शहरी विकास को मिलेगी रफ्तार, सभी निगमों और प्राधिकरणों में होगा बेहतर तालमेल। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक चंडीगढ़, 13 अक्तूबर : हरियाणा की मनोहर सरकार ने पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (पीएमडीए) गठित कर इसके नियम जारी कर दिए हैं। ये नियम हरियाणा के राज्यपाल की ओर से पीएमडीए अधिनियम, 2021 की धारा 57 की उप-धारा (1) तथा (2) के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री तथा सीईओ आयुक्त स्तर का आईएएस अधिकारी होगा। इसके लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन सिटी बनने के बाद शहर का विकास उत्पादन संबंधी व्यावसायिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों का भी बड़ा केंद्र बनेगा। पीएमडीए की स्थापना से क्षेत्र में विकास को नई दिशा मिलेगी और रोजगार पैदा होंगे। गौरतलब है कि पीएमडीए की स्थापना 9 सितंबर 2021 को की गई थी। पंचकूला मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के निरंतर और संतुलित विकास के लिए इस प्राधिकरण का गठन किया गया है। पीएमडीए में पंचकूला, पिंजौर और कालका शहरों के साथ-साथ 143 गांव शामिल रहेंगे तथा इसका क्षेत्रफल 388.06 वर्ग किमी रहेगा। पीएमडीए शहर के बुनियादी ढांचे का विकास, शहरी सुविधाओं का प्रावधान, क्षेत्र का सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक विकास, बेहतर यातायात प्रबंधन/परिवहन बुनियादी का ढांचा, शहरी पर्यावरण का टिकाऊ प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। पीएमडीए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, एचएसआईआईडीसी और नगर निगम इत्यादि प्राधिकरणों के साथ समन्वय में काम करेगा। नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता द्वारा जारी किए गए पीएमडीए के नियमों के अनुसार इसकी वार्षिक रिपोर्ट में क्षेत्र के अवसंरचना, पर्यावरण, सामाजिक, आर्थिक तथा औद्योगिक विकास की स्थिति भी रिपोर्ट में दर्शानी होगी। इससे पंचकूला में केंद्र व प्रदेश सरकार के अभिकरणों के साथ मैकनिजम के समन्वयन की प्रभावशीलता बढ़ेगी। वित्तीय वर्ष के दौरान वित्तीय परिणामों, अनुमानों में भिन्नता के लिए कारणों के साथ संसाधनों की उपलब्धता तथा खर्च का संक्षिप्त विवरण भी रिपोर्ट में देना होगा। Post navigation किसानों के प्रोत्साहित करने हेतु कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू- संजीव कौशल जब विकास कार्य करवाने के लिए अधिकारी, कर्मचारी है ही नही तो विकास कार्य जमीन पर क्या खाक होगा?विद्रोही