गुरुग्राम, 02 नवंबर। राष्ट्रीय तनाव जागरूकता दिवस के उपलक्ष्य में वीरवार को डीसी निशांत कुमार यादव के मार्गदर्शन में होम्योपैथिक डिस्पेंसरी दौलताबाद में आयुष विभाग गुरुग्राम की तरफ से जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नीतिका शर्मा ने बताया की हर साल 2 नवंबर को राष्ट्रीय तनाव जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। शरीर और स्वास्थ्य पर तनाव और इसके हानिकारक प्रभाव के बारे में जागरूकता लाने के लिए इसका आयोजन किया जाता है। यह एक वैश्विक स्तर का अभियान है, जिसका उद्देश्य है लोगों को तनाव क्या है और इसको किस तरह से डील करें के बारे में जागरूक करना।

आमतौर पर देखा जाता है कि हर व्यक्ति अवसाद से ग्रसित है चाहे वह किसी भी उम्र व लिंग से संबंधित है। किसी काम में मन ना लगा पाना, एक साथ कई चीजे दिमाग में चलना, छोटी-छोटी चीज भूलना, घबराहट होना, शरीर में कंपन होना, बार बार सिर दर्द हो जाना जैसी चीज बताती हैं की आप पर अवसाद हावी हो रहा है। इसके लिए योगा, मेडिटेशन व होम्योपैथी का सहारा लिया जा सकता है। होम्योपैथी मानसिक बीमारियों में बहुत अच्छा काम करती है। क्योंकि इसमें हम रोगी के बीमारी के नाम से नहीं बल्कि उसको संपूर्ण तरीके से को जानने की कोशिश करते हैं। जिससे हमें बीमारी की जड़ का पता लगता है। होम्योपैथिक दवाइयां शरीर पर किसी भी तरह का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालती हैं व इन दवाइयों की कोई आदत भी नहीं लगती है।

यह पूरी तरह से सुरक्षित है। शिविर में डॉ. रेनू, हरगंगे व अन्य का सहयोग रहा।

error: Content is protected !!