हरियाणा व बिश्नोई समाज की प्रगति में चौ. भजनलाल का है अतुलनीय योगदान : कुलदीप बिश्नोई

गुरुग्राम 06 अक्टूबर : स्थानीय सैक्टर 31 में पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल जी 93वीं जयंती पर स्व. चौधरी भजनलाल स्मृति सदन का उद्घाटन एवं उनकी प्रतिमा लोकार्पण का कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षण बिश्नोई रत्न कुलदीप बिश्नोई पहुंचे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के अध्यक्ष देवेन्द्र बुडिय़ा ने की। कार्यक्रम में पूर्व सांसद जसवंत बिश्नोई, पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा, विधायक दूड़ाराम, विधायक भव्य बिश्नोई, विधायक बिहारी लाल, विधायक सलील बिश्नोई सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिश्नोई ने कहा कि यह समाज के लिए बड़ा भावनात्मक एवं गौरवशाली पल है कि उन महान शख्स की जयंती पर इस साईबर सिटी में हम सदन का लोकार्पण कर रहे हैं, जिन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए गुडग़ांव के औद्योगिक विकास का ब्लू प्रिंट तैयार किया था। हम उनकी दूरदर्शी सोच से विकसित इस साईबर सिटी में यह भव्य भवन समाज को आज समर्पित कर रहे हैं। यह भवन आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है और एक ऐसी जगह पर स्थित है जहां आसपास बड़े शिक्षण संस्थान, बड़े अस्पताल और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के दफ्तर मौजूद हैं। देश के विभिन्न कोनों से गुडग़ांव दिल्ली आने वाले समाज के छात्रों, व्यापारियों, इलाज के लिए आने वाले मरीजों सहित आमजनमानस को इससे बड़ा लाभ मिलेगा।       

उन्होंने कहा कि इस भवन निर्माण के लिए बड़ी मेहनत से कार्य करने के लिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की पूर्व एवं मौजूदा कार्यकारिणी सहित गुरूग्राम बिश्नोई सभा के समस्त पदाधिकारियों, भामाशाहों, समाजसेवकों और विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हमारे बिश्नोई समाज के उन साथियों जिन्होंने किसी न किसी रूप से इस भवन के निर्माण में जो अपनी आहुति डाली है, उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। समाज के लिए यह भवन जहां उन्नति व प्रगति का प्रतिक है, वहीं हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए भी पे्ररणास्त्रोत रहेगा। युगपुरूष ‘बिश्नोई रत्न’ चौ. भजनलाल ने दिल्ली सहित गुडग़ांव में भी समाज के लिए आधुनिक धर्मशाला का सपना देखा था, जो आज पूरा हुआ।

कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि जयपुर में भी बिश्नोई धर्मशाला के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। हमारा प्रयास है कि गुडगांव की तरह ही जयपुर में भी इस तरह का भव्य भवन जल्द से जल्द बनकर तैयार हो। महासभा इसके लिए पूरी तरह से जुटी है। मैं समस्त समाज से अपील करता हूँ कि इसी तरह अपना सहयोग निरंतर बनाए रखे। आदमपुर मुकाम, जाम्भा, हिसार के बाद गुडगांव में भी आज चौ. भलनलाल की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। उनकी जयंती पर प्रतिमा का अनावरण उनको हमारी सच्ची श्रद्धांजली है। हम प्रतिमाएं क्यों लगाते हैं। इसके पीछे विशेष कारण है। एक महान पुरूष की प्रतिमा जब लोग देखते हैं तो उन्हें अपने जीवन में भी आगे बढऩे की पे्ररणा मिलती है कि यह महान व्यक्ति जब विपरित परिस्थतियों के बावजूद इतना कुछ कर सकता है तो हम भी कर सकते हैं।

आज जब हम महात्मा गांधी जी, डॉ. भीमराव अंबेडकर जी, भगत सिंह जी, सरदार पटेल जी जैसी महान विभूतियों की प्रतिमाएं देखते हैं तो उनका जीवनकाल हमारे सामने आ जाता है। इसी प्रकार चौ. भजनलाल जी भी ऐसी शख्सीयत थे, जिन्होंने अपने जीवन में असाधारण काम किए और बिश्नोई समाज को एक विशेष पहचान दिलाई तथा केन्द्रीय मंत्री व हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने समाज की 36 बिरादरी के हितों की रक्षा करते हुए सामाजिक उत्थान की दिशा में अनेक ऐेसी नीतियां लागू की, जो आगे चलकर मील का पत्थर सिद्ध हुई। चौ. भजनलाल जी कोई साधारण इंसान नहीं थे। बंटवारे के समय उनकी जेब में मात्र 5 रूपए भी नहीं थे, न ही उनकी पीढिय़ों में कोई व्यक्ति दूर-दूर तक राजनीति में था बावजूद इसके अपनी असाधारण प्रतिभा के बल पर वे पंच, ब्लॉक समिति चेयरमैन से लेकर विधायक, मंत्री, सांसद, केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री पद के ओहदे तक पहुंचे। वे ऐसे इंसान थे, जिनके जादुई व्यक्तित्व से उनका विरोधी भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका।       

उन्होंने कहा कि मैं सभा के सभी साथियों से कहना चाहता हूँ कि जिस प्रकार से पूर्व में हमने एकजुटता से राजनीतिक व सामाजिक बुलंदियों को राष्ट्रीय स्तर पर छुआ है, उसी प्रकार भविष्य में भी हमारी एकजुटता की डोर को और ज्यादा मजबूती से बांधकर हम राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘बिश्नोई समाज’ के गौरव को बढ़ाने के लिए काम करेंगे। इसके लिए अगर कोई सबसे ज्यादा जरूरी चीज है तो वह समाज की एकजुटता ही है। एकजुटता में वो ताकत है जो बड़े-बड़े असंभव दिखने वाले कार्य को भी संभव बना सकती है।

इस अवसर पर स्वामी रामानंद जी, सुभाष देहडू, पतराम बिश्नोई, सोम परकाश बिश्नोई, रणधीर पनिहार, कमल सिंह, जगदीश कड़वासरा, रामस्वरूप माझू, बलदेव खोखर,, सहदेव कलीराना, निहाल सिंह गोदारा, संदीप सास्त्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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