खट्टर सरकार ने जानबूझकर रिजल्ट में बड़ी गड़बड़ी की : अनुराग ढांडा

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है बीजेपी सरकार – अनुराग ढांडा

ज्यादा नंबर वाले लिस्ट से बाहर और कम नंबर वाले लिस्ट के अंदर कैसे? : अनुराग ढांडा

भाजपा- जजपा सरकार में पर्ची-खर्ची और हेराफेरी का खेल जारी : अनुराग ढांडा

कोर्ट से लेकर युवाओं को भी नहीं एचएसएससी पर भरोसा: अनुराग ढांडा

हाईकोर्ट ने जांच कमेटी में आयोग का सदस्य लेने से इनकार किया : अनुराग ढांडा

एचपीएससी और एचएसएससी के भ्रष्ट और रिश्वतखोर अधिकारियों को सरकारी संरक्षण : अनुराग ढांडा

चंडीगढ़, 10 फरवरी – आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने ग्रुप सी भर्ती मामला फिर से हाईकोर्ट पहुंचने पर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने युवाओं के रोजगार और नई भर्तियों को मजाक बना दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पांच फरवरी को हरियाणा सरकार को इजाजत दी कि वो ग्रुप सी की भर्तियों को करा सके और युवाओं को नौकरी दे सके। लेकिन सरकार ने उस छूट का गलत फायदा उठाकर गलत तरीके से मैरिट लिस्ट बनाकर, गलत तरीके से युवाओं को रोजगार की जद से बाहर रख कर उस छूट का फायदा उठाया। जिसका नतीजा ये है कि एक बार फिर इन भर्तियों पर कोर्ट की मार की तलवार लटक रही है। उन्होंने कहा इन भर्तियों में बहुत से युवा ऐसे हैं जिन्होंने कोर्ट में जाकर बताया कि ग्रुप सी की एएलएम की भर्ती भर्ती में 45.82 मानक रखा गया, इससे ज्यादा अंक के सभी बच्चों को मेरिट लिस्ट में शामिल होना चाहिए था। लेकिन जिसके 51 नंबर आए हैं उसको भी लिस्ट से बाहर निकाल दिया।

उन्होंने कहा एचएसएससी का काम करने का तरीका देखिए कि जिन बच्चों के नंबर ज्यादा हैं वो लिस्ट से बाहर हैं और जिनके नंबर कम हैं वो उनका नाम लिस्ट में है। उसके बाद सीएम खट्टर कहते हैं कि उनकी सरकार में खर्ची पर्ची नहीं चलती। तो फिर सीएम खट्टर बताए कि जिन बच्चों के नंबर थे वो बाहर कैसे हो गए? और जिन बच्चों के नंबर कम थे वो अंदर कैसे हो गए? इसका मतलब खट्टर सरकार में खर्ची पर्ची, हेराफेरी और युवाओं के हक की लूट भी चल रही है। जिसकी वजह से कोर्ट ने सरकार को नोटिस थमा दिया है कि हमको जवाब चाहिए और कोर्ट ने एक कमेटी बना दी है जो तकनीकी पहलुओं की जांच करेगी कि जिन बच्चों ने अपने डॉक्यूमेंट अपलोड किए वो लिस्ट से बाहर कैसे हैं। उस तकनीकी कमेटी में आयोग की रिक्वेस्ट के बावजूद आयोग के किसी भी सदस्य को कोर्ट ने नहीं रखा। इसका मतलब कोर्ट को भरोसा नहीं है कि आयोग के लोग सही तरीके से कोर्ट के काम में सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार सीईटी का एग्जाम होने के बाद से एक भी भर्ती सही तरीके से नहीं करा पाई है। हजारों लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटका है। सीएम खट्टर कहते थे कि हर साल सीईटी का एग्जाम कराएंगे। 2022 में सीईटी एग्जाम में क्वालीफाई हुए साढ़े तीन लाख बच्चों को भी अभी तक पूरा मौका नहीं मिला है। जितनी जॉब होती हैं इनके चार गुना बच्चों को ही सेकेंडरी टेस्ट देने के लिए बुलाया जाता है। लेकिन जो साढ़े तीन लाख बच्चों के बाद छह लाख और बच्चे नौकरियां करने के लिए तैयार हो चुके हैं। उनके लिए खट्टर सरकार की तरफ कोई एग्जाम दोबारा नहीं रखा गया है। इसका मतलब खट्टर सरकार हरियाणा के युवाओं के नौकरी के जायज हक को मार रही है।

उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी देना इनके बस की बात नहीं है। खट्टर सरकार जानबूझकर इसी खामियां छोड़ते हैं जिस कारण भर्तियां कोर्ट में लटक जाती हैं। जब पेपर कराते हैं तो पेपर लीक हो जाते हैं, इस सरकार में 40 से ज्यादा पेपर लीक हो चुके हैं। कई बार नौकरियों का विज्ञापन वापस ले चुके हैं और जानबूझकर इस तरीके के काम करते हैं। ताकि युवाओं को सरकारी नौकरी न देनी पड़े। हरियाणा में 2 लाख सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं। जिस दिन आम आदमी पार्टी की सरकार आएगी पहली कलम से इन सरकारी नौकरियों को भरा जाएगा और हर घर में रोजगार देंगे। भाजपा की तरह हर घर बेरोजगार नहीं देंगे।

error: Content is protected !!