गुरूग्राम, 21 सितंबर। भारत में साइबर अपराध और गोपनीयता का उल्लंघन तेजी से बढ़ रहा है और इंटरनेट, साइबर कानूनों और जोखिमों के बारे में उपयोगकर्ताओं की जागरूकता की कमी भारत में एक बड़ी चुनौती है।

हालाँकि, लगभग सभी ने साइबर सुरक्षा और इसके महत्व के बारे में सुना है; लेकिन इस पर सार्वजनिक जागरूकता अभी भी सीमित है और नागरिकों का व्यवहार उच्च स्तर की जागरूकता को नहीं दर्शाता है। ऐसे परिदृश्य में, प्रत्येक नागरिक के लिए साइबर स्पेस से जुड़े जोखिमों, डेटा लीक के निहितार्थ और सोशल मीडिया या ईमेल के माध्यम से गोपनीयता उल्लंघन को समझना महत्वपूर्ण हो जाता है।

साइबर अपराध को रोकने के उद्देश्य से जागरूकता बढ़ाने, साइबर अपराध के प्रमुख रूपों को उजागर करने और सुरक्षित रहने के तरीके के बारे में सुझाव देने के लिए, गुरुग्राम पुलिस ने हरियाणा उदय कार्यक्रम के तहत सीएसओ के साथ मिलकर गुरुग्राम की ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति उद्योग लिमिटेड में एक जागरूकता सत्र आयोजित किया।

सत्र का उद्देश्य कर्मचारियों को ऑनलाइन दुनिया में विभिन्न साइबर धोखाधड़ी/घोटालों के प्रति सचेत रहने के लिए जागरूक करना था। ट्रेंडिंग साइबर अपराध और उनके तौर-तरीके जैसे वर्क फ्रॉम होम जॉब धोखाधड़ी, नकली डीपी, ऑनलाइन वाइन डिलीवरी, सेक्सटॉर्शन, क्यूआर कोड घोटाले, रक्षा व्यक्तिगत पहचान का दुरुपयोग करने वाले ओएलएक्स धोखाधड़ी और सोशल मीडिया और कॉल का उपयोग करने वाले अन्य धोखाधड़ी को पहचानने के लिए सुरक्षा युक्तियों के साथ समझाया गया।

टीम ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किसी भी साइबर अपराध पीड़ित को तुरंत #Dial1930 पर कॉल करना चाहिए या www.cybercrime.gov.in या निकटतम साइबर पुलिस स्टेशन पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए।

इस सत्र में 500 से अधिक कर्मचारी शामिल हुए और मारुति प्रबंधन (Executive Officer- Mr. Ravi Singh, Executive Vice President-Mr. Vikram Sarin, Executive Vice President- Mr. Chegu Dhanumjaya, General Manager- Capt. Naresh Kumar, Union Members of Maruti Suzuki) सहित सभी ने इसकी काफी सराहना की।

अभियान का नेतृत्व गुरुग्राम के एसीपी श्री प्रियांशु दीवान ने किया, जिसमें साइबर वेस्ट पुलिस स्टेशन की टीम और सीएसओ (साइबर सुरक्षा अधिकारी) राजीव नंदवानी, बिजेंद्र सिंह, वरुण सोनी, मोहित शर्मा, संगीता और मयंक शामिल हुए।

error: Content is protected !!