हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था को गतिशील बनाए रखने के लिए जनहित में शिक्षकों के जनरल ट्रांसफर ड्राइव पर तुरंत रोक लगाने की जोरदार आवाज़ बुलंद
आधे से ज्यादा शैक्षणिक सत्र बीत जाने पर जनहित में अब शिक्षकों के तबादले न करके, नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में किये जाने को लेकर छात्र- अभिभावक मंच ने सीएम व ईएम को लिखे स्मरण पत्र
इन दिनों शिक्षकों का जनरल ट्रांसफर ड्राइव चलाने से लाखों बच्चों की पढ़ाई में पहुंचेगी जबरदस्त बाधा, हजारों शिक्षकों की मानसिक शांति होगी भंग
बच्चों की पढ़ाई का वातावरण डिस्टर्ब न होने के लिए हरियाणा में शिक्षकों के जनरल ट्रांसफर वार्षिक परीक्षा परिणामों के तुरंत बाद नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर ही किए जाने की जोरदार उठी मांग
अनेक शिक्षाविदों- अभिभावकों एवं विद्यार्थियों ने कहा कि आधा से ज्यादा शैक्षणिक सत्र बीत जाने पर अब जनरल टीचर ट्रांसफर चलाना विद्यार्थियों व शैक्षणिक हित में कतई नहीं !
लोगों का कहना है कि नये टीचर के साथ तालमेल बिठाने में लगता है बच्चों को बहुत समय , इसलिए नये सत्र की शुरुआत में ही शिक्षकों के ट्रांसफर किये जाने का निर्णय होगा उचित
नई टीचर ट्रांसफर पॉलिसी- 2023 पर उठते अनेक गंभीर सवालों का निदान किया जाना भी जनहित में आवश्यक
‘ट्रासफर से पहले नई टीचर ट्रांसफर पॉलिसी- 2023 में संशोधन करके अच्छे परीक्षा परिणाम का लाभ (अंक) शिक्षकों को भी दिया जाना न्यायसंगत’

रेवाड़ी । कोरोना काल में पढ़ाई का भारी नुकसान झेल चुके हरियाणाभर के लाखों विद्यार्थियों सहित उनके अभिभावक एवं शिक्षक मिलकर अब दिन -रात कड़ी मेहनत करके विगत में हुए नुकसान की भरपाई के प्रयासों में जुटे हैं , मगर जनहित में बिना सोच -विचार किए शैक्षणिक सत्र का आधे से ज्यादा समय बीतने पर लिए जा रहे शिक्षकों के तबादले के फैसले से बच्चों की पढ़ाई बाधित होने का अंदेशा हो चला है । इस सिलसिले में हरियाणा प्रदेश के छात्र- अभिभावक मंच ने जनहित में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को लिखे स्मरण पत्रों में शिक्षकों के तबादले चालू शैक्षणिक सत्र के आधे से ज्यादा समय बीत जाने के इन दिनों में करने की बजाय कुछ समय उपरांत शुरू होने वाले नये शैक्षणिक सत्र में करने की जोरदार आवाज बुलंद की है । फिलहाल प्रदेश में शिक्षकों के जनरल ट्रांसफर ड्राइव का फैसला व्यापक जनहित में तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्र- अभिभावक मंच के प्रांतीय समन्वयक भारत भूषण सहित अनेक विचारवान अभिभावकों का कहना है कि प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों का आधा से ज्यादा शैक्षणिक सत्र बीत चुका है । स्कूलों में लाखों बच्चे और हजारों शिक्षक पढ़ाई के चालू गतिमान वातावरण में पढ़ाई करने -कराने में जुटे हैं । मगर यह समाचार पाकर उनमें अचानक खलबली मच गई है कि शिक्षा विभाग अब शिक्षकों का जनरल ट्रांसफर ड्राइव चलाएगा ,जो आगामी नवम्बर माह में सम्पन्न होगा । लोगों का कहना है कि इस समय ट्रांसफर ड्राइव चलाने से न केवल लाखों बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो सकता है , बल्कि शिक्षकों की इधर -उधर आवाजाही के कारण सुचारू रूप से चल रहे शिक्षा के माहौल में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न होगी । शैक्षणिक संस्थाओं का सामान्य वातावरण भी डिस्टर्ब होना भी स्वाभाविक है। इस दौरान बच्चों को पढ़ाने वाले हजारों शिक्षकों की मानसिक शांति भी अधर में लटकी रहेगी जिससे वे अपना पूरा ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर केंद्रित नहीं कर पाएंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को लिखे स्मरण पत्रों में अनेक विचारशील अभिभावकों , शिक्षाविदों व विद्यार्थियों ने शिक्षकों का जनरल ट्रांसफर ड्राइव जनहित में अब न चलाकर लगभग 5 माह बाद आगामी शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही किए जाने का अनुरोध किया है ।

मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को लिखे स्मरण पत्रों में छात्र-अभिभावक मंच के प्रांतीय समन्वयक भारत भूषण सहित श्रीमती आशा देवी, अभिषेक कुमार, रेणू कुमारी , युवराज , देवेंद्र सिंह, महेश कौशिक आदि ने कहा कि आधा शैक्षणिक सत्र बीत जाने पर बच्चों की पढ़ाई को संभावित भारी नुकसान पहुंचने की कीमत पर टीचर ट्रांसफर ड्राइव चलाना कतई जनहित में नहीं है ।

मिली जानकारी अनुसार पहली बार हरियाणा में वर्ष 2016 में टीचर ट्रांसफर पॉलिसी लागू की गई थी । अब पुरानी टीचर ट्रांसफर पॉलिसी के स्थान पर कथित नई टीचर ट्रांसफर पॉलिसी- 2023 लाई गई है ।लोगों का कहना है कि जनहित में इसके निर्माण के दौरान न तो इससे प्रभावित होने वाले प्रदेश में लोगों, शिक्षकों से सुझाव एवं आपत्तियां मांगी गईं और न ही विद्यार्थियों , अभिभावकों अथवा आम जनता से सुझाव लिए गए । जबकि जनकल्याणकारी राज्य में किसी भी नयी सार्वजनिक पॉलिसी का निर्माण करने के लिए व पुरानी पॉलिसी को दरकिनार करते समय संबंधित पक्षों से फीडबैक लेकर , सुझाव , आपत्तियां एवं प्रभावित होने वाले सभी लोगों एवं आम जनता की संतुष्टि का स्तर अधिकतम निर्धारित किया जाना आवश्यक बनता है । मगर पुरानी टीचर ट्रांसफर पॉलिसी को दरकिनार करने तथा अपनी मर्जी से नयी टीचर ट्रांसफर पॉलिसी 2023 लाने के मामले में ऐसा ड्यू प्रोसेस दिखाई नहीं दिया है ।

लोगों का कहना है कि अति जल्दबाजी में नई टीचर ट्रांसफर पॉलिसी- 2023 को लागू करने से पहले व्यापक जनहित में इसके सभी पहलुओं, खासकर अनेक अस्पष्ट/आपत्तिजनक प्रावधानों के सिलसिले में आम जनता , अभिभावकों व शिक्षकों से सार्वजनिक तौर पर सुझाव ,आपत्तियां लेकर पुरानी पॉलिसी के स्थान पर इसकी आवश्यकता साबित करनी चाहिए और यदि आवश्यक हो , तो इसे वाकई जनहितकारी पॉलिसी बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए ।

अच्छे परीक्षा परिणाम का शिक्षकों को भी मिले लाभ :
छात्र अभिभावक मंच के पदाधिकारियों , विचारवान लोगों सहित अनेक शिक्षाविदों का कहना है कि नई टीचर ट्रांसफर पॉलिसी -2023 में कड़ी मेहनत और समर्पित कार्य करके अच्छा परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों , शिक्षिकाओं को कतई प्रोत्साहन देना प्रतीत नहीं हो रहा है । पुरानी पॉलिसी में अच्छा परीक्षा परिणाम देने के अंक शिक्षकों को दिए जाते थे, जबकि नयी पॉलिसी में अच्छा परीक्षा परिणाम के अंक संबंधित शिक्षकों को देने का प्रावधान समाप्त करके उसका लाभ केवल संस्था अध्यक्षों को दिया जाएगा , इससे शिक्षण संस्थाएं पुलिसिया कार्यप्रणाली आधारित संस्था में बदल सकती हैं और अच्छे शिक्षक बेहतरीन परीक्षा परिणाम लाने के प्रति अन्तर्मन से प्रोत्साहित नहीं हो पाएंगे । उन्होंने सुझाव दिया है कि अच्छा परीक्षा परिणाम देने के अंक शिक्षकों के अलावा संस्था के अध्यक्षों को भी दिया जाना उचित होगा ।

अनेक विचारशील लोगों का कहना है कि शिक्षकों के तबादले सही नीतिगत आधार पर शैक्षणिक स्तर की शुरुआत में ही किये जाने चाहिए । हमेशा ध्यान इस बात पर रखा जाना चाहिए कि किसी भी प्रकार से शिक्षण संस्थानों की सुचारू गतिविधियां , खासकर बच्चों की पढ़ाई जरा भी बाधित न हो । अब यदि अक्टूबर- नवंबर के महीने में ट्रांसफर किए जाते हैं , तो न केवल प्रदेशभर के लाखों बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी , बल्कि हजारों शिक्षकों की मानसिक शांति भी भंग होगी ।

स्मरण पत्रों में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से पूरी उम्मीद जताई गई है कि व्यापक जनहित में एवं बच्चों की चल रही पढ़ाई के वातावरण की लगातार गतिशीलता बनाए रखने के लिए और समय की अनावश्यक बर्बादी रोकने को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों के जनरल ट्रांसफर ड्राइव का फैसला तुरंत वापस लेकर आगामी शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में करने का व्यवहारिक निर्णय लिया जाएगा , ताकि बच्चों की पढ़ाई का वर्तमान वातावरण लगातार गतिमान रह सके ।

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