भाजपा-जजपा के लिए आरक्षण केवल चुनावी स्टंट : लाल बहादुर खोवाल हिसार : राज्य में निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण के कानून को हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के संदर्भ में हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि इस मामले में सरकार ने ढुलमुल रवैया अपनाया है। भाजपा ने आरक्षण देने के नाम पर वोट हथियाने के लिए हमेशा युवाओं के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा-जजपा हरियाणा के युवाओं को आरक्षण देना ही नहीं चाहते। आरक्षण उनके लिए मात्र चुनावी स्टंट है। इसलिए भाजपा-जजपा ने हाईकोर्ट में आरक्षण के मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण के मामले में सरकार को बड़ा झटका देते हुए रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि यह भाजपा-जेजेपी का बड़ा चुनावी वादा था। सरकार ने वादा किया गया था कि प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी हरियाणवी युवाओं को आरक्षण मिलेगा। इस प्रावधान के तहत निजी सेक्टर की कंपनियों में 75 फीसदी हरियाणा के निवासियों को नौकरी देने का नियम था। बाकी 25 फीसदी नौकरी भारत के सभी राज्यों के लिए थी। हरियाणा सरकार ने स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट एक्ट 2020 बनाया था, जिसमें तय किया कि निजी कंपनियों, सोसाइटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म समेत ऐसे तमाम निजी सेक्टर में हरियाणा के युवाओं को नौकरी में 75 फीसदी रिजर्वेशन देना होगा। हालांकि इससे पहले भी तय किया गया था कि रिजर्वेशन सिर्फ उन्हीं निजी संस्थानों पर लागू होगा, जहां 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी नौकरी कर रहे हों और वेतन 30 हजार रुपए प्रतिमाह से कम हो। इस मामले में वर्ष 2021 में श्रम विभाग ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था कि हरियाणा में निजी कंपनियों में हरियाणा के मूल निवासियों को 75 फीसदी नौकरियां देनी होंगी। इसके बाद इस कानून के खिलाफ कई बड़ी प्राइवेट कंपनियों ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया था। हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने सरकार की इस नाकामी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा-जजपा हमेशा वोट की राजनीति करती है। इन्हें हरियाणा और यहां के युवाओं के भविष्य से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे इन पार्टियों की सच्चाई जनता के सामने आ रही है और जनता आने वाले लोकसभा चुनाव व हरियाणा विधानसभा चुनाव में अवश्य सबक सिखाएगी। Post navigation पुरुष संवेदनशीलता के बिना महिला सशक्तिकरण अधूरा वानप्रस्थ संस्था ने 50- टी . बी. ग्रस्त रोगियों को बाँटी पौष्टिक आहार की चौथी क़िस्त