राव इंद्रजीत की तारीफ, उन्हें दो बार अपना मित्र बताया

क्या समय ने रामपुरा हाउस के ‘ठसक’ की ‘धमक’ को कम कर दिया 

खट्टर सरकार की भी जमकर तारीफ

अशोक कुमार कौशिक 

रेवाड़ी में शुक्रवार को हुई पीएम मोदी की रैली कई मायनों में अहम मानी जा रही है। लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुई इस रैली को जहां एक तरफ हरियाणा से लोकसभा चुनाव के प्रचार का आगाज माना जा रहा है। वहीं मोदी के रेवाड़ी दौड़े से हरियाणा की राजनीति को दो तीन नए संकेत मिले हैं। दक्षिणी हरियाणा के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह की तारीफ कर मोदी ने उनकी गुरुग्राम सीट पर दावेदारी को पक्का कर दिया। वहीं दूसरी तरफ से इस रैली से हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन बना रहने के भी संकेत दे दिए। इसके साथ उन्होंने अपने मित्र हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनकी सरकार की भी जमकर तारीफ की। 

केंद्र सरकार की नीतियों को प्रदेश में शत-प्रतिशत लागू करने के लिए सरकार की पीठ थपथपाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अब हरियाणा विकास के मामले में काफी आगे बढ़ गया है। मोदी चूंकि हरियाणा मामलों के प्रभारी भी रहे हैं। ऐसे में वे यहां के वोटरों की नब्ज को अच्छे से समझते हैं।

दरअसल, जननायक जनता पार्टी के नेता व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी शुक्रवार को पीएम मोदी की रैली में मंच पर बैठे दिखाई दिए। मानों बीजेपी की तरफ से जेजेपी गठबंधन से मजबूती के संकेत दिए गए हो। 

पीएम मोदी की रैली में पहुंचे चौटाला

एम्स के शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम मोदी के मंच पर पहले 5 कुर्सियां लगाने की तैयारी थी। लेकिन जनसभा से ठीक पहले योजना बनी कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जिन्हें उचाना जाना था वो रेवाड़ी जनसभा में आने वाले है। इसके बाद पीएम मोदी के दोनों तरफ 4-4 कुर्सियां लगाई गई। मंच पर पीएम मोदी के एक तरफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उनके बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नायब सैनी और महेंद्रगढ़-भिवानी के सांसद धर्मवीर सिंह बैठे दिखाई दिए। वहीं पीएम मोदी के दूसरी तरफ मंच पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, राव इंद्रजीत सिंह और प्रदेश बीजेपी प्रभारी विप्लेव देव बैठे दिखाई दिए। दुष्यंत चौटाला के पीएम मोदी की रैली में पहुंचने को लेकर अब चर्चाएं हो रही है कि उनका गठबंधन बना रहने वाला है। मोदी के भाषण में कई बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का जिक्र करते हुए अबकी बार एनडीए 400 पार का नारा भी लगवाया। इस बार ‘एनडीए-400 पार’ के नारे के साथ ‘हैट्रिक’ का भी ऐलान कर दिया है।

हरियाणा की राजनीति के लिए मोदी का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा की एक-एक सीट पर भाजपा ने जिस तरह से फोकस बढ़ाया हुआ है, उसे देखते हुए हरियाणा में भी लोकसभा की दस सीटों को लेकर भाजपा काफी गंभीर है। पार्टी नेतृत्व 2019 के नतीजे दोहराना चाहता है। यानी हरियाणा में एक बार फिर सभी दस सीटों पर कमल खिलाने की कोशिश में भाजपा जुटी है। लोकसभा के साथ-साथ मोदी ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी दक्षिण हरियाणा के लोगों को साधने का काम किया है।

गठबंधन टूटने की सुगबुगाहटों पर लगी रोक

लोकसभा चुनाव के साथ-साथ हरियाणा में विधानसभा के चुनाव भी होने है? बीजेपी और जेजेपी दोनों ही पार्टियां अलग-अलग चुनाव प्रचार में जुटी हुई है। जिसको लेकर कई बार सवाल भी खड़े हुए है अगर दोनों पार्टियों का गठबंधन है तो चुनाव प्रचार अलग-अलग क्यों? वहीं रेवाड़ी में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के मंच पर जेजेपी का दिखाई देना एनडीए गठबंधन की मजबूती का संकेत माना जा रहा है।

गुरुग्राम सीट राजनीति के हिसाब से काफी अहम है दिल्ली से सटी इस सीट पर पिछले तीन लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने जीत दर्ज की है। तीनों ही बाहर केंद्र सरकार में हुए राज्य मंत्री बने। इनमें दो बार 2014, 2019 में भाजपा तथा 2009 में कांग्रेस की टिकट पर राव इंद्रजीत सिंह ने चुनाव जीता था।

राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा उसका इस क्षेत्र में खासा असर है। पर यह भी सत्य है की ‘रामपुरा हाउस’ का राव राजा बीरेंद्र सिंह के समय का ‘दबदबा’ दिखाई नहीं देता। उस ‘ठसक’ की ‘धमक’ आज दूर-दूर दिखाई नहीं देती। राव इंद्रजीत सिंह को पिछले कुछ समय से भाजपा में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था उनके विरोधी नेताओं को एक-एक करने केवल समायोजित किया गया बल्कि उन्हें संगठन में बड़े पदों पर जिम्मेवारी भी मिली ऐसे में इस बार उनकी गुरुग्राम सेट को लेकर भी चर्चा सबसे ज्यादा थी।

शुक्रवार 16 फरवरी को रेवाड़ी के गांव भालखी माजरा में आयोजित विकसित भारत विकसित हरियाणा रैली के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने राव इंद्रजीत सिंह की तारीफ की उन्हें दो बार अपना प्रिय मित्र बताया साथ ही उनके काम करने के अंदाज का भी जिक्र करते हुए कहा कि हमारे राव इंद्रजीत सिंह बोलते बहुत कम है लेकिन जो तय कर ले वह करते जरूर है।

दरअसल यह रैली राव इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में ही हुई और रैली में भीड़ जुटाना का दारोमदार भी राव इंद्रजीत सिंह के कंधों पर ही था। उम्मीद के अनुरूप भीड़ भी जुटी और राव इंद्रजीत सिंह रैली के जरिए जो संदेश देना चाहते थे वह प्रधानमंत्री की भाषण में मिल भी गया। ऐसे में मोदी ने राव इंद्रजीत सिंह को नई ताकत देने का काम किया।

यह दीगर बात है कि अपने भाषण में राव राजा इंद्रजीत सिंह ने भी प्रधानमंत्री की ‘शान’ में ‘कसीदे’ पढ़े। इस तरह की प्रवृति उनके पिता राव राजा वीरेंद्र सिंह की नहीं थी। वह अपनी शर्तों पर राजनीति करते थे। इसे राव इंद्रजीत सिंह की मजबूरी कहें या समय की विवशता  उन्हें राजनीति में कायम रहने के लिए मोदी की जय बोलनी पड़ रही है।

दूसरा संकेत स्टेज पर हरियाणा में गठबंधन सहयोगी उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को जगह देने पर मिला। फिर प्रधानमंत्री मोदी ने 35 मिनट की स्पीच में पांच बार अबकी बार एनडीए 400 पार का नारा लगवाया। यह एक तरह से ही आने वाले चुनाव में गठबंधन की तरफ ही इशारा है।

दरअसल हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी मिलकर ही गठबंधन की सरकार चला रहे हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर बार-बार तल्खियां देखने को मिल रही थी। पिछले महीने पंचकूला में हुई कोर कमेटी की बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने भी गठबंधन का मामला उठा था। जिसमें ज्यादातर नेता चुनाव में बगैर सहयोगी चुनाव मैदान में उतरने पर राजी थे। चर्चा यह भी चली की चुनाव से पहले गठबंधन टूट सकता है।

क्योंकि प्रदेश प्रभारी विप्लव देव ने भी दो बार अपने बयानों में प्रदेश की 10 की 10 सीटों पर कमल के निशान पर जीतने वाला दावा किया और इधर जेजेपी के वरिष्ठ नेता अजय चौटाला ने भिवानी महेंद्रगढ़ सीट पर या तो खुद या फिर बेटे दिग्विजय चौटाला को चुनाव लड़ने का दावा किया।

लेकिन अब प्रधानमंत्री के दौरे के बाद गठबंधन को लेकर खासकर जेजेपी के नेताओं को कुछ राहत जरूर मिली है। अजय चौटाला पहले ही कह चुके हैं कि गठबंधन रहेगा या नहीं रहेगा इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व करता है।

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