मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर नगर निगमों के मेयर व डिप्टी मेयर से बैठक करके मेयरों को अधिकार देने व नगर निगमों को तीसरी तिमाही में 600-700 करोड़ रूपये विकास कार्यो के लिए आवंटित करने का राग अलापते है, वहीं जिन नगर निगमों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, वहां चुनाव तक नही करवा रहे :  विद्रोही
चुनाव वर्ष में भाजपा सरकार मतदाताओं की वोट हडपने विकास का जुमला उछालती है, साथ में चुनाव के लिए अधिकारियों से मिलकर नगर निगमों के नाम पर विकास कार्य के लिए मिलने वाले 600-700 के रूपये का कागजों में काम करके हडपने का षडयंत्र भी रचा है? विद्रोही

14 अक्टूबर 2023 –  स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि एक ओर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर नगर निगमों के मेयर व डिप्टी मेयर से बैठक करके मेयरों को अधिकार देने व नगर निगमों को तीसरी तिमाही में 600-700 करोड़ रूपये विकास कार्यो के लिए आवंटित करने का राग अलापते है, वहीं जिन नगर निगमों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, वहां चुनाव तक नही करवा रहे।  विद्रोही ने कहा कि मुख्यंमत्री ने कहा कि सरकार ने मेयरो को ढाई करोड़ की बजाय 10 करोड़ रूपये तक के विकास कार्यो को स्वीकृत करने का अधिकार दिया है व हरियाणा की सभी 11 नगर निगमों को इस वर्ष की तीसरी तिमाही में विकास कार्यो के लिए 600-700 करोड़ रूपये दिये जायेंगे। सवाल उठता है कि जब नगर निगमों के चुनाव भी भाजपा खट्टर सरकार करवाने में असमर्थ है, तब इस तरह की जुमलेबाजी का औचित्य क्या है?

गुरूग्राम व फरीदाबाद नगर निगम का कार्यकाल एक वर्ष पूर्व पूरा होने पर भी चुनाव कब होंगे, कोई नही जानता। वहीं मानेसर नगर निगम के गठन को एक साल पूरे होने पर भी चुनाव कब होंगे, यह सरकार बताने को तैयार नही। वहीं यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक, हिसार, नगर निगमों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। विद्रोही ने सवाल किया कि जब प्रदेश की 11 नगर निगमों में सेे 8 पर चुनाव होने है व लोकसभा चुनाव 2024 चुनाव आचार संहिता भी फरवरी के मध्य में लग जानी है, तब मुख्यमंत्री द्वारा तीसरी वित्तिय तिमाही में नगर निगमों का मिलने वाली 600-700 करोड़ रूपये की कथित विकास ग्रांट कहां और कैसे खर्च होगी? नवम्बर-दिसम्बर 2023 से लेकर मई 2024 तक क्या तो इन नगर निगमों में चुनाव प्रक्रिया चलती रहेगी, वहीं साथ में लोकसभा चुनाव भी होंगे। जब आचार संहिता लगी होगी, चुनाव हो रहे होंगे, तब 600-700 करोड़ रूपये इस कथित ग्रांट का प्रायोग कौन करेगा और कैसे करेगा?  

विद्रोही ने कहा कि साफ है कि चुनाव वर्ष में भाजपा सरकार मतदाताओं की वोट हडपने विकास का जुमला उछालती है, साथ में चुनाव के लिए अधिकारियों से मिलकर नगर निगमों के नाम पर विकास कार्य के लिए मिलने वाले 600-700 के रूपये का कागजों में काम करके हडपने का षडयंत्र भी रचा है? वहीं जब मेयर अधिकारियों व सबोर्टिंग स्टाफ की कमी के चलते ढाई करोड़ रूपये तक के स्वीकृत विकास कार्यो पर भी निर्माण नही करवा पा रहे है, तब 10 करोड़ रूपये के लिए विकास कार्य क्या खाक होंगे? आज हरियाणा की नगर निगमों में स्वीकृत कर्मचारियों, अधिकारियों के 50 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली पडे है। जब विकास कार्य करवाने के लिए अधिकारी, कर्मचारी है ही नही तो विकास कार्य जमीन पर क्या खाक होगा? विकास कार्य के नाम पर नगर निगमों का पैसा कागजों में खर्च करके लूटा जा रहा है जिसका मोटा हिस्सा सत्ताधारी भाजपाई-संघीयों की जेबों में जा रहा है। मुख्यमंत्री खट्टर की रूचि विकास कार्य की बजाय विकास के नाम पर संघीयों की जेबों में मोटा माल पहुंचाने मात्र की है। 

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