-कमलेश भारतीय इधर हरियाणा में लोकसभा चुनाव के साथ साथ विधानसभा चुनाव भी आ रहे हैं और हर राजनीतिक दल एक्शन मोड में है। कहीं सुशासन दिवस मनाने के बहाने जनता के बीच जा रहे हैं तो दूसरा दल परिवर्तन यात्रा कर अवाम के बीच जा रहा है। कोई दल विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम लेकर अवाम के बीच है। कहीं जन संदेश यात्रा की तैयारियां हो रही हैं। इस तरह हरियाणा में हर शहर व गांव में चुनाव का माहौल है यानी इस सर्दी में इतनी गर्मी और सरगर्मी हो रही है कि जनता इधर उधर भौंचक्क देख रही है! वैसे तो मुख्य संघर्ष सत्ताधारी दल भाजपा व कांग्रेस के बीच होने का अनुमान है और यह भी भाजपा-जजपा का गठबंधन जारी रहेगा या नहीं? जहां तक कांग्रेस से भाजपा में शामिल दिग्गज नेता चौ वीरेंद्र सिंह की शर्त है कि यदि भाजपा जजपा से चुनाव गठबंधन समाप्त करेगी तभी वे भाजपा के भगवा रंग में रंगे रहेंगे नहीं तो कोई दूसरा रास्ता चुन लेंगे। इस दूसरे रास्ते की ओर राजीव गाँधी और सोनिया गाँधी की तारीफों के पुल बांध कर इशारा भी कर दिया। इन मुख्य राजनीतिक दलों के अलावा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी भी हरियाणा में अपने पर खोलने को तैयार है। पिछले वर्ष मंडी आदमपुर उपचुनाव में आप की ओर प्रत्याशी उतारा गया था और प्रचार की शुरुआत अरविंद केजरीवाल व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक साथ की थी लेकिन प्रत्याशी बुरी तरह हार गया। आप पार्टी का प्रदर्शन ऐसे रहा जैसे सिर मुंडाते ही ओले पड़ गये हों। अभी आप के अनुराग ढांडा कोशिश में लगे जरूर हैं लेकिन इसका प्रमाव कम होता जा रहा है कूछ नेताओं का मोहभंग होने जा रहा है । अभी चर्चाएं गर्म हैं कि पूर्व मंत्री और उनकी पुत्री चित्रा सरवारा आप पार्टी को अलविदा कहने जा रहे हैं । हालांकि मंडी आदमपुर उपचुनाव में चित्रा सरवारा ने आप प्रत्याशी के लिए खूब प्रचार किया था। फिर आप से एक साल के भीतर ही मोहभंग क्यों हुआ? संभवतः हाल ही में हुए चार राज्यों के विधानसभा के चुनाव परिणाम हैं। इन परिणामों से एक बात साफ हो गयी कि अब जीतने वाली पार्टी को ही जनता चुनने लगी है। वोट पोलराइ्ज हो रहा है। या तो भाजपा या फिर कांग्रेस। निर्दलीय को भी वोट नहीं।बाकी पार्टियों को कोई महत्त्व नहीं। संभवतः यही बड़ा कारण है कि हरियाणा में भी वोट पोलराइ्ज हो गया लगता है। इसे देखते हुए निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा कांग्रेस में शामिल होने का मन बना चुके हैं। नव वर्ष के शुरू के दिनों में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे। इन दोनों का प्रदर्शन बहुत बढ़िया रहा था और अब फिर से निर्मल सिंह अपने पुराने घर लौट रहे हैं और क्या होगा भविष्य ही बतायेगा। हाँ, इससे आप को सचमुच झटका लगा कहा जा सकता है। वैसे अभी शुरूआत है और आने वाले दिनों में यह पाला बदलने के दृश्य सामने आते रहेंगे। हर दल में लोगों का आना जाना लगा रहेगा। ऐसे जैसे सर्कस के खेल में सबसे पहले झूला कार्यक्रम होता है और कलाकार एक से दूसरे झूले पर कलाबाजी करते हैं! चलिए इस बात से खत्म कर रहा हूँ : एक ईंट क्या गिरी मेरे मकान कीलोगों ने आने जाने का रास्ता बना लिया!9416047075 Post navigation आज प्रधानमंत्री द्वारा अयोध्या रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया जिसे देख गर्व की अनुभूति होती है – अनिल विज भारत में वर्ष 2047 तक अमेरिका को पीछे छोड़ने की क्षमता : धनखड