एडीसी ने बैंकर्स को दिए निर्देश, विभागों से प्राप्त ऋण आवेदनों को अधिक समय तक ना रखें लंबित, जो आवेदन स्वीकृत किए जाने योग्य नहीं उनका कारण स्पष्ट कर शीघ्र वापस लौटाए वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही की समीक्षा हेतु आयोजित थी बैठक गुरुग्राम, 14 सितंबर। एडीसी हितेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी) व जिला स्तरीय समीक्षा कमेटी की बैठक आयोजित हुई। एडीसी ने बैठक में जिला के जमा, अग्रिम तथा शासकीय योजनाओं के लक्ष्यों को पूर्ण करने के संबंध में विस्तार से चर्चा करने के साथ साथ विभिन्न स्वरोजगार एवं उद्यमी योजनाओं के ऋण आवेदनों की स्वीकृति एवं वितरण की बैंकवार समीक्षा की। एडीसी ने बैठक में बैंकों के ऋण जमा अनुपात, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, हरियाणा महिला विकास निगम, केसीसी लोन, पीएम फसल बीमा योजना, पीकेसीसी, पीएम स्वनिधि, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, पीएम मुद्रा योजना सहित मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत बैंकों में भेजे गए आवेदनों की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कई बैंकों द्वारा शासकीय योजनाओं के आवेदनों में स्वीकृति एवं वितरण की कार्रवाई समय पर पूर्ण नहीं करने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बैंक, विभागों से प्राप्त ऋण आवेदनों को अधिक समय तक लंबित न रखे। जो आवेदन स्वीकृत किए जाने योग्य नहीं हों, बैंक द्वारा उन्हें स्वीकार ना किए जाने के कारण स्पष्ट करते हुए उन्हें तुरंत वापस लौटा दिया जाए। बैठक में एडीसी ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेलों में प्राप्त ऋण आवेदनों में बैंकर्स के स्तर पर हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अंत्योदय के उत्थान के उद्देश्य के साथ शुरू की गई उपरोक्त योजना सरकार की फ्लैगशिप योजना है जिसके तहत एक लाख की वार्षिक आय से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के सामाजिक व आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए 18 विभाग प्रयासरत है। ऐसे में बैंकिंग स्तर ऋण आवेदनों की मंजूरी मे देरी इस पूरी योजना को प्रभावित कर रही है। उन्होंने बताया कि जिला में आयोजित मेलों के सभी चरणों में प्राप्त 522 आवेदनों में से 245 परिवारों के लोन स्वीकृत हुए हैं व 219 परिवारों को ऋण की अदायगी की गई है। इस दौरान उन्होंने बैंकिंग स्तर पर पैंडिंग अन्य आवेदनों का भी जल्द से जल्द निस्तारण करने के आदेश दिए। बैठक में बैंकों को सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण योजनाओं का लाभ बेरोजगारों व किसानों को देने की अपील करते हुए एडीसी ने कहा कि सभी बैंकर्स पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के आवेदनों पर भी गंभीरता से विचार करते हुए शीघ्र ही उनका निस्तारण करें। बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक अशोक कुमार जुलाहा ने सभी बैंकों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले वित वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में इस वर्ष पहली तिमाही के अंत तक जिला में विभिन्न बैंकों द्वारा अपनी 05 नई शाखाएं खोली गई हैं। अब जिला में विभिन्न बैंकों की कुल 844 शाखाएं अपने सेवाएं दे रही हैं। वहीं एग्रीकल्चर सेक्टर में 113 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ उपरोक्त अवधि में कुल ₹ 694 करोड़ राशि के लोन व एमएसएमई क्षेत्र में 233 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ₹ 14384 करोड़ की राशि के लोन जिला में उपलब्ध कराए गए हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 500 ऋण आवेदनों का लक्ष्य निर्धारित है जिसकी तुलना में अगस्त माह की शुरुआत तक 38 आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है वहीं 33 आवेदन अभी स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत इस वर्ष की पहली छह माही में 56 ऋण आवेदनों का लक्ष्य रखा गया है जिसमें अभी तक कुल 23 को स्वीकृति मिल चुकी है व 42 स्वीकृति की प्रकिया में हैं। इसी प्रकार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 23 अगस्त तक 190 लाख रुपए तक की राशि के 41 ऋण आवेदन बैंकर्स को भेजे गए थे जिसमें से करीब कुल ₹ 46 लाख रूप्ये तक की राशि के 09 आवेदनों को मंजूरी मिल चुकी है, 17 अभी पैंडिंग है व 15 आवेदनों को रिजेक्ट किया गया है। एलडीएम ने बताया कि जिला के नागरिकों को वित्तिय विषयों के प्रति जागरूक करने के लिए 30 जून 2023 तक 79 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए थे जिसमें करीब 2796 नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसी प्रकार रुड़सेट संस्थान से स्वरोजगार का प्रशिक्षण प्राप्त 22 प्रार्थियों को बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किए गए है। उन्होंने बताया कि जिला में प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत प्रत्येक शुक्रवार को पशुपालन व मत्स्यपालन विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे कैंपो में 1713 ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 882 को स्वीकृत किया जा चुका है व 778 को रिजेक्ट किया गया है। बैठक में गुरुग्राम के एसडीएम रविंद्र यादव, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, आरबीआई चंडीगढ़ के एजीएम विक्रम ढांडा, आरबीआई चंडीगढ़ के एजीएम विक्रम ढांडा, नाबार्ड से डीडीएम जगदीश परिहार, सीएमजीजीए हिया बनर्जी सहितसरकारी व गैर सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। Post navigation पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम द्वारा पुलिस लाईन के रिहायशी मकानों के रख-रखाव व रिहायशी समस्याओं के सम्बन्ध में दिए उचित दिशा-निर्देश सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ नगर निगम सख्त