रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशन विषय पर हुई व्यापक चर्चा

देश-विदेश के शिक्षाविदों, प्रोफेशनल और वैज्ञानिकों ने अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किए शोध-पत्र

गुरुग्राम, 22 नवंबर। के डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री द्वारा ‘रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशिता’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ बड़े उत्साह के साथ विश्विद्यालय परिसर सेक्टर 51 में माननीय अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में एमएस यूनिवर्सिटी,भरतपुर,राजस्थान के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में सीएसआईआर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. राम विश्वकर्मा ने सम्मेलन में भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की।

गुरुग्राम विवि. के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह एवं डीन अकादमी अफेयर्स डॉ. सुभाष कुंडू ने सम्मलेन में मुख्य संरक्षक की भूमिका निभाई ।इस मौके पर गुरुग्राम विवि. के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि दो दिनों तक चलने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य रसायन, पेट्रोकेमिकल, फार्मास्युटिकल और पॉलिमर उद्योग के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ-साथ शिक्षा जगत के जाने-माने प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विविधता और समावेशिता प्राप्त करने के लिए नवीनतम रुझानों, प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों पर व्यापक चर्चा करने के लिए एक साथ एक मंच पर लाना था। कार्यक्रम में देश विदेश से आए छात्र-छात्राओं,शिक्षकों,शोधकर्ताओं समेत बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने भाग लेकर शोधपत्र प्रस्तुत किए। अंतराष्ट्रीय सम्मलेन में भाग लेने हेतु कुल 150 रजिस्ट्रेशन किए गए ।

दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मलेन के पहले दिन यूके, जर्मनी, यूएसए से आए विशेषज्ञों ने छात्रों को अनुसंधान को बढ़ावा देना हेतु विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी । इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएस यूनिवर्सिटी, भरतपुर, राजस्थान के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र ने जीयू के डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री की पूरी टीम को इस आयोजन के लिए बधाई दी और छात्रों के ज्ञानवर्धन हेतु किए जा रहे प्रयासों के लिए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ‘रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशिता’ विषय बहुमुखी है यह हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। इस दौरान उन्होंने रासायनिक उद्योग में स्थिरता,इस क्षेत्र की चुनौतियां और अनुसंधान की आवश्यकता, तथा इस दिशा में उद्योग और शिक्षा जगत के शोधकर्ताओं के बीच सहयोग जैसे विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित सीएसआईआर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. राम विश्वकर्मा ने कहा कि वर्तमान समय की ज्यादातर समस्याओं का समाधान प्रौद्योगिकी से संभव है। ऐसे में शोधार्थियों को लगातार नई तकनीक से मनुष्य के जीवन को सरल और सुगम बनाने की दिशा में प्रयासरत रहना होगा। इस अवसर पर प्रो रंजना अग्रवाल, निदेशक, सीएसआईआर, कार्यक्रम की संयोजक प्रो. सरला बालचंद्रन समेत विवि.के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे ।

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