शिक्षा निदेशक के आदेशों पर भिवानी के जिला शिक्षा अधिकारी ने पांच माह तक जमाई कुंडली

-29 मई 2023 को फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में दिव्यांगजन आयुक्त ने की थी कार्रवाई की सिफारिश, निदेशक के आदेश के पांच माह बाद दोषी प्राचार्य को डीईओ ने भेजा पत्र

-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव को दी शिकायत, अधिकारी पर मिलीभगत की आशंका

-डीईओ भिवानी ने आरोपी पर रिकवरी और कार्रवाई की बजाए उसी से मांगी मामले की रिपोर्ट

भिवानी, 01 जनवरी। हरियाणा राज्य आयुक्त दिव्यांगजन के फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में कार्रवाई की सिफारिश के बाद शिक्षा निदेशालय के आदेशों पर भिवानी का जिला शिक्षा अधिकारी पांच माह तक कुंडली जमाए बैठा रहा। राज्य आयुक्त दिव्यांगजन राजकुमार मक्कड़ ने 29 मई 2023 को भिवानी के प्राचार्य युद्धवीर सिंह को फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हथियाने का दोषी करार दिया था। इस मामले में दिव्यांग अधिनियम की धारा 80-बी का उपयोग करते हुए शिक्षा निदेशक सेकेंडरी को तीन माह में कार्रवाई करके रिपोर्ट न्यायालय मेंं देने की सिफारिश की थी। जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने 27 जुलाई 2023 को जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी को दोषी युद्धवीर द्वारा विभाग से लिए गए सभी लाभों की रिकवरी किए जाने के आदेश दिए गए थे। राज्य आयुक्त के फैसले और शिक्षा निदेशालय के आदेश पत्र जारी किए जाने के बावजूद भिवानी के जिला शिक्षा अधिकारी ने पांच माह तक रिकवरी के आदेशों के इस पत्र पर ही कुंडली जमा ली।

जिस पर स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने शिक्षा निदेशालय से इस मामले में कार्रवाई के बारे में जाना तो पता चला कि डीईओ ने 15 दिसंबर 2023 को आरोपी युद्धवीर सिंह को पत्र जारी कर पर रिकवरी और कार्रवाई करने की बजाए उसी से मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी की आरोपी से मिलीभगत की आशंका पर स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने इस मामले की शिकायत अब हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के अलावा शिक्षा विभाग के निदेशक को भी शिकायत देकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करा कर कार्रवाई की मांग की है।

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि प्राचार्य युद्धवीर सिंह ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की थी। जिसकी राज्य आयुक्त दिव्यांगजन को शिकायत दी थी। जिस पर दिव्यांगजन आयुक्त ने इस मामले में युद्धवीर सिंह को फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में दोषी पाया था और शिक्षा निदेशक को इस मामले में कार्रवाई की सिफारिश कर तीन माह में रिपोर्ट तलब की थी, मगर आज तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

तीन बार शिक्षा निदेशक ने पीजीआई से मेडिकल के दिए दोषी को आदेश, एक बार भी नहीं पहुंचा

दिव्यांगजन आयुक्त की सिफारिश के बाद निदेशक सेंकेंडरी शिक्षा विभाग ने रोहतक पीजीआई के निदेशक को 9 अगस्त 2023 को मेडिकल के लिए पीजीआई में प्रस्तुत होने के आदेश दिए गए थे। लेकिन दोषी युद्धवीर सिंह नहीं पेश हुए। इसके बाद फिर निदेशक ने 11 अगस्त को फिर से पीजीआई में मेडिकल के लिए पेश होने के आदेश दिए। इस पर भी युद्धवीर पेश नहीं हुए। इसके उपरांत रोहतक पीजीआई ने शिक्षा निदेशक को पत्र जारी कर कहा कि दोषी को बार-बार पत्र देने के बाद भी वह मेडिकल के लिए उपस्थित नहीं हो रहा है। इसके बाद निदेशक सेकेंडरी 16 नवंबर 2023 को फिर दोषी को फिर से पीजीआई में मेडिकल कराने के आदेश दिए। इस पर भी दोषी मेडिकल के लिए नहीं पहुंचा। 

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