हरियाणा भाजपा के कर्मठ अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश धनखड़ के 63वें जन्म दिवस पर विशेष अरविंद सैनी, ,प्रदेश सह मीडिया प्रमुख, हरियाणा -भाजपा हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ जी का आज 63वां जन्मदिन है। एक साधारण परिवार में जन्मे श्री धनखड़ का राजनीति में यहां तक पहुंचने का सफर संघर्ष भरा रहा। अनेक चुनौतियां आईं, लेकिन वे धाकड़ तरीके से बिना रुके चलते रहे। लगातार चलते रहने का परिणाम ही है कि आज श्री धनखड़ के लिए प्रदेश के लाखों लोगों का दिल धड़कता है और लाखों लोग उन्हें अपना आदर्श मानकर आगे बढ़ रहे हैं। श्री धनखड़ की लगातार पार्टी, देश व समाज के लिए कुछ करने की ललक ने आज हरियाणा में पार्टी को एतिहासिक रूप से मजबूत किया है। सबको साथ लेकर चलने की उनकी सोच और उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण ही आज हरियाणा में भाजपा के दायित्ववान कार्यकर्ताओं की संख्या करीब करीब पांच लाख पहुंच गई है। आज उनके 63वें जन्मदिन पर उनकी अनेक उपलब्धियों में से कुछ की चर्चा करना भी अहम हो जाता है। धनखड़ ने वैसे तो पार्टी की मजबूती के लिए अनेक काम किए, लेकिन स्वयं श्री धनखड़ मानते हैं कि पन्ना प्रमुखों का गठन और फिर पन्ना प्रमुख सम्मेलनों का आयोजन उन्हें संतुष्टि देने वाले हैं। हरियाणा की 90 विधानसभा में पन्ना प्रमुख सम्मेलन का आयोजन करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ साथ राज्य के नागरिकों में भी सुशासन के नाम पर भाजपा की अलख पुंज और प्रखर करने मेंहरियाणा भाजपा के कर्मठ अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश धनखड़ जी की सक्रियता अब तक लाजवाब रही है। ओपी धनखड़ का जन्म झज्जर जिले के गांव ढाकला में 1961 में वैद मोहब्बत सिंह और छोटो देवी के परिवार में हुआ था। 1978 से एक स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। उन्होंने 1980 से 1996 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी के लिए काम किया। उन्होंने राज्य महासचिव, राज्य अध्यक्ष, राष्ट्रीय सचिव और विभिन्न भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर कार्य किया है। आरएसएस के साथ अठारह साल के जुड़ाव के बाद, 1996 में वह बीजेपी में शामिल हो गए और वाजपेयी काल में एक राष्ट्रीय सचिव के रूप में कर्तव्यों का पालन किया। वह हिमाचल प्रदेश के लिए प्रभारी थे और पहाड़ी राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में बहुत योगदान देते थे। उन्होंने विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए अल्प मुआवजे और मनमाने ढंग से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन और विरोध करने के लिए विभिन्न पदयात्राएं और साइकिल यात्राएं आयोजित की। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने में उन्होंने हर संभव प्रयास किए। ओमप्रकाश धनखड़ लगातार दो बार भाजपा के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए और भूमि अधिग्रहण, कीटनाशक प्रबंधन, किसानों की आत्महत्या, खेती सुधार जैसे कई मुद्दों को उठाया। स्वामीनाथन रिपोर्ट कार्यान्वयन आदि ओपी धनखड़ ने भूमि अधिग्रहण हैंडबुक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो औद्योगिक विकास के लिए पर्याप्त अवसर देकर किसानों और उद्योग के मुद्दों को समान रूप से संबोधित करता है। ओपी धनखड़ नेशनल कोऑर्डिनेटर, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, आयरन कलेक्शन कॉर्पोरेशन कमेटी के सदस्य भी रहे। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक रहा है। इसके निर्माण में भूमिका श्री धनखड़ की एक बड़ी उपलब्धि रही है। नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के पास आने वाली सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा के लिए लोहे और मिट्टी को देश भर के किसानों से एकत्र किया और इसका निर्माण करवाया। उन्होंने 2014 के हरियाणा विधान सभा चुनाव में बादली निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा और 5 विभागों के स्वतंत्र प्रभार कैबिनेट मंत्री बने। श्री ओमप्रकाश धनखड़ से जुड़े किस्सों की भरमार है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साधारण कार्यकर्ता से लेकर सत्तारूढ़ दल के प्रदेश मुखिया बनने तक के सफर में ओपी धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वरिष्ठ नेताओं की नजर में खुद को कई बार साबित किया है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जब हरियाणा की कमान थामे हुए थे तब ओपी धनखड़ महामंत्री थे। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब हर चुनाव में ओपी धनखड़ का गुजरात जाना तय था। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही नरेंद्र मोदी ने चुनाव कैंपेन शुरू कर दिया था। इसी कड़ी में उन्होंने पूर्व सैनिकों की एक रैली की परिकल्पना की। नरेंद्र मोदी चाहते थे कि 15 सितंबर 2013 की पूर्व सैनिक रैली में जनरल वीके सिंह मंच पर हों, जबकि वीके सिंह चाहते थे कि मंच सांझा करने से पहले मोदी से मुलाकात हो जाए। तब रैली से पहले ओपी धनखड़ खुद वीके सिंह को लेकर नरेंद्र मोदी से मिलवाने गुजरात गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की इच्छा पर ओपी धनखड़ ने पूर्व सैनिकों की एक रैली की भूमिका तैयार की। पहले दिल्ली के किसी स्टेडियम का विचार किया। फिर झज्जर के लिए प्रयास किए, मगर अंत में रेवाड़ी में रैली करने का निर्णय लिया। बताया जाता है कि उस रैली का आधार तैयार करने का श्रेय ओपी धनखड़ के ही नाम रहा। अगर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए सबसे सशक्त आंदोलन करने वाले चेहरों की तलाश की जाए तो धनखड़ का नाम बिना विवाद के उभरकर सामने आएगा। विपक्ष में रहते हुए कुर्ता उतारकर भी उन्होंने इसे लागू करने की मांग उठाई। जब भाजपा केंद्र व राज्य की सत्ता में आई तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाने के लिए विपक्ष के निशाने पर भी धनखड़ ही रहे। भाजपा के नए प्रधान ओम प्रकाश धनखड़ प्रयोगधर्मी है। ग्राम पंचायतों को स्टार ग्रेडिंग देने की सेवन स्टार योजना हो या पढ़ी-लिखी पंचायतों का कानून और मामले में ओपी धनखड़ ने नई पहल की। गाय के पेट से सिर्फ बछड़ी ही जन्म ले सके जैसी योजनाओं पर बतौर कृषि मंत्री पूरा ध्यान दिया। ओपी धनखड़ के दादरी से बादली आने की कहानी भरोसे से जुड़ी है। धनखड़ के दादा-पड़दादा झज्जर जिले की बादली विधानसभा सीट के बड़े गांव ढाकला के मूल निवासी थे तथा बाद में चरखी दादरी में बस गए थे। बिना लहर दादरी ने धनखड़ को स्वीकार नहीं किया था, इसलिए पहला चुनाव हार गए। बाद में वर्ष 2014 में ओपी धनखड़ ने अपने पूर्वजों की माटी को कर्मस्थली बनाया। कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा पुंज बीजेपी हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ लाखों कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणापुंज हैं। उन्होंने रचनात्मकता के साथ ही कार्यकर्ताओं में राष्ट्र भक्ति की अवधारणा को स्थापित किया है। श्री धनखड़ के नेतृत्व में हरियाणा में संगठन का विस्तार हुआ। वे साधारण कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनको अचंभित करते हैं। गुणवत्तापूर्ण व व्यवहारिक कार्यों में विश्वास रखने वाले प्रदेश अध्यक्ष सबके बीच में घुल मिलकर रहते हैं। विद्यार्थी परिषद से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक की इस यात्रा में ओम प्रकाश धनखड़ ने अपने कार्यों से पार्टी को संगठनात्मक रूप से हरियाणा में शिखर तक पहुंचाया है। ओम प्रकाश धनखड़ के कुशल नेतृत्व में भाजपा हरियाणा के घर-घर तक पहुंच गई है। भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की पार्टी है। कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ है। यह रीढ़ और अधिक मजबूत हो इसके लिए धनखड़ निरंतर प्रयासरत हैं। धनखड़ के नेतृत्व में भाजपा संगठन जनता और सरकार के बीच एक सेतू की तरह काम करते हुए मोदी सरकार और मनोहर सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को घर-घर तक पहुंचा रहा है। धनखड़ के लगभग साढ़े तीन साल की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि भाजपा के पन्ना प्रमुख हर घर संवाद करते हुए निरंतर पार्टी के कार्यों को गति दे रहे हैं। इन साढ़े तीन वर्षों में कार्यकर्ताओं और प्रदेश अध्यक्ष के बीच का रिश्ता इतना मजबूत हुआ है कि धनखड़ कार्यकर्ताओं के दिल की धड़कन बन गए हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी, कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ धनखड़ विनम्र रहते हुए पार्टी के लक्ष्यों को सुगमता से कार्यकर्ताओं के माध्यम से धरातल पर फलीभूत कर रहे हैं। आज 23 अक्टूबर को प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ का जन्म दिन है। उनके जन्मदिन को कार्यकर्ता उत्सव की तरह मनाने में जुटे हैं। कार्यकर्ताओं का मन मगन हो रहा है। कार्यकर्ताओं की दिल में बसते हैं धनखड़ प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ पार्टी व पार्टी के कामों के लिए कितने समर्पित हैं इसका उदाहरण वे समय-समय पर कार्यकर्ताओं को यादगार पल प्रदान करते देते रहते हैं, जिन्हें वे कभी नहीं भूल पाते। धनखड़ कार्यकर्ताओं से फोन मिलाकर बोलते हैं मैं ओम प्रकाश धनखड़ बोल रहा हूं, कार्यकर्ता अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं। कई बार तो कार्यकर्ताओं को एक पल के लिए विश्वास ही नहीं होता कि वे स्वयं प्रदेश अध्यक्ष से बात कर रहे हैं। धनखड़ जब खुले मंच से बोलते हैं कि हमारे कार्यकर्ता देवतुल्य हैं, तो कार्यकर्ताओं में सकारात्मक उर्जा का संचार तो होता ही है साथ ही उनके एक इशारे मात्र से वे तन-मन से पार्टी के कार्यों में जुट जाते हैं। संगठन को सर्वाेपरि मानकर काम करने की प्रेरणा देते हैं धनखड़ प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ ने पांच लाख कार्यकर्ताओं का लक्ष्य तय किया है। पन्ना प्रमुखों की लगभग साढ़े 3 लाख की टीम बन गई है। नवम्बर तक संभावना है कि पन्ना प्रमुखों की संख्या हरियाणा में 4 लाख तक पहुंच जाएगी। क्योंकि अब तक 90 में से 75 विधानसभाओं में पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो चुके हैं। 19786 बूथों पर पहले त्रिदेव नियुक्त करना और फिर उनके सम्मेलन करने का सिलसिला धनखड़ ने जारी रखा। बैठकों के जरिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हुए प्रत्येक कार्यकर्ता को अपनी ताकत पहचानने और संगठन को सर्वाेपरि मानकर काम करने की प्रेरणा देते हैं। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिए गए टास्क भी धनखड़ के नेतृत्व में पूरे किए गए। उनके नेतृत्व में कार्यकर्ता सेवादार बनकर सेवा का कार्य कर रहे हैं। पन्ना प्रमुख हर बूथ पर 15-15 घरों तक पहुंचकर उनकी सहायता कर रहे हैं। ओमप्रकाश धनखड़ सुधार, विकास यानि तमसो माँ ज्योर्तिगमय के एक सतत आंदोलन का नाम है । जो काम हाथ मे लिया अपना पूर्णांक देते हुये आगे बढ़ाया । आज प्रदेश के हरेक कार्यकर्ता और लाखों लोग लोकप्रिय व्यक्तित्व व जनप्रिय नेता प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ को उनके जन्मदिन पर भाजपा परिवार की ओर से शुभकामनाएं और उनकी दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना कर रहे हैं। Post navigation नेशनल गेम्स में हरियाणा का शानदार आगाज, नेटबाल की महिला व पुरुष टीमों ने जीते मैच शहीदों को नमन करने वाले अशफाक उल्ला खां को भूले, याद रहे ओमप्रकाश धनखड़