अधिवक्ताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए बैठने का स्थान पड़ गया है कम

डा. बीआर अंबेडकर हॉल का कराया गया है निर्माण, समस्या का कुछ हो सकेगा समाधान

गुडग़ांव, 28 दिसम्बर (अशोक): जिला अदालत व जिला बार एसोसिएशन प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत व एसोसिएशन मानी जाती हैं। हजारों की संख्या में अधिवक्ता गुरुग्राम न्यायालय के लिए पंजीकृत हैं। पिछले दिनों हुए जिला बार एसोसिएशन के चुनाव में मतदान करने वाले अधिवक्ताओं की संख्या 4 हजार से अधिक थी। प्रतिवर्ष नए अधिवक्ताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। उनके बैठने की जगह भी कम पड़ गई है। न्यायालय के लिए बनाए गए भवन भी काफी पुराने हो गए हैं और अदालतों की संख्या भी काफी बढ़ी हैं। कुछ अदालतों को श्रमिक भवन में भी लगाया जाता है।

प्रदेश सरकार ने जिला न्यायालय के लिए जस्टिस टॉवर के निर्माण का कार्य शुरु कराया हुआ है। इस जस्टिस टॉवर का निर्माण जिला अदालत परिसर के पास ही कराया जा रहा है। बहुमंजिली जस्टिस टॉवर का निर्माण कार्य अब कुद धीमा पड़ गया है। हालांकि निर्माण कार्य के लिए बनाई गई भवन निर्माण कमेटी समय समय पर निर्माण कार्य का जायजा भी लेती रही है। पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय की निर्माण कमेटी के पदेन न्यायाधीश भी निर्माण कार्य का जायजा लेने के लिए अपने दौरे करते रहे हैं। लगता है कि अभी निर्माण कार्य पूरा होने में समय लगेगा।

अधिवक्ताओं की संख्या को देखते हुए प्रतिवर्ष अधिवक्ताओं के बैठने के लिए हॉल का निर्माण किया जाता रहा है। इस वर्ष भी बिल्डिंग कमेटी ने डा. बीआर अंबेडकर के नाम से अधिवक्ताओं के बैठने के लिए हॉल का निर्माण कराया है। हालांकि यह निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। इस हॉल का निर्माण अधिवक्ताओं के वाहनों के लिए जो पार्किंग स्थल था, वहां पर किया गया है। अधिवक्ता अब अपने वाहन परिसर से बाहर बनाई गई वाहन पार्किंग में खड़ा कर रहे हैं। इस हॉल का निर्माण होने से कुछ नए अधिवक्ताओं को बैठने का स्थान अवश्य मिल जाएगा, लेकिन फिर भी काफी अधिवक्ता सीट न मिलने से वंचित रह जाएंगे, ऐसा वरिष्ठ अधिवक्ताओं का मानना है। उनका कहना है कि जिन्हें सीट नहीं मिली है, वे एक दूसरे के साथ एडजस्ट होने का प्रयास करेंगे।

इस हॉल के निर्माण को लेकर कार्यरत अधिवक्ता दबी जुबां से आरोप भी लगा रहे हैं कि हॉल के निर्माण के लिए कई वृक्ष भी बलि का शिकार हो गए। जबकि वृक्षों की कटाई के लिए काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं। शायद वह नहीं की गई।

उधर बिल्डिंग कमेटी के सदस्यों का भी कहना है कि किसी भी हरे वृक्ष की कटाई नहीं की गई है। बिल्डिंग कमेटी सदैव अदालत परिसर को हरा-भरा रखने में विश्वास करती रही है, जिसके लिए प्रतिवर्ष पौधारोपण भी अधिवक्ता सदस्यों द्वारा कराया जाता रहा है। रोपित किए गए पौधों की देखभाल की नियमित रुप से कराई जाती रही है। इस प्रकार के आरोप बेबुनियाद है। अधिवक्ताओं के इस अरेंजमेंट के लिए ही नए हॉल का निर्माण कराया गया है, ताकि अधिक से अधिक अधिवक्ताओं को बैठने के लिए सीट मिल सके और वे अपना कार्य सुचारु रुप से कर सकें।

अदालत परिसर में सफाई व्यवस्था, पेयजल व बिजली आपूर्ति की समस्याओं से भी अधिवक्ताओं को जूझना पड़ा। अधिवक्ताओं का कहना है कि इन समस्याओं की ओर विशेष ध्यान दिए जाने की जरुरत है। अदालत परिसर में बिजली आपूर्ति के लिए उच्च क्षमता वाले उपकरण लगाए जाने चाहिए, ताकि बिजली व्यवस्था बाधित न हो। अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी अधिवक्ताओं का मानना है कि सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी होनी चाहिए, ताकि आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके।

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