पराली का उपयोग करने और 2027 तक फसल अवशेष जलाने को खत्म करने का लक्ष्य

चण्डीगढ, 13 अक्टूबर – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि राज्य में पराली को जलाने से रोकने के लिए किसानों के प्रोत्साहित करने हेतु कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की जा रही है।   इसके अलावा आईईसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि पराली से होने वाले प्रदूषण को एनसीआर क्षेत्र में कम किया जा सके।

मुख्य सचिव आज हाई लेवल टास्क फोर्स फॉर मैनेजमेंट ऑफ एयर पोल्युशन इन एनसीआर को लेकर आयोजित बैठक में वीसी के माध्यम से हरियाणा सरकार द्वारा उठाए जा रहे कार्यो की जानकारी दे रहे थे। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी के मिश्रा ने की जिसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान सहित एनसीआर के मुख्य सचिवों ने भाग लिया। 

मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने वाले हॉट स्पोट की पहचान की गई है तथा पराली का उपयोग करने और 2027 तक फसल अवशेष जलाने को खत्म करने के लिए पराली एक्स-सीटू प्रबंधन नीति हरियाणा 2023 को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत किसानों को फसल विविधिकरण अपनाने तथा सीधे धान की फसल की बुआई के लिए 4000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से राशि दी जा रही है। इसके अलावा किसानों को बेहतर उपकरण प्रदान किए जा रहे है तथा किसानों को पराली से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया जा रहा हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि इस वर्ष हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए सब्सिडी पर 19,141 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की स्वीकृति प्रदान की हैं, जबकि गत वर्ष 8,071 मशीनें प्रदान की गई थीं। जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। उन्होंने कहा कि इन मशीनों में सुपर सीडर्स, जीरो टिल उपकरण और स्ट्रॉ बेलिंग यूनिट सहित विभिन्न आवश्यक उपकरण शामिल हैं। यह उपकरण फसल अवशेष प्रबंधन प्रक्रिया को भी अनुकूलित करने का कार्य कर रहे हैं।          

मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार की गई है, जिसके तहत प्रभावी कार्यान्वयन की सुविधा हेतू 7,572 सीआरएम मशीनों को भी शामिल किया गया है। गौशालाओं में पराली का  चारे के लिए उपयोग करने पर बल दिया जा रहा है। बैठकें आयोजित कर पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखने और अंकुश लगाने के लिए उपायुक्तों को सख्त निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त 331 चालान किए गए और कुल 8,60,000 रुपए जुर्माना लगाया गया। पर्यावरण नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है ताकि पराली जलाने के मामलों में इस वर्ष 50 प्रतिशत से अधिक की कमी लाई जा सके।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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