केंद्र सरकार ने किसानों की माँगो को पूरा करने का झूठा वायदा करके किसानों के साथ किया विश्वासघात

किसानों,मज़दूरों एवं कर्मचारियों की माँगे नहीं मानी गई तो होगा बड़ा आंदोलन

गुरुग्राम, 16 फ़रवरी, 2024 – किसानों, मज़दूरों एवं कर्मचारियों की माँगो के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा एवं ट्रेड यूनियंस ने 16 फ़रवरी को ग्रामीण भारत बंद एवं हड़ताल का आह्वान किया था।गुरुग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा,ट्रेड यूनियंस, कर्मचारी संघ एवं अन्य सामाजिक संगठनों के सदस्यगण कमला नेहरू पार्क में हज़ारों की संख्या में इकट्ठा हुए और सभा की। सभा की अध्यक्षता अध्यक्ष मंडल संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह, महासिंह ठाकरान, एटक से सतपाल नयन, सीटू से मूर्ती देवी,एआईटीयूसी से बलवान सिंह, एचएमएस से जसपाल राणा,इंटक से विनोद फोगाट एवं सर्व कर्मचारी संघ से सुरेश नोहरा ने संयुक्त रूप से की। मंच का संचालन ट्रेड यूनियन काउंसिल के संयोजक अनिल पवार ने किया।

सभा में मुख्य रूप से चौधरी संतोख सिंह,कामरेड सतबीर सिंह, बीर सिंह सरपंच, अनिल पवार सूबे सिंह बोहरा,एस एन दहिया, ऊषा सरोहा, रोहतास यादव, कुलदीप सिंह, ओमबीर शर्मा, मीरा देवी, रानी, श्रवण कुमार गुप्ता, अशोक शर्मा,मुकेश डागर, सुशीला कटारिया,माइकल सैनी,सोनू ठाकरान, बसंत कुमार,सूबे सिंह यादव एडवोकेट, पवन चौधरी, भौले गुर्जर, मनोज कुमार, नरेश कुमार, सरपंच अशोक हंस, मोहिंदर कपूर, मनीष मक्कड़, बलवान सिंह दहिया, सुरेश कुमार प्रधान, मंजीत जेलदार, धीरज यादव, श्यामलाल, अभय पूनिया, कंवर लाल यादव, तारीफ़ सिंह गुलिया, नवनीत रोजखेडा आदि ने अपने विचार रखे।संयुक्त किसान मोर्चा एवं ट्रेड यूनियंस के आव्हान पर ग्रामीण भारत बंद एवं हड़ताल पूरी तरह से सफल रही।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की माँगो को पूरा करने का झूठा वायदा करके किसानों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि 378 दिन तक चले किसान आन्दोलन में 750 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए थे। तब प्रधानमंत्री मोदी ने माफ़ी माँगकर तीनों काले क़ानून वापस ले लिए थे।मजबूर होकर झुकी सरकार ने किसानों के साथ कई वायदे किए थे जो आज तक पूरे नहीं हुए। केंद्र सरकार ने अपने वादों को पूरा न कर के किसानों के साथ विश्वासघात किया है। किसानों की मुख्य मांग एमएसपी @ सी 2+50% के द्वारा तंत्रिका क़ानून बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार जब तक एमएसपी की गारंटी का क़ानून नहीं बना देगी तब तक किसान संघर्ष करते रहेंगे।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए अनिल पवार ने कहा कि सरकार 44 श्रम कानूनों को हटाकर चार लेबर कोड बना रही है जो कि मज़दूरों के ख़िलाफ़ है।उन्होंने सरकार से माँग की कि चार लेबरकोड ख़त्म किया जाए।

सभी वक्ताओं ने सरकार से माँग की कि किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी का क़ानून बनाया जाए। चार लेबर कोड ख़त्म किये जाए तथा कर्मचारियों की माँगो को पूरा करें ओर न्यूनतम वेतन 26 हज़ार किया जाए।

सभा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा,ट्रेड यूनियंस एवं अन्य सामाजिक संगठनों के सदस्यगण ने प्रदर्शन करते हुए करते हुए लघु सचिवालय तक गए। प्रदर्शन के दौरान सभी ने किसानों,मज़दूरों एवं कर्मचारियों की माँगो को पूरा करने के नारे लगाए।इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने कहा कि यदि किसानों मज़दूरों एवं कर्मचारियों की माँगे नहीं मानी गई तो फिर एक बड़ा जन आंदोलन होगा ।

संयुक्त किसान मोर्चा एवं टेड यूनियन के ग्रामीण भारत बंद एवं हड़ताल की सभा को पंकज डावर, पर्ल चौधरी एवं दान सिंह तंवर ने भी संबोधित किया ।

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