उन्नत राष्ट्र के लिए उन्नत शिक्षा होना जरूरी है और उन्नत शिक्षा के लिए उत्तम शिक्षक – शिक्षिका का होना आवश्यक है : बोधराज सीकरी गुरुग्राम। आज संस्कृति के सारथी गुरुग्राम के द्वारा सेक्टर सात स्थित आर्य कन्या विद्यालय के प्रेक्षा गृह मे कार्यक्रम गुरु सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें शहर के दो सौ विद्यालयों के चार सौ शिक्षक -शिक्षिकाओं को उत्कृष्ट गुरु सम्मान प्रदान किया गया और 15 ऐसे महानुभाव शिक्षक जिन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा के किसी भी विधा में समर्पित भाव से बिताया इन्हें “संस्कृति का सारथी सम्मान “दिया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बोध राज सीकरी, जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन, कार्यक्रम के अध्यक्ष और गुरुग्राम होम डेवलपर संगठन के अध्यक्ष श्री नरेंद्र यादव दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव श्री ओपी मिश्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर संघ चालक श्री जगदीश ग्रोवर स्टारेक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर अशोक दिवाकर, संस्कृति के सारथी की संरक्षिका मीनाक्षी ऋषि, श्री सतवीर यादव, श्री ओमप्रकाश अरोड़ा, इत्यादि ने किया। इस अवसर पर बोलते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बोध राज सीकरी ने कहा कि उन्नत राष्ट्र के लिए उन्नत शिक्षा होना जरूरी है और उन्नत शिक्षा के लिए उत्तम शिक्षक – शिक्षिका का होना आवश्यक है। इस अवसर पर आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष कन्हैया लाल आर्य, विश्व हिंदू परिषद का अध्यक्ष श्री अजीत सिंह यादव, पार्षद ब्रहम यादव, शिक्षाविद सुनील गुप्ता, शिक्षामित्र डॉ विजय सिंह चौहान, शिक्षामित्र डॉक्टर सर्वेश, शिक्षाविद मनोज लालवानी, शिक्षामित्र भीष्म भारद्वाज शिक्षाविद डॉक्टर संतोष मलिक इत्यादि ने उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्कृति के सारथी के लगभग 50 कार्यकर्ता तन मन धन से लगे रहे, जिसमें मुख्य रूप से अध्यक्ष राम बहादुर सिंह, उपाध्यक्ष बृजेश सिसोदिया, सचिव पिंकी शर्मा, दीपक वशिष्ठ, दीपक जसोरिया, मीनाक्षी जसोरिया सतबीर तिलक राज, अर्जुन वशिष्ठ, गौरव अरोड़ा, अमृता अरोड़ा, राजू राजभर, मीनू सेन, प्रेमलता, लोकेश सैन, रेनू यादव, अमन भाटिया, गायत्री जी, इत्यादि मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन श्री मोहन कृष्ण भारद्वाज ने किया। Post navigation पीएम मोदी के जन्मदिन उपलक्ष्य में होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर और योग सत्र नृत्य, गायन, अभिनय, ललित कला तथा साहित्यिक गतिविधियों में दिखाया जलवा