गुरुग्राम की कई आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों ने डीसी आवास पर किया प्रदर्शन
सोसाइटीज गुरुग्राम के कार्यालयों में राजनीतिक हस्तक्षेप व भ्रष्टाचार के आरोप
रजिस्ट्रार जनरल सोसाइटीज, स्टेट रजिस्ट्रार सोसाइटीज चंडीगढ़ पर उठाए सवाल  
सिविल लाइन में स्वतंत्रता सेनानी हॉल से उपायुक्त निवास तक विरोध मार्च निकाला  
कार्यालयों में लोगों को अपनी याचिकाओं पर तारीख पर तारीख मिल रही  

फतह सिंह उजाला                                         

गुरुग्राम 1 अक्टूबर। हरियाणा सोसायटी पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम 2012 के तहत पंजीकृत हजारों रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के प्रतिनिधियों ने हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री का रजिस्ट्रार जनरल सोसाइटीज चंडीगढ़, स्टेट रजिस्ट्रार सोसाइटीज चंडीगढ़ और जिला रजिस्ट्रार सोसाइटीज गुरुग्राम के कार्यालयों में राजनीतिक हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार के विरोध में प्रदर्शन किया। सिविल लाइन में स्वतंत्रता सेनानी हॉल से उपायुक्त निवास तक विरोध मार्च निकाला। 

  प्रदर्शन कर रहे गुडग़ांव ग्रीन्स सेक्टर-102 की आरडब्ल्यूए के प्रेजीडेंट संदीप फोगाट, अडानी ओएस्टर ग्रांड के प्रेजीडेंट कर्नल हरिभगवान चाहर, सत्या हरमिटेज से बृजकिशोर, रहेजा वेदांता से अजीत सिंह, पालम विहार से कर्नल सुहाश, एटीएस ट्रम्प से नवदीप सिंह, इंडिया बुल्स सेंट्रम पार्क से अश्वनी, बीपीटीपी से जितेंद्र सिंह राजपूत, सनसिटी 102 से कपिल भारद्वाज, ग्रैंड आईवीए से पवन और कंससिएंट वन से हरिंदर सिंह ने कहा कि इन कार्यालयों में विशेषकर गुरुग्राम जिले के मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों का व्यापक राजनीतिक हस्तक्षेप है। इन कार्यालयों में लोगों को अपनी याचिकाओं पर तारीख पर तारीख मिल रही है और इन कार्यालयों में हजारों शिकायतें वर्षों से लंबित हैं। जिला रजिस्ट्रार सोसायटी गुरुग्राम का कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा है। यहां बिचौलियों के बिना कोई काम नहीं होता। इन कार्यालयों में अधिकारी मनमाने ढंग से और एचआरआरएस अधिनियम 2012 के दायरे से परे याचिकाओं पर निर्णय ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त इन आरडब्ल्यूए को दैनिक आधार पर कई गंभीर चिंताओं का सामना करना पड़ता है। कई आरडब्ल्यूए द्वारा विभिन्न प्लेटफार्मों पर इन मुद्दों को उजागर करने के प्रयासों के बावजूद, हमारी दलीलें अनसुनी कर दी गई हैं।     

पिछले साल मुख्यमंत्री ने 29 अप्रैल 2022 को गुरुग्राम में सेवोकॉन का आयोजन किया था। 60 दिनों के भीतर नीति में संशोधन और प्रकाशन करने का वादा किया था। साथ ही गुरुग्राम में दो जिला रजिस्ट्रार की नियुक्ति का भी वादा किया था। आज डेढ़ साल बाद कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। 

 मुख्यमंत्री ने आरडब्ल्यूए और सोसायटी के सदस्यों के बीच आपसी विवादों को सुलझाने के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति की भी घोषणा की। सीएम ने हर छह महीने में आरडब्ल्यूए के लिए इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का भी वादा किया था, लेकिन डेढ़ साल बाद भी ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया है। इस प्रदर्शन में गुरुग्राम के अनेक आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि शामिल हुए और अपनी ताकत दिखाई। सभी ने एक मत से कहा कि हरियाणा सरकार समय रहते इन मुद्दों को हल करने में विफल रहती है तो लोग फिर से बड़े पैमाने पर इस तरह का विरोध प्रदर्शन करेंगे।                 

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