सच बोलने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता की शपथ, लेकिन श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाई नहीं देश में नैतिक मूल्यों के पतन का कारण भारत में चल रही मैकाले शिक्षा पद्धति शिक्षा पद्धति में सनातन धर्मग्रंथों को शामिल करने के लिए संविधान में संशोधन हो फतह सिंह उजाला गुरुग्राम 24 अक्टूबर । राजस्थान के उदयपुरक्ष के बलीचा स्थित राजराजेश्वर श्री बड़बड़ेश्वर महादेव ( चातुर्मास परिसर) में आयोजित 54 कुण्डीय माँ बगलामुखी महायज्ञ में पधारे श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर यति सम्राट् अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि देश में हो रहे नैतिक मूल्यों के पतन का कारण भारत में चल रही मैकाले शिक्षा पद्धति है । देश के न्यायालयों में सच बोलने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता की शपथ दिलाई जाती है, लेकिन देश में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाई नहीं जाती । यह जानकारी शंकराचार्य के निजी सचिव स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती के द्वारा मीडिया से मंगलवार को साझा की गई । जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा सनातन संस्कार वेद, पुराण सहित सनातन धर्मग्रंथों में है, लेकिन उनका पठन-पाठन देश के पाठ्यक्रमों में शामिल नहीं है ।जब तक देश की शिक्षा पद्धति में सनातन धर्मग्रंथों को शामिल करने के लिए संविधान में संशोधन नहीं किया जाएगा, तब तक देश अपने सद्संस्कारों को ग्रहण नहीं कर पाएगा । आज जिस प्रकार सनातन धर्म, संस्कृति एवम् संस्कारों पर आये दिन चतुर्दिक प्रहार हो रहा है, उसके प्रतिकार के लिए देश में ईशनिन्दा कानून बनाया जाना आवश्यक हो गया है । इसके साथ ही देश को गाली देने वालों को अब समझाने की आवश्यकता नहीं है, अपितु इन्हें फाँसी पर लटकाने की आवश्यकता है । जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के कार्यक्रम स्थल पर पधारने पर यज्ञाचार्य माई महाराज, निरंजनी अखाड़ा के दिगम्बर खुशाल भारती महाराज, आचार्य कालीचरण आदि ने भव्य माल्यार्पण पर स्वागत एवम् अभिनन्दन किया । इस अवसर पर स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती, सागर राज गुज्जर, मधुप पाण्डेय, विपुल दूबे, नरेन्द्र लवाना, विनोद त्रिपाठी आदि उपस्थित थे । Post navigation युवती की इंस्टाग्राम पर फेक ID बनाने वाला 01 आरोपी काबू नगर निगम की टीम ने सदर बाजार सहित आसपास के क्षेत्र में रात्रि में की पर्याप्त सफाई