अदालत ने बिजली निगम को दिए आदेश…..उपभोक्ता द्वारा जमा कराई धनराशि 24 प्रतिशत ब्याज दर से की जाए वापिस

गुडग़ांव, 13 अक्तूबर (अशोक) : उपभोक्ता के बिजली के बिल में 4 लाख 94 हजार 194 रुपए समायोजित कर उपभोक्ता पर समायोजित राशि को जमा कराने के आदेश का उल्लंघन करने पर बिजली का कनेक्शन काट देने के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज सौरभ शर्मा की अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि अदालत द्वारा उसे 2 लाख 51 हजार 352 रुपए जमा कराने का आदेश दिया गया था। जो उपभोक्ता ने जमा भी करा दिया था। जमा कराई गई राशि को 24 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस किया जाए।

गांव रायसीना की छाया गुप्ता के बिजली के बिल में 28 जून 2020 को 4 लाख 94 हजार 194 रुपए बिजली निगम ने जोडक़र भेज दिए थे। जब बिजली निगम से इस बारे में जानकारी ली गई तो उपभोक्ता को बताया गया कि उसकी कोई पुरानी रीडिंग बकाया था, लेकिन इस रीडिंग के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं दी गई और उस पर दबाव बनाया गया कि वह पूरी धनराशि जमा करा दे। लेकिन उपभोक्ता ने धनराशि जमा नहीं कराई तो बिजली निगम ने उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया। उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता का कहना है कि 30 जुलाई 2020 को उपभोक्ता का केस उन्होंने अदालत में दायर कर दिया। तत्कालीन अदालत ने उपभोक्ता को आदेश दिए कि वह 2 लाख 51 हजार 352 रुपए बिजली निगम में जमा करा दे और बिजली निगम को आदेश दिए थे कि उसका बिजली का कनेक्शन जोड़ दिया जाए। मामले की सुनवाई उक्त अदालत में हुई।

बिजली निगम अदालत में उपभोक्ता पर लगाए गए आरोप साबित करने में नाकाम रहा। हालांकि बिजली निगम ने अदालत में माना भी था कि उनसे गलती हो गई है और गलत रीडि़ंग की धनराशि उपभोक्ता के बिल में जोड़ दी गई थी। अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिए कि जमा कराई गई धनराशि 24 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस की जाए। उधर अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता संबंधित बिजली निगम के अधिकारी के खिलाफ केस दायर करने की तैयारी में जुटी है।

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