ये लड़ाई जमीन की नहीं जमीर की है – जयहिंद

रौनक शर्मा

गुरुग्राम – रविवार को नवीन जयहिंद किसानों के 1128 एकड़ ज़मीन अधिग्रहण मामले में 190 दिनों से अनिश्चितकालीन समय के लिए चल रहे धरने पर समर्थन देने पहुंचे |

नवीन जयहिंद ने किसानों की मांगों का समार्थन करते हुए कहा कि सरकार किसानों के 2 हज़ार करोड़ रूपए खा कर बैठी है| जब किसान सरकार से पैसा लेता है तो सरकार ब्याज पर ब्याज लगा कर देती है | अब किसानों की जमीन भी हडप रही है और किसानों के पैसे भी खा गई | जमीन माँ समान होती है | जैसे आप अपनी माँ रक्षा के लिए लड़ते है वैसे ही आपको जमीन के लिए भी लड़ना होगा | ये जमीन की नहीं जमीर की लड़ाई है |

नवीन जयहिंद ने कहा की युवाओं को भी इस लड़ाई का हिस्सा बनना होगा | क्योकि युवाओं को अपने भविष्य के लिए इस जमीन की जरूरत है |

जयहिंद ने कहा कि वे किसानों के तन-मन-धन से साथ है, जिस तरीके से सरकार तानाशाही कर रही है वह बिल्कुल सही नही है वह अब नहीं चलने देंगे जमीन किसानो की है और किसानों की ही रहेगी |

जयहिंद ने कहा कि सरकार आज किसी के घर -दुकान को भी विकास के नाम पर हडपना चाहती है | अगर सरकार कि गलत नीतियों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई गई तो सरकार अपनी मनमर्जी करेगी | अपने हक़ के लिए न सरकार से डरों, न पुलिस से और न प्रशासन से डरना चाहिए |

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