सात अक्टूबर के बाद मोनू मानेसर के लिए बिछेगी बिसात

  मोनू मानेसर के समर्थन में मानेसर के ग्रामीणों की पंचायत    
सूरत सिंह नंबरदार की अध्यक्षता में भीष्म मंदिर में हुई पंचायत  
पंचायत में सवाल मामन खान को जमानत तो मोनू को क्यों नहीं

फतह सिंह उजाला                                 

मानेसर / पटौदी 5 अक्टूबर । मोनू मानेसर के लिए मानेसर की ही पंचायत में यह फैसला किया गया कि 7 अक्टूबर को अदालत में पेशी के बाद जो भी कुछ फैसला होगा, उसी के अनुरूप आगामी रणनीति बनाई जाएगी । बीते दिन गांव मानेसर में ही भीष्म मंदिर में नंबरदार सूरत सिंह की अध्यक्षता में और मोनू मानेसर के समर्थन में महापंचायत का आयोजन किया गया। 

 इस पंचायत में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए मोनू मानेसर को कथित रूप से बेकसूर ठहराया गया। पंचायत में विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि मोनू मानेसर पर हरियाणा और राजस्थान में जो भी मामले दर्ज हैं, उनमें सीधा कोई भी आरोप नहीं है । पंचायत में पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए। वक्ताओं के द्वारा मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस के द्वारा राजस्थान पुलिस को नियोजित तरीके से सौंपने का भी आरोप लगाया गया । भीष्म मंदिर मानेसर में आयोजित पंचायत के अध्यक्ष सूरत सिंह नंबरदार व अन्य का मानना है कि मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस हरियाणा की अदालत में पेश करने से बच रही है । पहले मोनू को भरतपुर जेल में और उसके बाद अजमेर जेल में भेज दिया गया । इसके पीछे क्या कारण रहा यह भी अपने आप में सवाल है ? इस बात पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाई गई की नुह हिंसा के आरोपी मामन खान की जमानत के लिए कथित रूप से प्रेशर बनाया गया । परिणाम स्वरूप मामन खान की जमानत हो गई , लेकिन मोनू मानेसर की जमानत नहीं हो रही ।      

 इस बात पर भी आशंका जाहिर की गई है कि 7 अक्टूबर को मोनू मानेसर को अदालत में पेश करने के लिए हरियाणा में लाया जाएगा या नहीं लाया जाएगा। पंचायत में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा आरोप लगाया गया कि मोनू को शासन और प्रशासन के द्वारा नाजायज फसाया गया है । मोनू मानेसर पर किसी भी प्रकार के अत्याचार नहीं किए जाएं तथा उसको जल्द से जल्द हरियाणा में ही लाया जाए । इसी पंचायत में 11 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया जो की आगामी कार्रवाई के लिए अपनी रणनीति बनाएगी । मानेसर के मोनू समर्थक प्रबुद्ध ग्रामीण और समाज के लोगों में अब यही जिज्ञासा है कि 7 अक्टूबर को मोनू मानेसर को अदालत में पेश किया जाएगा या नहीं किया जाएगा। फिलहाल पंचायत पूरी तरह से मोनू मानेसर के साथ खड़ी है।

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