कैथल, 12/01/2024 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 473 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता जयपाल फौजी व बलवंत जाटान ने की, जयपाल फौजी ने कहा कि आज राष्ट्रमाता जीजाऊ जयंती और स्वामी विवेकानन्द की जयंती है, हमारे देश में दोनों को बहुत सम्मान दिया जाता है, जीजाऊ अर्थात जीजाबाई छत्रपति शिवाजी महाराज की मां थी, मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी राजे भोसले की माता जीजाबाई का जन्म सिंदखेड़ नामक गाँव में हुआ था, उन्हें जीजाऊ के नाम से भी जाना जाता है, यह स्थान वर्तमान में महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत में बुलढाणा जिले के मेहकर जनपद के अन्तर्गत आता है।

उनके पिता का नाम लखुजी जाधव तथा माता का नाम महालसाबा था,जीजाबाई का विवाह शाहजी के साथ कम उम्र में ही हो गया था, उन्होंने सदैव अपने पति का राजनीतिक कार्यो मे साथ दिया, शाहजी ने तत्कालीन निजामशाही सल्तनत पर मराठा राज्य की स्थापना की कोशिश की थी, लेकिन वे मुगलों और आदिलशाही के संयुक्त बलों से हार गये थे। संधि के अनुसार उनको दक्षिण जाने के लिए मजबूर किया गया था,उस समय शिवाजी की आयु मात्र 14 साल थी ,अत: वे मां के साथ ही रहे, बड़े बेटे संभाजी अपने पिता के साथ गये थे, जीजाबाई का पुत्र संभाजी तथा उनके पति शाहजी अफजल खान के साथ एक लड़ाई में मारे गये। शाहजी की मृत्यु होने पर जीजाबाई ने सती (अपने आप को पति के चिता में जल द्वारा आत्महत्या) होने की कोशिश की, लेकिन शिवाजी ने अपने अनुरोध से उन्हें ऐसा करने से रोक दिया,

बलवंत जाटान ने कहा कि आज स्वामी विवेकानन्द की भी जयंती है, हमें उनके विचारों को आदर्श के रूप में अपनाना चाहिए,उन्होंने कहा था कि शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक का शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक विकास हो सके,शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक के चरित्र का निर्माण हो, मन का विकास हो, बुद्धि विकसित हो तथा बालक आत्मनिर्भर बने, बालक एवं बालिकाओं दोनों को समान शिक्षा देनी चाहिए,धार्मिक शिक्षा, पुस्तकों द्वारा न देकर आचरण एवं संस्कारों द्वारा देनी चाहिए,पाठ्यक्रम वैज्ञानिक होना चाहिए,शिक्षा, गुरू गृह में प्राप्त की जा सकती है, शिक्षक एवं छात्र का सम्बन्ध अधिक से अधिक निकट का होना चाहिए, सर्वसाधारण में शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार किया जान चाहिये, देश की आर्थिक प्रगति के लिए तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की जाय, मानवीय एवं राष्ट्रीय शिक्षा परिवार से ही शुरू करनी चाहिए,शिक्षा ऐसी हो जो सीखने वाले को जीवन संघर्ष से लड़ने की शक्ती दे,

लेकिन मौजूदा सरकार स्वामी विवेकानन्द की सभी बातों को नजरंदाज कर रही है और लोगों को दिखावे के लिए उनकी जयंती सरकारी तौर पर मनाई जा रही है, जबकि उन्होंने अंधविश्वास का घोर विरोध किया था लेकिन इसके बावजूद मौजूदा सरकार श्रीराम की मुर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का स्वांग रच रही है, बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए आवाज उठाने वाले शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया, क्या शिक्षकों पर राजद्रोह जैसे मुकदमे दर्ज करके स्वामी विवेकानन्द का सपना पूरा किया जा रहा है ? स्वामी विवेकानन्द का सपना पूरा करने के लिए हरियाणा सरकार को लोगों की आवाज को सुनना चाहिए और सुनकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। जन शिक्षा अधिकार मंच महापुरुषों के विचारों को जन जन तक पहुंचाने कार्य भी करेगा, धरने पर आज सुरेश द्रविड़, अशोक वर्मा, बलबीर सिंह, हजूर सिंह, जोगेंद्र कश्यप, संदीप, राजेश कुमार, मामचंद खेड़ी सिम्बल, रणधीर ढुंढ़वा, वीरभान हाबड़ी, बलवंत रेतवाल, कलीराम, सतबीर प्यौदा, रामदिया,जसमत, महेंद्र सिंह,धोला राम, राजीव,गौरव आदि भी उपस्थित थे।