मौजूदा सरकार संविधान और लोकतंत्र को दरकिनार करके तानाशाही की ओर बढ़ रही है

कैथल, 08/01/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 469 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता किसान नेता रणधीर ढुंढ़वा व शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने संयुक्त रूप से की, रणधीर ढुंढ़वा ने कहा कि हरियाणा सरकार 20 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद कर रही है और इस प्रकार से 832 स्कूल बंद हो जाएंगे और दुःख की बात यह है कि ये प्राथमिक स्कूल है जबकि प्राथमिक स्कूल बच्चों के एक किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध होने चाहिए,इससे लगभग 8000 विधार्थी प्रभावित होंगे, शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने इस अवसर पर कहा कि मौजूदा सरकार संविधान और लोकतंत्र को दरकिनार करके तानाशाही की ओर बढ़ रही है, पिछले दिनों शिक्षा विभाग हरियाणा और हरियाणा सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में स्वीकार किया था कि शिक्षा विभाग हरियाणा में अभी भी 26000 पद रिक्त हैं, यह संख्या सही आंकलन के अनुसार कहीं इससे भी ज्यादा हो सकती है, अभी भी प्रदेश में 14191 कक्षा कक्षों की आवश्यकता है,313 स्कूलों की अभी भी चारदीवारी नहीं है, इससे पता चलता है कि हरियाणा सरकार शिक्षा जैसे मुद्दों के प्रति कितनी गंभीर है ? प्राथमिक स्कूलों में लगभग 90 प्रतिशत स्कूल बिना सफाई कर्मचारियों के कार्यरत है, इससे सरकार के असली मकसद का पता चलता है।

पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष बिजेंद्र धारीवाल ने जन शिक्षा अधिकार मंच की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार तथा कैथल जिला प्रशासन को तुरंत बातचीत करके समाधान करना चाहिए,आज धरने का 469 वां दिन है, कंपकंपाती ठंड में भी यह धरना जारी है, इंसानियत और मानवता के नाते भी जन शिक्षा से जुड़ी मांगों को जिला प्रशासन को मानना चाहिए। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के जिला प्रधान सुरेंद्र माजरा ने कहा कि सुरेश द्रविड़ की भावना किसी भी प्रकार से देश के खिलाफ नहीं थी बल्कि मौजूदा शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करना था।

बामसेफ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य इंद्र सिंह धानिया ने कहा कि हरियाणा सरकार वास्तव में यदि चिराग योजना को गरीबों के भले के लिए बनाना चाहती है तो इसके सुधार के लिए पहले गरीबों की राय ले और उनके सुझावों को ध्यान में रखकर इसमें सुधार करें और इसको गांरटीमय बना कर लागू करें। यह योजना निजीकरण को बढ़ावा देने वाली है तथा भेदभाव पर आधारित है। क्या सभी गरीबों को एक जैसी शिक्षा की आवश्यकता नहीं है,इस पर हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को सोचना चाहिए। धरने पर आज वीरभान हाबड़ी, मामचंद खेड़ी सिम्बल, बलवंत रेतवाल, कलीराम, हजूर सिंह, सरदार हरदेव सिंह, गुरदेव जांगड़ा, रामनिवास मुवाल, अमन, रामकला,रामदिया, सुखपाल मलिक, रमेश हरित, रमेश देबण, ईश्वर ढांडा,धूप सिंह सिरोही, जयप्रकाश शास्त्री आदि भी उपस्थित थे।

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