नियमों की आड़ में हरियाणा में फसल बीमा कम्पनिया किसानों को लूट रही है। न तो किसानों को समय पर फसल मुआवजा मिलता है और न ही नष्ट फसलों का पर्याप्त मुआवजा : विद्रोही 
हरियाणा भाजपा सरकार ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुए विधानसभा सत्र में बताया कि प्रदेश के 14 जिलों में बीमा कम्पनियोंं की ओर से विगत तीन वर्षो से 1303 करोड़ रूपये नष्ट फसलों का मुआवजा बकाया है : विद्रोही

12 सितम्बर 2023  – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा खट्टर व केन्द्र की मोदी सरकार की मिलीभगत से बीमा कम्पनिया प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर प्रदेश के किसानों को लूट रही है। विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों से सहकारी बैंकों से फसली ऋण लेते समय ऋण में से बैंक कर्मचारी फसल बीमा का प्रीमियम अपने आप ही काट लेते है जबकि हरियाणा सरकार झूठा राग अलाप रही है कि पीएम फसल बीमा योजना अनिवार्य नही है अपितु किसान की इच्छा पर निर्भर है। धरातल का कटु सत्य यह है कि हरियाणा में सहकारी पैक्स ऋण समितियों फसली ऋण लेते समय अघोषित आदेश के तहत पीएम फसल बीमा के नाम पर प्रीमियम काटकर बीमा कम्पनियों के खाते मेें जमा कर देती है। फसल बीमा कम्पनिया एक कर्मचारी रखे बिना मुफ्त में फसल बीमा करवाके मोटा माल बनाती है और जब किसान को फसल मुआवजा देने का समय आता है तब सरकार से मिलकर नियमों की आड़ में नाममात्र का मुआवजा देकर किसानों को लूटा जाता है।  

विद्रोही ने कहा कि अब तो हालत यह हो गई है कि जिन कम्पनियों को जिन जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मोटा माल बनाने का अवसर नही मिलता, उन जिलों में फसल बीमा करने से हाथ खड़े कर दिये जा रहे है। इसका उदाहरण गुरूग्राम, महेन्द्रगढ़, सोनीपत, जींद, करनाल, अम्लाबा, हिसार सहित सात जिले है जहां एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ने फसल बीमा करने से हाथ खड़े करके किसानों से लिया प्रीमियम वापिस देकर किसानों को मझदार में छोड़ दिया है। सवाल उठता है कि पीएम फसल बीमा योजना किसान हित के लिए शुरू की गई थी या बीमा कम्पनियों की तिजौरी भरने के लिए? नियमों की आड़ में हरियाणा में फसल बीमा कम्पनिया किसानों को लूट रही है। न तो किसानों को समय पर फसल मुआवजा मिलता है और न ही नष्ट फसलों का पर्याप्त मुआवजा।  

विद्रोही ने कहा कि स्वयं हरियाणा भाजपा सरकार ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुए विधानसभा सत्र में बताया कि प्रदेश के 14 जिलों में बीमा कम्पनियोंं की ओर से विगत तीन वर्षो से 1303 करोड़ रूपये नष्ट फसलों का मुआवजा बकाया है। बीमा कम्पनियोंं के साथ मिलकर सत्तारूढ़ भाजपाई-संघी ना केवल किसानों को प्रीमियम के नाम पर लूट रहे है, अपितु उसे पर्याप्त मुआवजा न देकर सत्ता दुरूपयोग से लूट करके अपनी तिजौरिया भी भर रहे है। विद्रोही ने मांग की कि हरियाणा में बीमा कम्पनियों से फसल बीमा करवाने की बजाय सरकार खुद बीमा करे ताकि प्रदेश में पीएम फसल बीमा योजना के नाम पर हो रही सुनियोजित सरकारी लूट बंद हो सके।  

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