केंद्र सरकार जहां विभिन्न जगह, स्थानों, स्थलों का नाम परिवर्तन के नाम पर देश के लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है देश को यह बताए कि पिछले 10 वर्षों में कितने बेरोजगारों को रोजगार दिया,देश में कितने विश्वविद्यालय और कालेज खोले, कितने तकनीकी शिक्षण संस्थान खोले ? कैथल,18/02/2024 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 510 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता किसान नेता भीम सिंह तितरम ने की,भीम सिंह तितरम ने कहा कि केंद्र सरकार की गतिविधियां हमारे देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है, केंद्र सरकार जहां विभिन्न जगह, स्थानों, स्थलों का नाम परिवर्तन के नाम पर देश के लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है,इसकी अपेक्षा देश को यह बताए कि पिछले 10 वर्षों में कितने बेरोजगारों को रोजगार दिया,देश में कितने विश्वविद्यालय और कालेज खोले, कितने तकनीकी शिक्षण संस्थान खोले ? जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि यह भी बताए कि किन किन संस्थाओं का निजीकरण किया गया ? यह सब देश के सामने रखे,काम के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए, स्वीकृत पदों पर शीघ्र भर्ती करें और बेरोज़गारों के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा करें, शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम बनाए, घरेलू कामगारों और गृह आधारित कामगारों पर आई एल ओ कन्वेंशन की पुष्टि करे तथा उचित कानून बनाए,प्रवासी श्रमिकों पर भी व्यापक नीति बनाने की आवश्यकता है, मौजूदा अंतर राज्य प्रवासी श्रमिक रोजगार का विनियमन अधिनियम 1979 को मजबूत करें और उनकी सामाजिक सुरक्षा को पोर्टेबिलिटी प्रदान करें। माम चंद खेड़ी सिम्बल ने कहा कि आज धरने का आज 510 वां दिन है,इतने दिनों के बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा हमारी मांगों को नजरंदाज किया गया है, यह जनभावनाओं के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इंद्र सिंह धानिया ने कहा कि इंटरनेट पर बार बार रोक लगा कर छात्रों के साथ घोर खिलवाड़ किया जा रहा है क्योंकि एक तरफ तो पहले छात्रों को इंटरनेट की आदत डाली,अब यह सुविधा परिक्षाओं के समय में छिनी जा रही है, यह हमारे लोकतंत्र के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है। लोकतंत्र और संविधान से ही हमारे देश का उधार होगा, लोकतंत्र और संविधान की अवहेलना से हम महान राष्ट्र कभी भी नहीं बन सकते, लोकतांत्रिक और संवैधानिक देश में लोकतंत्र और जनतंत्रिक पद्धति को महत्व देना चाहिए और जनता द्वारा उठाए गए सवालों और मुद्दों का सम्मान होना चाहिए और उन पर ध्यान देना चाहिए तथा उनका समाधान भी करना चाहिए और जनता की अज्ञानता को दूर करना चाहिए। धरने पर मनोज कुमार, रोहतास, हजूर सिंह, रामशरण राविश रामदिया, सतबीर प्यौदा, कलीराम आदि भी उपस्थित थे। Post navigation सांसद रणदीप सुरजेवाला ने किसानों, एससी-एसटी व ओबीसी के पक्ष को लेकर सदन में उठाई आवाज धाकड़ किसान, धाकड़ जवान व धाकड़ पहलवान है हरियाणा की पहचान : मुख्यमंत्री