– नैतिक रूप से श्रेष्ठ होना ही भारतीयता की पहचान

– माछरौली डाइट में शिक्षा में नैतिकता विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में पहुंचे भाजपा राष्ट्रीय सचिव औमप्रकाश धनखड़

चंडीगढ , 29 दिसंबर। शिक्षण संस्थान ज्ञान के साथ साथ अच्छे संस्कार देने का केंद्र बनें। नैतिक रूप से श्रेष्ठ होना ही भारतीयता की पहचान है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव औमप्रकाश धनखड़ ने शुक्रवार को माछरौली डाइट में शिक्षा में नैतिकता विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपना वक्तव्य रखते हुए कही। धनखड़ ने कहा कि मनुष्य को जीवन में संस्कार परिवार, शिक्षण संस्थान और सामाजिक संस्थाओं से मिलते हैं। संस्कार यानि पक्का विचार जो व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाए। शिक्षक छात्रों के लिए रोड मॉडल होते हैं इसलिए शिक्षक का अच्छा आचरण छात्र के जीवन पर प्रभाव छोड़ता है। सरकार ने शिक्षकों सहित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को नैतिकता की शिक्षा देने के लिए कर्मयोगी योजना शुरू की है। डाइट में आज यहां शिक्षक कर्मयोगी की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है इसलिए शिक्षकों को भी अपडेट रहना चाहिए। जीवन में सीखते रहने से ही जीवन में नैतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ता है।   

धनखड़ ने कहा कि यही नैतिकता है कि व्यक्ति को बड़ा दायित्व मिलने पर न्याय करना चाहिए। इससे अच्छी व्यवस्था बनेगी और नैतिकता आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि संस्कार का अर्थ है पक्का विचार ।  संस्कार व्यक्ति के आचरण और व्यवहार को नियंत्रण करते हैंं। पक्का विचार है कि अपने से बड़ों का सम्मान करें, पक्का विचार यानि संस्कार  परिवार, आस-पास के माहौल और शिक्षण संस्थानों व संस्थाओं से मिलते हैं। विशेषकर स्कूलों में मिलने वाली शिक्षा से छात्र जीवन में कई पक्के विचार मिलते हैं। बच्चों को बड़ा ध्येय और बड़ा लक्ष्य तय करने की शिक्षा दें, पढ़ने की आदत डालें, दुनिया तेजी से बदल रही है इसलिए उनको तकनीक के साथ अपडेट रहने की आदत डालें। धनखड़ ने कहा कि छात्रों को अपना श्रेष्ठ देने और दूसरे का श्रेष्ठ लेने की बात सिखाएं। शिक्षक अगर  छात्रों को अच्छे संस्कार देंगे तो निश्चित रूप से छात्र उक्त शिक्षक को ताउम्र याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि आरएसएस से उनको पक्के विचार मिले कि मानवता की सेवा करनी चाहिए। आरएसएस की शाखाएं, गुरूकुल और परिवार अच्छे संस्कार प्राप्त करने के केंद्र हैं। 

भाजपा राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि व्यक्ति को जीवन में अपने विचारों और भावनाओं का प्रबंधन आना चाहिए। जीवन में अपने लिए नहीं, दूसरों के लिए इमोशनल होना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि आज नैतिक मूल्यों की बदौलत ही भारत की साख दुनिया में बढ़ रही है। भारतीय नैतिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए हमारे पूर्वजों, संतों, ऋषियों और महापुरुषों ने त्याग और बलिदान दिया है। इसलिए मूल्यों का आदर होना चाहिए। संगोष्ठिï में बतौर मुख्य वक्ता प्रख्यात समाजसेवी डॉ पवन जिंदल मौजूद रहे। संगोष्ठी मेंं पहुंचने पर डी सी कैप्टन शक्ति ङ्क्षसंह, डाइट प्रिंसिपल बीपी राणा सहित मौजूद शिक्षा अधिकारियों व वक्ताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव औमप्रकाश धनखड़ का अभिनंदन किया।

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