ये कांग्रेस का किस तरह का ब्राह्मण सम्मेलन जिसमें पार्टी का एकमात्र ब्राह्मण कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आमंत्रित नही?
क्या ये हुड्डा गुट में ही एक और गुट बनने के संकेत तो नही?

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। कांग्रेस द्वारा रोहतक लोकसभा क्षेत्र में आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन जहां भीड़ की दृष्टि से सफल आयोजन रहा वहीं ये कई बड़े सवाल भी प्रदेश की राजनीति में छोड़ गया जो जनता की जुबान पर बुदबुदाते रहे। हमारे संवाददाता ने जब इन सवालों की पड़ताल की तो सामने आया की इस सम्मेलन का मकसद कहीं भविष्य में ब्राह्मण को ब्राह्मण से लड़ाने का तो नही? क्योंकि इस संशय का इससे और बल मिलता है कि आगामी लोकसभा चुनावों में जहां बीजेपी अपने सांसद डॉक्टर अरविंद शर्मा पर ही दांव खेलने के मूढ़ में लग रही हैं वहीं इधर दीपेंद्र हुड्डा का राज्यसभा सदस्य होने के चलते जिनका अभी लंबा कार्यकाल शेष हो, उस वजह से नही लगता की कांग्रेस उन्हें राज्यसभा से इस्तीफा दिला कर लोकसभा का चुनाव लड़ाएगी। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो गुटों में बंटी कांग्रेस के एक धड़े के वो घाव फिर से हरे हो जायेंगें जिसमें हुड्डा की जिद्द के चलते दीपेंद्र को उस समय राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया था और इसमें ये संभावना भी ज्यादा है की शायद ही सधे कदमों से आगे बढ़ रही कांग्रेस उनका राज्यसभा से इस्तीफा लेकर इस उपचुनाव का जोखिम ले? क्योंकि ऐसा करने से कांग्रेस की तुरुप के पत्ते वाली बंध मुठ्ठी भी खुलने का डर रहेगा। ऐसी स्थिति में लगता है की बड़े हुड्डा साहब रोहतक में बादली विधायक को लोकसभा में उतारकर दोहरा गेम खेलने के मूड में है, अपने हुक्म के इक्के को बचा कर ब्राह्मण के सामने ब्राह्मण को उतार दें।

दूसरा सवाल जो जनता की जुबां पर तैर रहा है वो ये कि इस ब्राह्मण सम्मेलन में आखिर पार्टी के एकमात्र ब्राह्मण कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज क्यों नदारद रहे, जबकि वो हुड्डा गुट के मजबूत खेवनहार रहे हैं क्या इसे वत्स और भारद्वाज की आपसी रस्साकसी समझा जाए या हुड्डा गुट में ही एक और गुट के बीजारोपण की शुरुआत?

एक मुख्य सवाल और जो अनुतरित है, कि ऐसे आयोजन कहीं ब्राह्मणों को अथवा कांग्रेस हाईकमान को गुमराह करने का प्रयास तो नही, क्योंकि इस लोकसभा स्तर के कार्यक्रम में चंद ब्राह्मणों की उपस्थिति क्या हुड्डा को सभी ब्राह्मणों का समर्थन और आशीर्वाद साबित करता है? क्या इसमें अरविंद शर्मा के ब्राह्मण भी सम्मिलित हुए? रोहतक में नवीन जय हिंद ब्राह्मण नेता के रूप में स्थापित है उसकी भी उपस्थिती नहीं थी ।

हमारे संवाददाता ने जब वहां से अन्य जानकारी जुटाई तो ये भी सामने आया की वहां के ब्राह्मणों में इस बात को लेकर भी आक्रोश था कि रोहतक में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा जी के नाम से जो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल है उसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने मुख्यमंत्री काल में अपने पिता चौधरी रणबीर सिंह के नाम से ओपीडी बनवाकर उसमें चौधरी रणबीर सिंह की प्रतिमा भी स्थापित करवाई जो एक पंडित भागवत दयाल शर्मा की छाती में कील ठोकने के बराबर समझी जा रही है l अगर भूपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री रहते अपने पिता के नाम से कोई दूसरा मेडिकल कॉलेज का नाम करवाए तो ब्राह्मणों को कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन पंडित भगवत दयाल के नाम से मेडिकल कॉलेज परिसर में छेड़छाड़ करना ब्राह्मण स्वाभिमान के खिलाफ समझा गया।

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