तेल कंपनियां ही नहीं, एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार कमा रही मोटा मुनाफा

क्रूड की कीमतों में गिरावट का फायदा भी जनता को नहीं, अपनी जेब भर रहे

चंडीगढ़, 31 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि देश के हर आदमी की जरूरत बने पेट्रोल-डीजल को भाजपा की केंद्र सरकार ने अपनी कमाई का साधन बनाया हुआ है। सिर्फ तेल कंपनियां ही नहीं, एक्साइज ड्यूटी के बल पर केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर मोटा मुनाफा कमाने में जुटी है। क्रूड की कीमतों में गिरावट का फायदा आम जनता का पहुंचाने की बजाए सब अपनी-अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि क्रूड ऑयल 19 महीने में 29 प्रतिशत सस्ते होने के बाद भी केंद्र सरकार ने अभी तक जनता को कोई राहत नहीं दी है। लगातार तीन तिमाही में ही तेल कंपनियों ने 2 लाख 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमा लिया है। जबकि, कच्चे तेल के दाम 109 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 77 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके बावजूद पेट्रोल, डीजल के दाम में देश के लोगों को सीधी राहत देने की बजाए उनकी जेब को खाली करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। पेट्रोल, डीजल के बढ़े दामों का खेल देश की जनता की समझ में आ चुका है और लोग अब लोकसभा चुनाव के इंतजार में हैं, ताकि मुनाफाखोरी, महंगाई को बढ़ावा देने वाली भाजपा की केंद्र सरकार को देश से चलता कर सकें।

कुमारी सैलजा ने कहा कि तेल कंपनियां खुद स्वीकार कर रही हैं कि उन्हें पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर व डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर मुनाफा हो रहा है। लेकिन, पेट्रोल पर 32.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कमाने वाली भाजपा की केंद्र सरकार चुप्पी साधे हुए है। सरकार का कोई भी नुमाइंदा सरेआम मचाई जा रही इस लूट पर मुंह खोलने तक को तैयार नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार आम जनता के साथ खुलेआम हो रही इस लूट को बंद कर दे तो महंगाई पर भी काफी हद तक लगाम लग जाएगी। खाने-पीने के जरूरी सामान की कीमतें कम हो जाएंगी, जिससे हर निम्न व मध्यमवर्गीय परिवार को राहत मिलेगी। लेकिन, अपने पूंजीपति व मुनाफाखोर मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए व जनता की जेब पर डाला जा रहा डाका जारी रखने के लिए केंद्र सरकार राहत भरा कोई भी कदम उठाने को तैयार नहीं है।

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