-गोगामेडी मर्डर के आरोपी फौजी के गांव पहुंची टीम

-रेवाड़ी में गैंगस्टर महेश के ठिकाने खंगाले, नारनौल के पास मोहनपुर में गैंगस्टर चीकू के घर भी छापेमारी

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। राजस्थान के श्रीराष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए की अलग-अलग टीमों ने बुधवार अलसुबह राजस्थान हरियाणा में रेड की । इनमें अकेले महेंद्रगढ़ के ही आठ गांव गुढ़ा, कैमला, पाथेड़ा, खुड़ाना, दौगड़ा जाट, सुरेहती पिलानिया, मुंडिया खेड़ा तथा मोहनपुर में टीम में पहुंची।

एक टीम ने गोगामेडी हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटर नितिन फौजी के गांव दौंगड़ा जाट में भी जांच की। इसके साथ एनआईए गैंगस्टर महेश सैनी के रेवाड़ी स्थित सती कॉलोनी में घर में छानबीन की। एनआईए ने गांव मोहनपुर जाकर गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू के घर भी छानबीन की। उसके तार लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े होने के कारण एनआईए ने उसे गिरफ्तार किया था। चीकू अभी तिहाड़ जेल में बंद है। उसके घर यह तीसरी बार रेड है।

वही रेवाड़ी के ही गांव भांडोर में नीरज के घर पर भी रेड हुई। पुलिस सूत्रों के अनुसार नीरज लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है ।‌ अलसुबह करीब 5 बजे एनआईए ने एक साथ अलग-अलग जगह पर रेड की।

करणी सेना के अध्यक्ष को घर में घुसकर गोलियां मारी थी

गत 5 दिसंबर को दोपहर करीब 1:30 दो बदमाशों ने गोगामेड़ी पर जयपुर में उसके निवास के अंदर ही गोलियां चलाई, फिर भाग निकले। गोगामेडी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। गोगामेड़ी के साथ घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था।

दोनों शूटर बस में बैठकर हरियाणा के धारुहेड़ा रेवाड़ी आए

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने के बाद दोनों शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौर उसी दिन एक बस में सवार होकर रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा पहुंचे थे। यहां से दोनों शूटर ऑटो में बैठकर रेवाड़ी जंक्शन पहुंचे। वहां से यह रेवाड़ी जंक्शन से हिसार के लिए रेल में बैठकर रवाना हो गए और हिसार में उधम सिंह नाम के शख्स के पास पहुंच गए।

उधम सिंह ही दोनों को घूमने के लिए टैक्सी के जरिए मनाली तक लेकर पहुंचा। उसके बाद तीनों चंडीगढ़ पहुंचे । इस बीच दोनों शूटर के बारे में दिल्ली क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस को लीड मिल गई। 10 दिसंबर को रोहित राठौर, नितिन फौजी व उधम सिंह को चंडीगढ़ के एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया था।

महेंद्रगढ़ जिले के गांव दौंगड़ा जाट का रहने वाला नितिन फौजी दीपावली से पहले 7 नवंबर को आर्मी से 2 दिन की छुट्टी लेकर अपने गांव आया था। नितिन के पिता आर्मी से रिटायर्ड कृष्ण कुमार ने बताया था कि उसका बेटा 9 नवंबर को गाड़ी ठीक करवाने के लिए महेंद्रगढ़ गया था। शाम को 4 बजे तक गाड़ी ठीक हो गई थी। उसके बाद उसके साथ उसका कोई संपर्क नहीं हुआ।

इसी बीच उस पर महेंद्रगढ़ जिले के गांव खुड़ाना में पुलिस टीम पर फायरिंग करने का इल्जाम लगा। उसके साथी तो पुलिस की गिरफ्त में आ गए। लेकिन नितिन फौजी बच निकला। यहीं से वह अपने एक साथी भवानी सिंह के जरिए लॉरेंस ग्रुप के रोहित गोदारा के संपर्क में आया।

उस वक्त भवानी सिंह गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद था। भवानी सिंह ने ही रोहित गोदारा और नितिन फौजी का संपर्क कराया। बाद में उसे पत्नी संग विदेश सेटल करने का ऑफर देकर गोगामेड़ी की हत्या के लिए राजी कर लिया।

सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या के बाद आर्मी से रिटायर्ड नितिन फौजी के पिता कृष्ण कुमार ने बताया था कि नितिन के हत्याकांड में शामिल होने के बारे में मीडिया से पता चला।

नितिन फौजी 19 जाट बटालियन में कार्यरत था। हत्याकांड से पहले उसकी पोस्टिंग राजस्थान के अलवर में थी। नितिन फौजी की शादी 1 साल पहले राजस्थान के बहरोड में हुई थी, अभी उसके कोई बच्चा नहीं है।

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