सीएम के साथ बैठक में स्थानीय एमएलए और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत भी हो
एक सप्ताह में सीएम मनोहर लाल के साथ बैठक कराने का प्रशासन ने दिया आश्वासन   
किसान बोले  एक सप्ताह में मांग नहीं हुई पूरी तो होगा बड़ा आंदोलन
आंदोलनकारी किसानों  की मांगो को लेकर प्रशासन फिलहाल पड़ा नर्म
पुलिस और जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद किसानों ने खोला जाम

फतह सिंह उजाला                                     

पचगांव / पटौदी 15 अक्टूबर । मांगे नहीं  माने जाने से खफा गांव कासन और  आसपास के गांव के किसानों ने एक बार फिर संडे को दिल्ली-जयपुर हाइवे पचगांव चौक पर  जाम कर दिया ।   संडे के जान की खास बात यह रही की प्रभावित गांव से बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रही। किसानों ने हाइवे पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया। दिल्ली जयपुर हाईवे जाम किया जाने की सूचना मिलते ही प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने किसानों को लिखित रुप से आश्वासन दिया कि वह एक सप्ताह में प्रभावित किसानों और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बैठक कराएंगे। लिखित में आश्वासन मिलने के बाद ही आंदोलनकारी किसान और महिलाएं  सड़कों से हटे और जाम खोल दिया। दिल्ली जयपुर हाईवे को जाम किया जाने के कारण हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई।

 अपनी मांगों को लेकर मानेसर क्षेत्र के गांव कासन और आसपास के करीब पांच गांव के किसान पिछले 191 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांगों को लेकर संडे को पचगांव चौक पर एक महापंचायत की गई । पचगांव चौक पर हुई इस महापंचायत में किसानों की प्रशासन की तरफ से कोई भी मांग को पूरा नहीं किया गया, जिसके बाद किसानों ने गुस्से में आकर दिल्ली जयपुर हाईवे को पूरी तरह से जाम कर दिया। गुस्साए किसान और महिलाएं हाईवे के बीचो-बीच धरना देकर बैठ गए, के कारण पूरी तरह से हाईवे जाम रहा, लेकिन प्रशासन के आला अधिकारियों ने हाईवे पर बिगड़ते हालात को देखते हुए किसानों को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के अंदर उच्च अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ उनकी बैठक कराई जाएगी। इस आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने हाइवे को खोलने का निर्णय लिया और हाईवे को खाली कर दिया गया।

किसानों की इस महापंचायत में महिलाएं भी बड़ी संख्या में मौजूद रही । हाईवे के जाम होते ही पुलिस बल की भारी संख्या में तैनाती की गई। लेकिन फिलहाल प्रशासन के  आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने साफ कर दिया है कि एक सप्ताह के अंदर यदि उनकी मांगों को लेकर सीएम मनोहर लाल के साथ और उच्च अधिकारियों के साथ बैठक नहीं कराई गई तो उसके बाद एक बड़ी महापंचायत होगी। और एक बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसके लिए शासन और प्रशासन दोनों ही जिम्मेदार रहेंगे।   

आंदोलनकारी किसानों कि यह भी मांग है कि गुरुग्राम प्रशासन के वायदे के मुताबिक सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ होने वाली किसानों  की बैठक में क्षेत्र के विधायक सत्य प्रकाश जरावता और इलाके के सांसद तथा केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी मौजूद रहे । किसानों के मुताबिक सीएम मनोहर लाल 25 जून 2022 को मान चुके हैं कि प्रभावित किसने की मांग जायज है। लेकिन फिर भी प्रशासनिक अधिकारी कथित रूप से सीएम मनोहर लाल को गुमराह करते चले आ रहे हैं । किसानों ने साफ-साफ कहा की सीएम के साथ होने वाली बैठक में एचएसआईडीसी, सरकार और संबंधित अधिकारी पूरे दस्तावेज के साथ शामिल हो । दूसरी ओर आंदोलनकारी किसान अपने दस्तावेज के साथ मौजूद रहेंगे । यदि इस बैठक में प्रभावित किसान अपनी जायज मांग को साबित नहीं कर सके तो फिर शासन प्रशासन से कोई मांग नहीं करेंगे । वायदे के मुताबिक सीएम के साथ बैठक नहीं हुई तो फिर और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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