कोविड -19 के ख़िलाफ़ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम बनाने के लिए कैटालिन कारिको और
ड्रू वीसमैन को मिला मेडिसिन या फिजियोलॉजी – 2023 का नोबेल पुरस्कार – डा: पुष्पा खरब

हिसार – हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफ़ेसर डॉक्टर पुष्पा खरब ने कहा कि फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार दो वैज्ञानिकों प्रो: कैटालिन कारिको और प्रो: ड्रू वीसमैन को संयुक्त रूप से दिया गया है। यह सम्मान उन्हें न्यूक्लियोसाइड नाइट्रोजन बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए प्रदान किया गया है। उनकी खोजों ने कोविड -19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों ( mRNA vaccine ) के विकास को सक्षम बनाया है।
सीनियर सिटीज़न क्लब में आयोजित वानप्रस्थ संस्था की नोबल पुरस्कार -2023 की विशेष – शृंखला में सरल भाषा में समझाते हुए डा खरब ने सबसे पहले प्रतिरक्षा, टीकाकरण, टीकों के प्रकार, न्यूक्लिक एसिड, न्यूक्लिक एसिड में संशोधन और कोरोना वायरस और कोविड-19 से संबंधित जानकारी सदस्यों को विस्तार से दी ताकि वह प्रो: कैटालिन और प्रो: वीसमैन द्वारा की गई महत्वपूर्ण खोज के बारे में आसानी से समझ सकें । उनकी द्वारा विकास की गई तकनीक से एमआरएनए-वैक्सीन विकास तकनीक सामने आई। उनकी तकनीक ने त्वरित और कुशल, कम लागत वाले एमआरएनए-आधारित टीकों में मदद की जिससे 2020 – करोना महामारी में लाखों मानव जीवन बचाने में सहायता मिली।

नोबेल पुरस्कार प्रदान करने वाली स्वीडन एकेडमी ने चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार घोषित करते हुए कहा “ हंगेरियन-अमेरिकी कैटालिन कारिको और अमेरिकी ड्रू वीसमैन को “मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक के दौरान वैक्सीन विकास की अभूतपूर्व दर में योगदान” के लिए उद्धृत किया गया था।
एकेडमी ने कहा कि जोड़ी के “आश्चर्यजनक निष्कर्षों ने मौलिक रूप से हमारी समझ को बदल दिया कि एमआरएनए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ कैसे संपर्क करता है।”

वानप्रस्थ संस्था के सदस्यों ने इस विषय से संबंधित सवाल पूछे , जिनका डा: पुष्पा खरब ने अत्यंत सरल भाषा में निवारण किया।
मंच का संचालन करते हुए डा: ए. एल. खुराना ने बताया कि 64 वर्षीय कारिको और वीसमैन की मुलाकात 1990 के दशक में शोध पत्रों की फोटोकॉपी करते समय संयोग से हुई थी।दोनों ने मिलकर गहन शोध किया जिसके फल स्वरूप उन्हें 2023-में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला।
क्लब के महासचिव डा: जे . के . डांग ने कहा कि वानप्रस्थ संस्था प्रति वर्ष नोबेल पुरस्कार पर विशेष श्रृंखला का आयोजन करता है । डा: खरब का इस शृंखला का यह पहला व्क्तव्य था। शीघ्र ही 2023 -में मिले नोबेल पुरस्कारों पर गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा ।आज की संगोष्ठी में डा: आर. के. राणा , डा: एस. एस. डुडेजा, श्री अजीत सिंह , डा: अजीत कुण्डू एवम् डा आर. पी. एस . खरब सहित लगभग 40- सदस्यों ने भाग लिया।