जुर्माना राशि का 24 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को भुगतान करने का बिजली निगम को दिया आदेश

गुडग़ांव, 9 दिसम्बर (अशोक): बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज मानसी गौड़ की अदालत ने बिजली चोरी के मामले को गलत पाते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस किया जाए।

सैक्टर 55 क्षेत्र के उपभोक्ता अनिल के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 अगस्त 2021 को विजिलेंस की टीम ने छापामारी की थी, जिसमें बिजली निगम ने उपभोक्ता पर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए उन पर 2 लाख 23 हजार 629 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। हालांकि उपभोक्ता ने इसका विरोध भी किया था और बिजली निगम के अधिकारियों से आग्रह किया था कि वह बिजली की चोरी नहीं कर रहा था, लेकिन बिजली निगम ने उसकी एक नहीं सुनी। कहीं बिजली का कनेक्शन न कट जाए, इस डर से उपभोक्ता ने बिजली निगम को जुर्माना राशि का पूरा भुगतान कर अदालत में केस दायर कर दिया था। मामला अदालत में चला।

बिजली निगम ने जो दस्तावेज व गवाह अदालत में पेश किए, उनसे उपभोक्ता द्वारा बिजली चोरी करने के आरोप साबित नहीं हो सके। इस पर अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिए कि जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान उपभोक्ता को 24 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता अब बिजली निगम के खिलाफ ह्रासमेंट का केस अदालत में डालने की तैयारी कर रहा है। अधिवक्ता का कहना है कि इससे पहले भी बहुत से बिजली चोरी के मामले में कोर्ट द्वारा गलत करार दिए जा चुके हैं।

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