राष्ट्रीय सामाजिक संगठन लोक सेवा मंच के धर्म -संस्कृति प्रकोष्ठ की ओर से मंदिर ,मस्जिद ,गुरुद्वारा,गिरजाघर ,मठ ,धर्मशाला , आश्रम आदि धार्मिक- सांस्कृतिक संस्थाओं में कार्यरत सेवादारों की 5 सूत्री ज्वलंत मांगों को लेकर जनहित में आवाज बुलंद उठाई गई ज्वलंत मांगे : इन संस्थाओं में कार्यरत सेवादारों को सरकारी खजाने से प्रतिमाह मिलना चाहिए न्यूनतम 20 हजार रुपये सम्मान भत्ता सेवादारों एवं उनके परिवारजनों को सरकार से मिलना चाहिए 10 लाख रुपए का वार्षिक मेडिकल इंश्योरेंस कवर सभी धार्मिक- सांस्कृतिक संस्थाओं के बिजली पानी के बिल जनहित में किये जाएं पूर्णतया माफ प्रत्येक धार्मिक- सांस्कृतिक संस्था को मरम्मत, ब्यूटीफिकेशन आदि के लिए सरकार से मिलना चाहिए न्यूनतम 5 लाख रुपए का वार्षिक अनुदान इन संस्थानों में बड़े डेवलपमेंट या इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य के लिए भी डी-प्लान के तहत सरकार से मिलना चाहिए 30 प्रतिशत कॉन्ट्रिब्यूशन योगदान 👉 विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक- संस्थाओं में कार्यरत लोगों ने राष्ट्रीय सामाजिक संगठन लोक सेवा मंच के धर्म- संस्कृति प्रकोष्ठ के माध्यम से उठाई जोरदार आवाज , देश -प्रदेश सरकारों से इन पांच सूत्री मांगों पर जनहित में तुरंत विचार करने का किया जोरदार अनुरोध 👉 राष्ट्र , समाज, परिवार और व्यक्तियों को आगे बढ़ाने में धार्मिक- सांस्कृतिक संस्थाओं एवं इनमें कार्यरत लोगों है का महत्वपूर्ण योगदान , जिनकी समस्याओं एवं न्यायोचित मांगों पर तुरंत ध्यान दिया जाना तर्कसंगत : अशोक प्रधान लोक सेवा मंच रेवाड़ी । पांच सूत्री ज्वलंत मांगों को लेकर विभिन्न धार्मिक- सांस्कृतिक संस्थाओं में कार्यरत सेवादारों एवं सामाजिक विचारकों ने मिलकर जनहित में सक्रिय राष्ट्रीय सामाजिक संगठन लोक सेवा मंच के धर्म- संस्कृति प्रकोष्ठ के माध्यम से जोरदार आवाज बुलंद की है । प्राप्त जानकारी के अनुसार सिलसिले में एक परिचर्चा सम्पन्न हुई । जिसमें मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा एवं आश्रम के प्रतिनिधियों सहित सामाजिक कार्यकर्ता एकजुट दिखाई दिए । परिचर्चा में भाग लेते हुए स्थानीय ऐतिहासिक पंचमुखी महादेव मंदिर में कार्यरत पुजारी लक्ष्मण प्रसाद शर्मा ने हिंदू मंदिरों में कार्यरत पुजारियों और मंदिरों की लड़खड़ाती आर्थिक व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए उनके हालातों को बेहतर बनाने तथा समाज-राष्ट्र क़ो लगातार सेवाएं देने में सक्षम बनाए रखने के लिए सरकार से उपरोक्त 5 सूत्री मांगों पर जल्द विचार करने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि 8 से 10 हजार प्रतिमाह की आमदनी से उनकी व परिवार की गुजर बसर बहुत मुश्किल से हो रही है । मंदिरों की जरूरी साज- सज्जा और रखरखाव भी आर्थिक तंगी के कारण सही ढंग से नहीं हो पाती है । बिजली पानी के बिल तक चुकाने में मंदिरों के प्रबंधकों, पुजारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है । इस मसले पर चर्चा करते हुए मुफ्तीवाड़ा मस्जिद के मौलवी मौहम्मद उमर इमाम ने कहा कि उसको 6000 रूपए प्रतिमाह मिलता है , जिससे उनका व परिवार का गुजारा करना बहुत ही मुश्किल हो रहा है । उन्होंने सरकार से उनको व उनके अन्य सभी समकक्ष मौलवियों , इमामों को प्रतिमाह गुजारे लायक उपयुक्त आर्थिक मदद देने की मांग की । उन्होंने मुख्यमंत्री से सभी मस्जिदों के रखरखाव में मददगार आर्थिक योगदान सहित उठाई गई सभी पांचों मांगों का जोरदार समर्थन किया । साथ ही देश-प्रदेश की सरकारों से उनकी मांगों पर बहुत जल्द विचार करने का अनुरोध किया । इसी सिलसिले में अपनी बात रखते हुए सिंह सभा गुरुद्वारा बारा हजारी के ग्रंथी मिलाप सिंह ने कहा कि उनकी व गुरुद्वारों की आर्थिक व्यवस्था पिछले काफी समय से बिल्कुल चरमराई हुई है , जिसको अब सरकार के योगदान से ही संभाला जा सकता है । उन्होंने भी सरकार से 5 सूत्री चर्चित मांगों पर तुरंत जनहित में ठोस निर्णय लेने का विनम्र आग्रह किया । ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्थाओं के प्रतिनिधि के बतौर केएलपी कॉलेज के समक्ष स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा से पधारे बीके भाई राम सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक संगठन लोक सेवा मंच के धर्म- संस्कृति प्रकोष्ठ के माध्यम से उठाई जा रही चर्चित सभी पांचो मांगें बहुत जायज और ज्वलंत हैं , जिन पर जनहित में विचार करके तुरंत स्वीकार किया जाना उचित होगा । उन्होंने कहा कि लोक सेवा मंच का धर्म -संस्कृति प्रकोष्ठ धार्मिक, सांस्कृतिक संस्थाओं एवं उनमें कार्यरत लोगों की अन्दरूनी मगर भारी तकलीफों को सामने लाकर बहुत अच्छा कार्य कर रहा है । साथ ही उन्होंने सरकार से सभी पांचो मांगों को तुरंत पूरा करने का जोरदार अनुरोध किया । जनहित में आयोजित उक्त परिचर्चा में राष्ट्रीय प्रगतिशील विचारक एवं सामाजिक कार्यकर्ता अशोक प्रधान लोक सेवा मंच ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि देश -प्रदेश की सभी धार्मिक- सांस्कृतिक संस्थाओं में कार्यरत सेवादारों की उपरोक्त सभी मांगे न्यायोचित हैं , जिन पर व्यापक जनहित में सहानुभूतिपूर्वक विचार करके तुरंत राहत प्रदान की जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में राष्ट्रीय सामाजिक संगठन लोक सेवा मंच का धर्म- संस्कृति प्रकोष्ठ जल्द ही पीएम मोदी एवं मुख्यमंत्री को स्मरण पत्र लिखेगा । Post navigation अहीरवाल क्षेत्र के विकास प्रोजेक्टस विगत 9 सालों से आधे-अधूरे क्यों पड़े है? विद्रोही करनाल में अमित शाह की अध्यक्षता में हुआ कथित अंत्योदय महासम्मेलन पूर्णतया असफल रहा : विद्रोही