिडोर कंपनी इंडिया लिमिटेड और विनसम एक्सप्रेस के अधिकारियों ने बताया कि रेवाड़ी स्टेशन में हर तीन घंटे में ऐसी ट्रेनें और एक दिन में लगभग 250 ट्रक भेजने की क्षमता है। अधिकारियों ने बताया कि यह क्षमता बढ़ाकर 1000 ट्रक प्रतिदिन कर दी जाएगी।

कार्बन उत्सर्जन में 40 प्रतिशत की कमी आएगी

पूरे भारत में सामान लाने और ले जाने के लिए ट्रक परिवहन का सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाला साधन है। जो शहरी क्षेत्रों में लगभग 40 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन और वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन अब ट्रक ऑन ट्रेन से इसमें काफी कमी आएगी।

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