2013 का इतिहास दोहराने के लिए मैदान में उतरेगी टीम 

कल समर्थक राव के जन्मदिन का केक काटेंगे, और पीएम की रैली रूपरेखा को अंतिम रूप देंगे

रविवार को सीएम के साथ एम्स की साइट का निरीक्षण भी कर सकते हैं

दीपेंद्र हुड्डा ने संसद में उठाई मांग, कहा- रेवाड़ी एम्स का बढ़े बजट आवंटन; जितने मिल रहे उतने पर्याप्त नहीं

अशोक कुमार कौशिक 

राव तुलाराम की धरा जहां 13 सितंबर 2013 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के ठीक 2 दिन बाद 15 सितंबर को नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी में ही सैनिकों की रैली को संबोधित कर अपने प्रचार अभियान का श्रीगणेश किया था, क्या 16 फरवरी को पुनः इतिहास दोहराएगी? यह यक्ष प्रश्न एक बार फिर से ‘रामपुरा हाउस’ की ‘शाख’ के समक्ष है। क्या रेवाड़ी की रैली ही दोबारा मोदी को सिंहासन की ओर ले जाएगी? जबकि ‘राव राजा’ का रुतबा व ठसक ‘रामपुरा हाउस’ की न होकर मोदी समर्पण तक पहुंच गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एम्स शिलान्यास का कार्यक्रम माजरा में ही निश्चित होने से जहां केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की टीम भीड़ के लिहाज से 2013 का इतिहास दोहराने के लिए मैदान में उतर चुकी है, वहीं राव विरोधी खेमे का उत्साह अभी तक गायब नजर आ रहा है। चुनाव आते ही विरोधी के में द्वारा उनके खिलाफ तरह की बातें प्रचलित की जाती है। इस रैली की भीड़ ही लोकप्रियता बढ़ाएगी या घटेगी यह तय करेंगी।

शिलान्यास कार्यक्रम भारी भीड़ जुटाकर समर्थक केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की दक्षिणी हरियाणा में पकड़ की झलक एक बार फिर पीएम को दिखाने के लिए तैयार हैं। कम समय होने के बावजूद गुरुग्राम से लेकर नारनौल तक कार्यकर्ताओं की टीम ने भीड़ जुटाने के लिए एक्सरसाइज शुरू कर दी है। 11 फरवरी को राव इंद्रजीत सिंह का जन्मदिन है, इस दिन वह रेवाड़ी में होंगे । जहां वह एम्स प्रोजेक्ट को रैली की तैयारी को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे, साथ ही मुख्यमंत्री के साथ एम्स की साइट का निरीक्षण भी कर सकते हैं।

कार्यक्रम स्थल को लेकर पहले बनी हुई थी असमंजस की स्थिति

पीएम के कार्यक्रम के स्थान को लेकर पहले असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। पहले शिलान्यास गुरुग्राम या किसी अन्य स्थान से कराने पर विचार चल रहा था, ताकि एम्स का क्रेडिट किसी नेता विशेष को नहीं मिल सके। अगर कार्यक्रम माजरा की जगह किसी अन्य स्थान पर होता, तो राव समर्थकों को झटका लग सकता था। माजरा में कार्यक्रम फाइनल होने के साथ ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का उत्साह भी सातवें आसमान पर है। राव के उत्साह ने उनकी बेटी आरती राव के साथ समर्थकों में भी उत्साह बढ़ा दिया है। आरती राव ने गुरुग्राम से पीएम के कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए तैयारी शुरू की है, तो राव के दूसरे समर्थक अपने-अपने क्षेत्रों से भीड़ जुटाने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुके हैं।

2013 में चुनावी अभियान का मोदी ने किया था शुभारंभ 

राव इंद्रजीत से चर्चा के बाद समर्थकों ने अपने-अपने तरीके से अधिक से अधिक लोगों को पीएम की रैली में पहुंचाने के लिए तैयारी तेज कर दी है। इससे पूर्व, पीएम पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी ने 2013 में रेवाड़ी के हुडा मैदान में पूर्व सैनिकों की रैली से चुनाव अभियान की शुरूआत की थी। राव इंद्रजीत सिंह के संयोजन में आयोजित इस रैली में भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। देश में भाजपा की सरकार बनने की नींव रेवाड़ी रैली से ही पड़ी थी। करीब एक दशक बाद पीएम मोदी एक बार फिर रेवाड़ी से ही चुनावी शंखनाद करने का जा रहे हैं। अगर इस रैली में एक बार फिर रिकॉर्ड भीड़ एकत्रित होती है, तो इससे निश्चित रूप से पीएम की नजर में राव का प्रभाव काफी बढ़ जाएगा।

राव विरोधी खेमे ने नहीं दिखाई सक्रियता 

पीएम का कार्यक्रम फाइनल होने के साथ ही एक ओर जहां राव समर्थकों ने कम समय में अधिक भीड़ जुटाने की रणनीति पर एक्सरसाइज शुरू कर दी है, तो दूसरी ओर अभी तक उनके विरोधी खेमे की ओर से पीएम के कार्यक्रम को लेकर कोई हलचल शुरू नहीं की गई हैं। उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि राव की टीम अकेले अपने दम पर भारी भीड़ जुटाने का माद्दा रखती है। ऐसे में फिलहाल राव विरोधी खेमा साइलेंट मोड पर नजर आ रहा है।

कल तय होगी रैली की असली रूपरेखा

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह इस बार अपना जन्मदिन रेवाड़ी में ही मनाने जा रहे हैं। 11 फरवरी को उनके निवास पर होने वाले जन्मदिन कार्यक्रम में एक ओर जहां समर्थक राव के जन्मदिन का केक काटेंगे, तो दूसरी ओर पीएम की रैली को लेकर भी असली रूपरेखा को अंतिम रूप देंगे। राव की ओर से पीएम का कार्यक्रम फाइनल होने के साथ ही समर्थकों को भीड़ जुटाने की तैयारी के संकेत दे दिए गए थे।

750 बेड का अस्पताल होगा

रेवाड़ी के गांव माजरा में 210 एकड़ जमीन पर बनने वाले एम्स को लेकर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने कहा है कि इस पर केंद्र सरकार 1300 करोड़ रुपए खर्च करेगी। माजरा एम्स 750 बिस्तरों का अस्पताल होगा। जिसमें मेडिकल कॉलेज नर्सिंग कॉलेज सहित आईसीयू स्पेशलिस्ट, सुपर स्पेशलिस्ट सहित करीब 1500 व्यक्तियों को प्रतिदिन ओपीडी देखने की सुविधा होगी।

इसके अलावा प्राइवेट वार्ड, ट्रामा बेड, आयुष बेड की सुविधा भी कैंपस में मिलेगी। कैंपस में नाइट सेंटर गेस्ट हाउस, 1000 सीटों का ऑडिटोरियम हॉस्टल में रेजिडेंशियल सुविधा भी बनाई जाएगी। एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोतरी के साथ मेडिकल एजुकेशन, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधी रिसर्च अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा। 

उनका कहना है कि झज्जर जिले के बाढ़सा में एम्स का नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट बनाया गया है जो पूरे देश के कैंसर रोगियों के इलाज के लिए लाभप्रद होगा। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि बाढ़़सा नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के रूप में कार्य करेगा जो की पूरी तरह एम्स दिल्ली की ओर से संचालित होगा। दिल्ली सहित देश भर के कैंसर रोगियों के लिए यह सेंट्रर लाभप्रद होगा। वह कैंसर अनुसंधान से संबंधित कार्य भी यही होंगे।

उधर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज राज्य सभा के शून्य काल में एम्स परियोजना के लिये हरियाणा में प्रस्तावित रेवाड़ी एम्स के लिये अंतरिम बजट में अपर्याप्त बजट आवंटन का मुद्दा उठाते हुए इसे बढ़ाने की मांग की। उन्होंने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि 2015 में इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन 9 साल की देरी के बाद इस वर्ष इसके लिए बजट आवंटित किया गया है।

रेवाड़ी एम्स बनने में लग जाएंगे 12 साल

उन्होंने कहा कि जितना बजट इस वर्ष रेवाड़ी एम्स को दिया है उस हिसाब से रेवाड़ी एम्स की इमारत बनने में ही करीब 12 साल लग जाएंगे, जो कि लंबा समय है इसलिये बजट आवंटन बढ़ाया जाए। ऐसा न हो कि बाकी परियोजनाओं की तरह ही इसका भी कोई काम आगे न बढ़े। इसके अलावा, उन्होंने बाढ़सा एम्स के मंजूरशुदा 10 संस्थान, हरियाणा में मेट्रो विस्तार, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, गुरुग्राम की मंजूरशुदा इंडियन डिफेंस यूनिवर्सिटी आदि परियोजनाओं के लिये भी बजट आवंटन करने की मांग की।

साल 2015 में रेवाड़ी AIIMS बनाने की हुई थी घोषणा

उन्होंने कहा कि देश भर में 22 नये एम्स स्थापित होने हैं। वर्ष 2015 में एम्स रेवाड़ी की भी घोषणा हुई थी, लेकिन कागजों से बाहर आने में ही इसको 9 साल लग गया। 22 नये एम्स के लिए वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में 6800 करोड़ रुपया आवंटित किया गया है जो अपर्याप्त है। इस हिसाब से एक एम्स के हिस्से में करीब 300 करोड़ रुपये ही आएंगे। जो पहले ही करीब एक दशक की देरी झेल चुके एम्स रेवाड़ी के लिए नाकाफ़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में एक एम्स की लागत तयशुदा लागत से करीब 3000 करोड़ रुपये अधिक होना बताया है।

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