सरकार को धान खरीद, उठान व भुगतान अपने व्यादे के अनुसार 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए- बजरंग गर्ग
सरकार को धान खरीद पर कमीशन कम करने की बनाएं पहले की तरह 2.5 प्रतिशत आढ़तियों को कमीशन देना चाहिए- बजरंग गर्ग
धान व गेहूं खरीद का उठान में देरी के कारण घटती आने पर घटती का पैसा आढ़तियों के ना काटकर ठेकेदार व सरकारी अधिकारियों से रिकवरी की जाए- बजरंग गर्ग

चंडीगढ़- हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने आढ़ती व किसानों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि धान की खरीद सरकार को 15 सितंबर से शुरू करनी चाहिए जबकि किसानों का मंडियों में धान कई दिनों से आना शुरू है। किसान अपना धान बेचने के लिए मंडियों में धक्के खा रहे हैं। सरकारी एजेंसी पी.आर. खरीद नहीं कर रही है।

बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू करने की बजाएं जब भी किसान अपना धान मंडियों में लेकर आए उसका धान खरीदना चाहिए ताकि किसानों को धान बेचने के लिए मंडियों में इंतजार ना करना पड़े। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को धान खरीद,उठान व भुगतान के भी पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। जबकि सरकार बार-बार धान उठान व भुगतान 72 घंटे में करने की घोषणा करती है मगर धान उठान के ठेकेदार पैसे खाने के चक्कर में जल्दी से उठान नहीं करते है। धान का उठान लेट होने से गर्मी के कारण धान में घटती भी आ जाती है। धान उठान लेट होने के कारण जो भी घटती आए उस घटती का पैसा आढ़तियों का काटने की बजाएं सरकार को धान उठाने के ठेकेदार व सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारियों से रिकवरी करनी चाहिए।

बजरंग गर्ग ने यह भी कहा कि अनाज खरीद पर अनेकों सालों से आढ़तियों को 2.5 प्रतिशत आदत मिलती है जबकि धान का सरकारी रेट 2203 रुपए प्रति क्विंटल है जिनकी आदत 55 रुपए से ज्यादा बनती है मगर सरकार 46 रुपए आदत देकर 9 रुपए कम आढ़तियों को देना सरासर गलत है। सरकार को पहले की तरह 2.5 प्रतिशत पुरी आदत धान, गेहूं व हर अनाज खरीद पर देनी चाहिए और फसल खरीद का भुगतान करने के साथ-साथ आढ़तियों की आदत व पल्लेदारों की मजदूरी भी देनी चाहिए जबकि आढ़तियों की आदत व मजदूरों की मजदूरी सरकार 3 महीने से डेढ़ साल तक चक्कर लगवा- लगवा कर देती है और जो उचित नहीं है।

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