सैक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में लगेगा मेला, देश के 28 राज्यों के 400 से अधिक स्टॉल बनेंगे मेले का हिस्सा स्वयं सहायता समूहों(एसएचजी) की महिलाओं की आर्थिक उन्नति से बैंकों का उन पर बढ़ा विश्वास: स्वाति शर्मा, संयुक्त सचिव, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय मेले में निःशुल्क रहेगा प्रवेश, प्रातः 11 बजे से रात्रि 9.30 तक लगेगा सरस मेला गुरूग्राम, 23 अक्टूबर। गुरूग्राम जिला में दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर के सरस आजीविका मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला 26 अक्टूबर से 11 नवंबर तक सैक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में लगाया जाएगा जहां पर देश के 28 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की 800 दीदी अपनी कला एवं संस्कृति से जुड़े हस्तनिर्मित उत्पादों की स्टॉल लगाएंगी। खाने पीने के शौकीन लोगों के लिए अलग-2 राज्यों के लाइव फूड स्टॉल अलग से लगाएं जाएंगे। एक प्रकार से इस मेले में आने वाले लोगों को मिनी भारत के दर्शन होंगे, जहां पर अलग-2 राज्यों के लोकप्रिय उत्पादों के अलावा स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वहां की संस्कृति को जानने व समझने का पूरा अवसर मिलेगा। इसके अलावा, यहां स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए रोजाना अलग-2 विषयों पर कार्यशाला भी आयोजित की जाएंगी ताकि वे अपने उत्पादों की बिक्री करने व मार्किटिंग आदि के स्किल विकसित करके ज्यादा मुनाफा कमा सकें। मेले में आमजन के लिए प्रवेश बिल्कुल निःशुल्क रखा गया है। मेला प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से लेकर सांय 9ः30 बजे तक खुला रहेगा।सरस आजीविका मेले को लेकर सोमवार को केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा ने गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सरस मेले की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयासों से स्वयं सहायता समूह की महिला के जीवन में जो व्यापक बदलाव आ रहे हैं। सरस मेला उसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में अभी देश की कुल 9.7 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। जिसे जल्द ही 10 करोड़ की संख्या के पार ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें सही समय पर निर्धारित मात्रा में फण्ड उपलब्ध कराए जाएं। जिसमे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्कुलर भी बेहतर सहयोग कर रहे हैं। स्वाति शर्मा ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की दीदियों की आर्थिक उन्नति से बैंकों का भी उन पर विश्वास बढ़ा है। जिसके चलते विभिन्न राज्यों में आज एनपीए यानि नॉन-परफॉर्मिंग एसेट दो प्रतिशत से भी कम है। उत्पादों से जुड़े अलग-2 विषयों पर आयोजित की जाएगी कार्यशालास्वाति शर्मा ने बताया कि मेले में अलग-2 राज्यों से 800 से अधिक महिलाएं भाग लेंगी। स्वयंसहायता समूहों की महिलाओं के लिए अलग-2 विषयों पर कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। उदाहरण के तौर पर पैकेजिंग, ब्रेंडिंग, बिजनेस प्रपोजल तैयार करने, सोशल मीडिया प्लैटफार्म का उत्पादों की मार्किटिंग में उपयोग करने, वित्तीय प्रबंधन से लेकर कई अन्य विषयों के बारे मे प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा महिलाओ को सीधे बाज़ार से जोड़ने हेतु बी-टू-बी व बी-टू-सी बैठके आयोजित की जायेंगी।स्वाति शर्मा ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की बेहतर व प्रभावी मार्किंटिंग के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ भी टाइअप किया गया है। मेले में लखपति दीदी का पवेलियन भी लगाया जायेगा जिससे ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की अन्य महिलाओ को भी प्रेरणा मिलेगी। इसके अतिरिक्त सरस उत्पाद ई सारस पर भी उपलब्ध हैं, ई सारस के एक विशेष स्टॉल के माध्यम से इसके बारे में भी ग्राहकों को जागरूक किया जाएगा। खाने पीने के शौकीनों का भी रखा जाएगा ध्यान, अलग-2 राज्यों के लोकप्रिय व्यंजनों का मेले में ले सकेंगे जायकासरस आजीविका मेले में खाने पीने के शौकीन लोगों के लिए भी इंतजाम किए जाएंगे। यहां पहुंचकर लोग देशभर के अलग-2 राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजनों का जायका ले सकते हैं और इन्हें मौके पर ही महिलाएं अपने हाथों से बनाएंगी। हर राज्य द्वारा अपने -2 प्रदेश के व्यंजनों की फूड स्टॉल लगाई जाएंगी जहां लोग अपनी पंसद के अनुसार खाना खा सकेंगे। सरस मेले में लोगों के मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इस मेले में देशभर से आए कलाकारों द्वारा अपने राज्य से जुड़ी सभ्यता व संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। वहीं मेले में छोटे बच्चों के साथ आने वाली माताओं व बुजुर्गों के विश्राम के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। मेले में बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद रहेंगे। संवाददाता सम्मेलन में 3 सफल महिला उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानी भी सांझा की। उत्तर प्रदेश की सरोजनी व गुरूग्राम जिला के गांव ढाणी चित्रसेन की नीलम व साढ़राणा की आशा ने बताया कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए स्वयं सहायता समूह बनाकर आज वे एक सफल उद्यमी के तौर पर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान से सहायक निदेशक चिरंजी लाल कटारिया व ग्रामीण विकास मंत्रालय के अवर सचिव विनोद शर्मा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक दीप्ति सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। Post navigation दशहरा पर्व पर गुरुग्राम पुलिस ने किए पुख्ता सुरक्षा प्रबन्ध ओमप्रकाश धनखड़ के 63 वें जन्मदिन पर बोधराज सीकरी की अगुवाई में बधाई देने पहुंचा 63 पंजाबियों का शिष्टाचार मंडल