नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने किया समर्थन न्याय सहायता बिल को तुरंत वापस ले सरकार- सिवाच भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। रोडवेज का कर्मचारी 3 जनवरी 2024 को 11बजे से 1 तक रोडवेज का पहिया रोक कर 2 घंटे का प्रदर्शन करेगा। प्रदेश के डिपो महाप्रबंधकों के माध्यम से केन्द्रीय गृह मंत्री को चालक विरोधी बिल को वापस लेने का ज्ञापन भेजेगा। जिसमें रोडवेज के सभी प्रकार के कर्मचारी भाग लेंगे । हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन रजि0 नंबर 1 राज्य प्रधान नरेंद्र दिनोद व राज्य महासचिव सुमेर सिवाच, सांझा मोर्चा राज्य महासचिव जयबीर घनघस, वरिष्ठ सदस्य देवेंद्र बिट्टू, रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा सम्बंधित एटक के राज्य प्रधान ओमप्रकाश ग्रेवाल, चालक संघ से संजीव कुमार व नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने द्वारा जारी अलग अलग संयुक्त बयानों में उपरोक्त बात कही। अगर सरकार द्वारा 26 दिसंबर को लोकसभा में न्याय सहायता बिल पारित किया यह बिल किसी भी चालाक के हित में नहीं है। इस बिल से सरकारी बस का चालक हो या फिर प्राइवेट बस का चालक हो या अपनी पर्सनल कार, छोटे वाहन का चालक हो, सभी चालकों को बर्बाद करने वाला बिल साबित होगा। इस बिल में दर्शाया गया है कि घायल व्यक्ति को चालक द्वारा अस्पताल में पहुंचाया जाएगा। यह कार्य पहले से ही पूरे देश का चालक करता रहा है, आगे भी करता रहेगा। परंतु कई हादसों चालकों के साथ ऐसे भी हुए हैं एक्सीडेंट होने पर जनता के पीटने पर चालकों की मौत तक हुई है। किन्हीं कारण से चालक घायल व्यक्ति को अस्पताल में नहीं पहुंचता है तो 7 व 10 साल की कठोर कारावास व 10 लाख रुपए जुर्माना किया जाएगा। इसलिए देश भर के चालक इस बिल का विरोध कर रहे हैं। अगर चालक अपनी जान बचाने के लिए भागता है तो जुर्माना सजा के कारण वह जीते जी ही मर जाएगा। इसलिए हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन रजिस्टर नंबर 1 संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व एआइआरवाईडबल्यूएफ बिल का विरोध करती है। वह मांग करती है इस बिल को वापस लिया जाए नहीं तो रोडवेज का कर्मचारी 3 जनवरी 2024 को 11बजे से 1तक रोडवेज का पहिया रोक कर 2 घंटे का प्रदर्शन करेगा। जनरल मैनेजरों के माध्यम से गृह मंत्री को चालक विरोधी बिल को वापस लेने का ज्ञापन भेजेगा। जिसमें रोडवेज के सभी प्रकार के कर्मचारी भाग लेंगे। रोडवेज सांझा मोर्चा से वरिष्ठ सदस्य देवेंद्र बिट्टू के आह्वान पर हरियाणा के सभी डिपो में प्रदर्शन करके विरोध जताएगा। अगर सरकार तब भी नहीं मानती तो केंद्र के सत्र पर बड़ी मीटिंग करके आगामी आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। उधर रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा सम्बंधित एटक के राज्य प्रधान ओमप्रकाश ग्रेवाल, राज्य महासचिव जयबीर घनघस व नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने जारी संयुक्त प्रेस ब्यान में बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को लोकसभा में न्याय सहिंता बिल पारित किया गया हैं। इस बिल का यूनियन चालक हित मे विरोध करती हैं। क्योंकि इस बिल के लागू होने से देशभर का चालक बर्बाद हो जाएगा। इस बिल में यह प्रावधान किया हैं कि वाहन चालक द्वारा घायल व्यक्ति को अस्पताल तक इलाज के लिए पहुंचाना होगा। अगर वाहन चालक द्वारा घायल व्यक्ति को अस्पताल तक नही पहुंचाया तो वाहन चालक को 10 साल की सजा व दस लाख रुपये जुर्माना होगा। देश भर के चालक इस बिल का विरोध कर रहे हैं। इस बिल के लागू होने से चालको पर दोहरी मार पड़ेगी।अगर चालक घायल व्यक्ति को मानवता के तौर पर अस्पताल में ले जाने की हिम्मत भी करता हैं तो उसको डर होता हैं कि वहां मौजूद आक्रोशित जनता उसे जान न मार दे। अगर वाहन चालक मौके से भाग कर किसी प्रकार से अपनी जान बचाता हैं तो उसे अब नया कानून के तहत 10 साल की सजा व 10 लाख जुर्माना जिंदे जी मार देगा। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इस बिल में सजा व जुर्माना के डर से चालक मजबूरी में चालक की नौकरी छोड़ने पर मजबूर होंगे। वाहन संचालको को भी बहुत नुकसान होगा। यूनियन मांग करतीं हैं इस बिल को तुरन्त वापिस लिया जाए। अन्यथा यूनियन इस बिल के विरोध में आंदोलन चलाएगी। कर्मचारी नेताओं द्वारा अपने साथियों को संदेश दिया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा चालकों के खिलाफ”रन वे” “लॉ ऑफ़ डेंजर ऑल ड्राइवर” के नाम का जो कानून लोकसभा और राज्यसभा में पारित किया है,उसके खिलाफ 3 जनवरी को चालक संघ एवं सांझा मोर्चा के आह्वान पर सुबह 11:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक स्टेरिंग छोड़कर हर डिपो के अंदर धरना प्रदर्शन करेंगे। सभी स्टेरिंग छोड़कर सुबह 11:00 से 2:00 बजे तक धरना प्रदर्शन करेंगे। इस जिम्मेवारी को आप अपनी व्यक्तिगत जिम्मेवारी समझे और आने वाली 3 जनवरी को सभी चालक, परिचालक, क्लर्क स्टाफ से एवं हरियाणा रोडवेज की तमाम कर्मचारियों अधिकारियों से अपील की जाती है कि आने वाली 3 जनवरी को सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक धरना प्रदर्शन में अपने प्रस्तुति जरूर दें। यदि फिर भी सरकार इन काले कानून को वापस नहीं लेती तो सांझा मोर्चा लगातार केंद्र ट्रांसपोर्ट फेडरेशन से बातचीत कर रहा है किसी टाइम भी एक बड़े आंदोलन की घोषणा करेगा वह हड़ताल भी हो सकती है। अपील की गई है कि यह रिस्पांसिबिलिटी आप सभी की अपनी खुद की है,साथियों चाहे कोई भी कर्मचारी हो, वो कर्मचारी कहीं ना कहीं चालक जरूर है। कोई बाइक चलाता है तो कोई कार चलता है, तो कोई अपना ट्रक चलाता है,तो कोई बस चलता है,इस तरह की सभी अपनी जिम्मेवारी समझकर धरना प्रदर्शन में अपना जरूरी योगदान दे। Post navigation उस युद्ध में राम हो गए अचेत और सेना छिन्न-भिन्न …….. तब सीता ने चंडी बन दिलाई जीत नारनौल में मांगों को लेकर गरजे पटवारी ………