समाज उत्थान में महिलाओं को आगे लाने के लिए प्रदेश भर में होंगे संवर्धिनी समागम

17 दिसंबर को मानेसर में होगा पहला संवर्धिनी समागम

प्रदेश भर में होंगे सात समागम, तीन-तीन हजार जागरूक महिलाएं होंगी शामिल

गुरुग्राम: महिलाएं देश के विकास में ज्यादा से ज्यादा भूमिका निभा सकें, इसके लिए जागृत महिलाओं को एक मंच पर लाने के लिए श्री शक्ति सेवा संस्थान हरियाणा में भी एक बड़ी पहल करने जा रहा है। प्रदेशभर में जागृत महिलाओं के सात “संवर्धिनी समागम” करने का फैसला लिया गया है। संवर्धिनी समागम की शुरुआत गुरुग्राम के मानेसर से होगी। मानेसर में 17 दिसंबर को होने वाले संवर्धिनी समागम में गुरुग्राम व नूहं जिले की तीन हजार से अधिक जागृत महिलाएं शामिल होंगी। जो “भारतीय स्त्री दर्शन”, “महिलाओं के समक्ष स्थानीय समस्याएं एवं समाधान”, “भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका” विषयों पर चर्चा करेंगी। मानेसर के बाद 24 दिसंबर को फरीदाबाद में महिलाओं का यह समागम होगा। संबंधित कार्यों के लिए टोलियां गठित कर दी गई हैं। मानेसर के सेक्टर एक कम्युनिटी सेंटर में 17 दिसम्बर को होने वाले समागम की संयोजिका प्रतिमा मनचंदा को बनाया गया है। श्रीमती प्रतिमा मनचंदा को फरीदाबाद और रेवाड़ी में होने वाले समागम की संयोजिका का दायित्व भी दिया गया है।
महिला समन्वय हरियाणा के पालक श्री प्रताप सिंह समन्वयक के रुप में हरियाणा भर में होने वाले सभी संवर्धिनी समागम में उपस्थित रहेंगे। महिला समन्वयक हरियाणा के पालक श्री प्रताप सिंह और महिला विभाग सम्मेलन की केंद्रीय संचालन समिति की प्रमुख रेणु पाठक ने बताया कि प्रदेश भर में होने वाले सभी सातों समागमों की तिथि तय हो गई है। उन्होंने बताया कि 28 जनवरी को एक ही दिन में रोहतक, हिसार और करनाल में संवर्धिनी समागम आयोजित होंगे। इसके बाद 4 फरवरी को रेवाड़ी, 18 फरवरी को अंबाला में संवर्धिनी समागम होंगे। उनके अनुसार हर समागम में तीन हजार महिलाओं के सहभागी होने का लक्ष्य रखा गया है।

मानेसर समागम की संयोजिका श्रीमती प्रतिमा मनचंदा ने बताया कि मानेसर संख्या तीन हजार से अधिक भी हो सकती है। इस समागम में भारतीय स्त्री दर्शन, महिलाओं के समक्ष स्थानीय समस्या एवं समाधान व भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका जैसे प्रमुख विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी। इस एक दिवसीय समागम को सार्थक बनाने के लिए टोलियां गठित कर दी गई है। श्रीमती मनचंदा के अनुसार इस समागम में गांव की सरपंच, पंच, पार्षद, अधिवक्ता, चिकित्सक, सीए, खिलाड़ी, अवार्डी, शिक्षिकाएं, अन्य व्यवसाय से जुड़ी, सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिलाएं भाग लेंगी। ऐसे महिलाओं से संपर्क करने लिए 20 से अधिक टोलियां बनाई गई है। हर वर्ग से बहने इस विशेष समागम में भाग ले सके इसकी पूर्ण योजना बना ली गई है व उस पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही भारत की वीरांगनाओं की प्रदर्शनी, स्वदेशी उत्पाद, पर्यावरण संरक्षण के उपाय, ऑर्गेनिक खाद्य के उत्पाद का अनुकरणीय सन्देश भी दिया जाएगा।

ये महिला हस्तियां रहेंगी मौजूद
श्रीमती मनचंदा ने बताया कि समागम की गरिमा का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वागत समिति में वरिष्ठ समाज सेविका मीना जिंदल की अध्यक्षता में पद्मश्री कबड्डी कोच सुनील डबास, प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति यादव, सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य इंदु जैन, वाईएमसीए फरीदाबाद विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार मेहा भारद्वाज व समाज सेविका अनिता गर्ग शामिल है।
महिला विभाग सम्मेलन की केंद्रीय संचालन समिति की प्रमुख रेणु पाठक ने बताया कि श्री शक्ति सेवा संस्थान के माध्यम से समूचे भारत वर्ष में इस प्रकार के समागम का आयोजन किया जा रहा है। उसी के अंतर्गत 17 दिसम्बर को नूह और गुरुग्राम जिले की अग्रणी भूमिका में रहने वाली महिलाओं का यह समागम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर तक देशभर में 211 सम्मेलन सम्पन्न हो चुके हैं।

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