रणदीप सिंह सुरजेवाला, सांसद, महासचिव, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का बयान

चंडीगढ़, 31 दिसम्बर, 2023

खट्टर-दुष्यंत की जोड़ी युवाओं के भविष्य पर ग्रहण लगाने की दोषी!

‘सत्ता की मलाई’ लूटने की नींव पर बनी भाजपा-जजपा सरकार आम चुनाव से केवल महीनों दूर है। साल 2023 के आखिरी दिन इस आंकलन की आवश्यकता है कि श्री मनोहर लाल खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी ने राजसत्ता की ड्योढ़ी पर किस प्रकार से हरियाणा के नौजवानों के भविष्य की बलि चढ़ा दी। 

हरियाणा के नौजवान लड़के- लड़कियोँ की उम्मीदों और भविष्य को भाजपा-जजपा सरकार ने “शकुनी रुपी पांच चौपड़ की चालों” से छला है:-

1.  हरियाणा में भयंकर बेरोजगारी युवाओँ के भविष्य के लिए सबसे बड़ा श्राप है। 15 से 29 साल के हरियाणा के  युवाओँ के लिए बेरोजगारी की दर 36.2 प्रतिशत है। न सरकारी रोजगार हैं और न ही निजी क्षेत्र में नौकरियाँ। 

2.  हरियाणा मेंHPSC का मतलब अब “हेरा फेरी सर्विस कमीशन” बन गया है और HSSC का मतलब “हरियाणा सर्विस सेल काउंटर” बन गया है। पिछले 5 वर्षों में 45 से अधिक पेपर लीक हो गए और नौकरियों की मंडी में खुलेआम बिके। यहाँ तक कि कमीशन के दफ्तर से भी करोड़ों रुपए के नोटों की अटैचियाँ पकड़ी गईँ। कई SIT बनीं, कई FIR दर्ज हुईं पर न कोई दोषी पाया गया और न ही किसी को सज़ा मिली। 

3.  भाजपा-जजपा द्वारा हरियाणा के युवाओं की दुर्गति का आलम यह है कि जिन नौकरियों की एडवर्टिजमेंट निकाली, पेपर हुए, इंटरव्यु लिए- उन्हें भी भरा नहीं गया। 

पिछले दिनों अख़बार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक क्लास 1 और क्लास 2 स्तर के अफसरों के 1775 पदों पर 963 का ही चयन हुआ।

कुछ महत्वपूर्ण भर्तियां, जिनमें पद खाली रहे, वो इस प्रकार हैं:-

               I.     HCS ExecutiveBranch- कुल पद 100, भरे- 61, खाली रहे- 39

             II.     ADO एग्रीकल्चर- कुल पद 600, भरे- 50, खाली रहे- 550

            III.     पीजीटी म्यूजिक – कुल पद 80, भरे- 25, खाली रहे-55

            IV.     पीजीटी पोलिटिकल साइंस, कुल पद- 287, भरे – 192, खाली रहे- 95

             V.     लेक्चरर इलेक्ट्रिकल, कुल पद- 61, भरे- 40, खाली रहे- 21

            VI.     लेक्चरर कंप्यूटर इंजीनियरिंग, कुल पद- 44, भरे- 34, खाली रहे-10

           VII.     लेक्चरर इंस्ट्रूमेंट, कुल पद- 17, भरे- 8, खाली रहे-9

4.  हरियाणा में जो थोड़ी-बहुत नौकरियाँ भरी भी जाती हैं, उनमें भी हरियाणा के नौजवानों के लिए जगह नहीं है। बल्कि प्रदेश के बाहर से युवाओँ को लाकर हरियाणा में नौकरियाँ दी जाती हैं। 

खट्टर-दुष्यंत की जोड़ी के हरियाणा के युवा विरोधी चेहरे के कुछ उदाहरण देखें:-

             I.     असिस्टेंट प्रोफेसर, पोलिटिकल साइंस में 18 नियुक्तियों में से 11 लोग हरियाणा से बाहर के। 

            II.     SDO इलेक्ट्रिकल में 80 नियुक्तियों में से 78 हरियाणा के बाहर के। बाद में इसे रद्द कर दिया गया है। 

           III.     SDO इलेक्ट्रिकल में99 नियुक्तियों में से 77 हरियाणा के बाहर के। 

           IV.     लेक्चरर ग्रुप ब टेक्निकल एजुकेशन में 157 नियुक्तियों में से 103 हरियाणा के बाहर के। 

            V.     HCS Executive Branch 2017 में 3 नियुक्तियों में से 1 हरियाणा के बाहर के। 

           VI.     District Horticulture officer (DHO) में 26 नियुक्तियों में से 12 हरियाणा के बाहर के। 

          VII.     HCS Executive Branch 2022 में BDPO की 7 नियुक्तियों में से 4 हरियाणा के बाहर के। 

यही नहीं, हजारों नौकरियों की भर्तियाँ पिछले पांच साल से हाई कोर्ट में लंबित हैं। युवा ओवर एज हो गए, दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और सरकार सत्ता की मलाई खाने में व्यस्त है। उदाहरण के तौर पर ग्रुप 56 की 6,419 नौकरियाँ, ग्रुप 57 की 5,697 नौकरियाँ, ग्रुप D की 13,536 नौकरियाँ, TGT की 7,471 नौकरियाँ सब की सब हाई कोर्ट में उलझी पड़ी हैं। 

5.  निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओँ के लिए आरक्षण देने का वायदा भी ‘फटा ढोल’ निकला। 

खट्टर-दुष्यंत चौटाला द्वारा निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं को नौकरी देने के लिए बनाया कानून ‘जुमला’ साबित हुआ और अदालत द्वारा इसे सिरे से ख़ारिज़ कर दिया गया। न तो इस कानून के तहत एक नौकरी मिली और न ही किसी युवा का भविष्य संवारा गया। यही हाल निजी क्षेत्र के निवेश का है। न नई फैक्ट्रियाँ लगीं और न ही नई नौकरियी आईं। उल्टा मारूती ने भी अपने दो प्लांट, जो हरियाणा में लगाने थे, उन्हें गुजरात में जा लगाया, न रेल कोच फैक्ट्री आई और न ही कोई और बड़ा सरकारी उद्योग।

पांच साल की भाजपा-जजपा सरकार का एक ही सार है- युवाओं से ठगी-धोखा-छल!

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