ड्रोन के रेट तय करने के लिए कृषि विभाग की आयोजित हुई बैठक

उच्चाधिकारियों से बात कर निश्चित किए जाएंगे जिला में ड्रोन के दाम

गुरूग्राम, 20 दिसंबर। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा है कि सस्ती दरों पर अत्याधुनिक मशीनी तकनीक को उपलब्ध करवा कर ही खेती में किसान के लागत व्यय को कम किया जा सकता है। इसी मकसद से भारत सरकार कृषि क्षेत्र में ड्रोन के प्रयोग को लेकर आई है।

एडीसी आज लघु सचिवालय के सभागार में ड्रोन के जिला में सरकारी रेट तय करने के लिए कृषि विभाग द्वारा आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में कृषि विभाग के अधिकारी, ड्रोन चलाने वाली निजी कंपनियों के प्रतिनिधि व सहयोगी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर कंपनी प्रतिनिधियों ने प्रति एकड़ ड्रोन के खर्च की दरें सामने रखीं और विचार-विमर्श के बाद अपने फाइनल रेट दिए।

एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि देश में किसान की आय को किस प्रकार से बढ़ाया जाए। एक ड्रोन दस लीटर के टैंक से नैनो यूरिया को एक एकड़ भूमि में 6 मिनट में स्प्रे कर देता है। इससे पानी व समय की भी बचत होती है तथा किसान को फसल की 8 से दस प्रतिशत अच्छी पैदावार मिलती है। उन्होंने कंपनियों को आश्वस्त किया कि कृषि विभाग के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर अंतिम दरें ड्रोन की तय कर दी जाएंगी। इस विषय में कंपनियों को भी अपने सामाजिक दायित्व को समझना होगा।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. अनिल तंवर ने बैठक में बताया कि जिला के 62 किसानों ने ड्रोन से छिड़काव के लिए अपनी 301 एकड़ भूमि को पंजीकृत करवाया है। सरकार किसान से 100 रूपए लेकर प्रति एकड़ में ड्रोन से नैनो यूरिया का स्प्रे करवाएगी। इसका बाकी खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

इफको के प्रबंधक हितेंद्र सिंह ने बताया कि इफको ने हरियाणा प्रदेश में 98 महिला व पुरुष किसानों को ड्रोन उड़ाने की हिसार में 15 दिन की ट्रेनिंग करवाई है। इनमें से तीन गुरुग्राम के हैं। जो कि हिमांशी, शर्मिला व रामकिशन हैं। ये ड्रोन पायलट भी बैठक में उपस्थित थे। एडीसी ने कहा कि इन महिला पायलट से गांवों के विकसित भारत संकल्प यात्रा जनसंवाद कार्यक्रम में ड्रोन उड़वाया जाए।

इस मौके पर गो ग्रीन कंपनी के एमडी डा. शंकर गोयनका, स्पर्श कंपनी की अधिकारी गुंचु अरोड़ा, कृषि विज्ञान केन्द्र की अधिकारी डा. अनामिका शर्मा, कृषि अभियंता यादवेन्द्र सिंह, कृषि अधिकारी भागींद्र सिंह, नाबार्ड से जगदीश इत्यादि मौजूद रहे।

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