हरियाणा लोकसेवा आयोग की एचसीएस परीक्षा का रिजल्ट कैटेगरी वाइज घोषित नहीं किया
प्राइवेट सेक्टर में प्रदेश के 75 प्रतिशत युवाओं को रोजगार की गारंटी देकर भूली सरकार
लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर अंधेरे में धकेला सरकार ने
दूसरे राज्यों की प्रमुख परीक्षाएं पास कर उच्च पदों पर आसीन हो रहे है हरियाणा के युवा

चंडीगढ़, 01 अक्तू बर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस  की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार परीक्षाओं के नाम पर युवाओं के साथ भद्दा मजाक कर रही है। हरियाणा लोकसेवा आयोग ने एचसीएस की मुख्य परीक्षा में 61 परीक्षार्थी ही उत्र्तीण किए है। सरकार ने इस रिजल्ट को केटेगरी वाइज घोषित नहीं किया है, रिजल्ट एससी-एसटी, ओबीसी, फिजिकल हैंडीकैप की श्रेणियों में घोषित किया जाता है।

प्राइवेट सेक्टर में प्रदेश के 75 प्रतिशत युवाओं को रोजगार की गारंटी देकर सरकार भूल गई। सरकार लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर उन्हें अंधेरे में धकेल रही। आज इस प्रदेश के युवा दूसरे राज्यों की प्रमुख परीक्षाएं पास कर उच्च पदों पर आसीन हो रहे है। प्रतिभाओं की अनदेखी करने वाले राज्य को पतन की ओर जाने से कोई नहीं रोक सकता।

मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा लोकसेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग सरकार की कठपुतली बने हुए है, आज तक जो भी परीक्षा हुई है सब विवादों में रही है, एचसीएस के लिए 21 मई को प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। इसमें 38 सवाल पिछले साल हुई परीक्षा के हूबहू दोहरा दिए गए थे। विवाद बढ़ने पर मामला हाईकोर्ट पहुंचा लेकिन आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहे 1200 अभ्यर्थियों के लिए 12 और 13 अगस्त को मुख्य परीक्षा आयोजित की।

हरियाणा लोकसेवा आयोग ने हरियाणा सिविल सेवा (एसचीएस) कार्यकारी शाखा और संबद्ध सेवाओं को लेकर हुई मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी किया तो 96 पदों के लिए कुल 1200 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी जिसमें केवल 61 उम्मीदवार ही परीक्षा पास कर पाए जिनमें अनुसूचित जाति का एक भी परीक्षार्थी नहीं हैं।

अभ्यर्थियों ने उठाए सवाल, एचपीएससी का जवाब

उन्होंने कहा है कि अभ्यर्थियों ने मुख्य परीक्षा के परिणाम पर सवाल उठाए हैं। पूछा-ऐसे कैसे हो सकता है कि 1200 में से केवल 61 अभ्यर्थी ही कुल 600 अंकों में 270 अंक प्राप्त कर पाए। नियमों के तहत साक्षात्कार में पदों के तीन गुणा तक यानि 288 अभ्यर्थियों को रखना होता है, लेकिन एचपीएससी ने हर विषय में पास होना और कुल 45 प्रतिशत अंकों की शर्त लगा दी, जिसके चलते शेष अभ्यर्थ भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। सैलजा ने कहा कि सरकार अपनी मर्जी से अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने की नियत से नियम बदल लेती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बार इस रिजल्ट को केटेगरी वाइज घोषित नहीं किया है, रिजल्ट शुरू से ही एससी-एसटी, ओबीसी, फिजिकल हैंडीकैप की श्रेणियों में घोषित किया जाता है। सरकार एक ही कैटेगरी में रिजल्ट घोषित कर कुछ छुपाना चाहती है।

प्राइवेट सेक्टर में प्रदेश के 75 प्रतिशत युवाओं को रोजगार की गारंटी देकर भूली सरकार

उन्होंने कहा कि यह सरकार सदैव युवाओं को गुमराह करती रही है, पहले गया किया कि प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत पदों पर प्रदेश खासकर स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाएगा पर ऐसा हो न सका। सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को विश्वास में लिए बिना ही आनन फानन में घोषणा कर डाली। प्राइवेट सेक्टर तो दूर अपने ही विभागों में नौकरी तक नहीं दे पा रही है सरकार। हरियाणा रोजगार कौशल निगम के नाम पर प्रतिभाओं का दोहन किया जा रहा है।

दूसरे राज्यों में उच्च पदों पर आसीन है हरियाणा के युवा

हरियाणा लोकसेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में बार बार हो रही गड़बड़ी के चलते प्रदेश के युवाओं का इन दोनों संवैधानिक संस्थाओं से भरोसा उठ रहा है। अधिकतर परीक्षाएं कोर्ट में जाकर फंस जाती है। ऐसे में प्रदेश के युवा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं, वे अपनी प्रतिभा के बल पर दूसरे राज्यों में उच्च पदों पर आसीन है जिस प्रतिभा को हरियाणा सरकार अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि जब किसी राज्य से प्रतिभा का पलायन होने लगे तो उस राज्य के पतन को कोई नहीं हो सकता। युवा शक्ति का सदुपयोग कर समाज और देश कर दशा और दिशा बदली जा सकती है।