एक तरफ पूरी सरकार की ताकत, दूसरी तरफ पीड़िता अकेले अपनी लड़ाई लड़ने को मजबूर: अनुराग ढांडा
तथ्यों के आधार पर साबित होता है कि मंत्री संदीप सिंह ने जांच के दौरान झूठ बोला: अनुराग ढांडा
सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर मंत्री संदीप सिंह ने पद का दुरुपयोग किया : अनुराग ढांडा
सीआईडी के लोग क्यों कर रहे हैं पीड़ित महिला कोच का पीछा? : अनुराग ढांडा

चंडीगढ़, 8 सितंबर – आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि हरियाणा की एक बेटी महिला जूनियर कोच के पीछे पूरी सरकार पड़ गई है। एक तरफ पूरी सरकार की ताकत है और दूसरी तरफ पीड़िता को अपनी लड़ाई लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया गया है। ये जानकर बहुत दुख होता है कि कल से जो घटनाक्रम हो रहा है वो चौंकाने वाला है। प्रदेश के लोगों के मन में एक सवाल है कि क्या महिला कोच की जान को खतरा है? और क्या आने वाले दिनों में सुरक्षित रहेगी?

उन्होंने कहा कि महिला कोच ने उनका पीछा करने वाले लोगों का वीडियो जारी किया है और महिला कोच ने ये भी आरोप लगाया है कि उनके पास हथियार था और उनको जान से मारने की धमकी दी गई है। उस प्रकरण के बाद हरियाणा और चंडीगढ़ पुलिस की ओर से महिला कोच को सुरक्षा दी जानी चाहिए थी। लेकिन पुलिस कहती है कि उनको लिखित शिकायत नहीं दी गई है, ये पुलिस का शर्मनाक बयान है। क्योंकि महिला कोच ने जब ये घटना हुई तो पुलिस को कई बार फोन किया था। वहां पुलिस के अधिकारी पहुंचे तो महिला कोच ने सारा घटनाक्रम बताया। उसके बाद महिला कोच को अलग अलग थानों में चक्कर काटने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि कल की घटना के बाद सिविल ड्रेस में सीआईडी की टीम महिला कोच का पीछा कर रही है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप हमारी सुरक्षा में तैनात हैं तो कोई भी ऐसा लिखित आदेश दिखाने से वो टीम मना कर देती है। लेकिन महिला कोच जहां भी जा रही हैं तो उनका पीछा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा तथ्यों के आधार पर अलग अलग प्रकरणों में यह भी साबित होता है कि मंत्री संदीप सिंह ने जांच के दौरान झूठ बोला है। पहला झूठ ये है कि पीड़ित महिला कोच मंत्री के घर के अंदर आई नहीं। मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि घर के बाहर ऑफिस बना हुआ है वहीं तक पीड़ित महिला आई। जबकि महिला कोच ने पुलिस के सामने उस घर के कोने कोने के बारे में बता दिया। मंत्री ने दूसरा झूठ बोला कि उन्होंन पोस्टिंग, ट्रेनिंग और ट्रांसफर को प्रभावित नहीं किया, लेकिन पुलिस को जांच के दौरान सुबूत मिले कि पोस्टिंग से लेकर ट्रेनिंग और ट्रांसफर तक हुए निर्णय को मंत्री ने प्रभावित किया। इसके अलावा मंत्री का तिसरा बयान भी झूठ साबित हुआ कि उसकी महिला कोच के प्रति कोई गलत नीयत नहीं थी। क्योंकि मंत्री ने पर्सनल चैट में पीड़ित महिला को अपांइटमेंट दिए हुए थे। जब उनसे पूछा कि किसी और को भी ऐसे अपांटमेंट देते हो क्या तो एक भी मंत्री संदीप सिंह नहीं बता सके। सिर्फ इसी केस में महिला कोच को एक बार नहीं बल्कि दो दो बार पर्सनल अपांइटमेंट दी गई थी।

उन्होंने कहा कि मंत्री संदीप सिंह का एक्सट्रा इंटरस्ट पीड़ित महिला कोच में था। उस वक्त के स्पोटर्स डायरेक्टर ने अपने बयान में स्पष्ट कहा कि मंत्री संदीप सिंह ने महिला कोच की वेशभूषा के बारे में तीन तीन बार शिकायत की। इससे ये पता चलता है कि मंत्री का पर्सनल इंटरस्ट था। उन्होंने कहा कि मंत्री पर जो आरोप लगे हैं वह प्रथम दृष्टि में सही साबित होते हैं। इसके अलावा बड़े स्तर पर सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ हुई है। मंत्री संदीप सिंह ने अपने पद दुरुपयोग किया है। 10 जनवरी 2020 का आदेश है कि पोस्टिंग की फाइल मंत्री तक नहीं जाती, जबकि इसी केस में फाइल मंत्री तक गई और किसी केस में नहीं जाती और न ही किसी और केस में इसका रिकॉर्ड पाया गया। जब उस फाइल का पता किया गया कि मंत्री के पास किसने भेजी। तो पाया गया कि अवैध तरीक से स्पोटर्स डायरेक्टर को फाइल भेजी गई थी। उस पर फ्लयूड लगाकर नीचे कमेंट किया गया कि इसको मंत्री के पास भेजा जाए। संबंधित अधिकारी ने मना कर दिया कि न ये फ्लयूड हमने लगाया है और न ही मंत्री के पास हमने इसको भेजा। इसका मतलब सरकारी फाइल में छेड़छाड़ करके उस महिला कोच को मंत्री के पास आने के लिए मजबूर किया गया। इसको वही आदमी कर सकता है पद पर बैठा है और पहली नजर में फायदा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 में कहा गया कि नेशनल सर्टिफिकेट नहीं है इसलिए आपकी अपांइटमेंट नहीं हो सकती और मई 2022 में वही नेशनल सर्टिफिकेट नहीं हो पर अपांइटमेंट हो जाती है। इसके बीच में मंत्री और पीड़ित महिला कोच की होती है। ये अपने आप में बताता है कि फिर से संदीप सिंह ने अपनी पावर का दुरुपयोग किया। इसके अलावा नियम के आधार पर विदेश में ट्रेनिंग की फाइल भी मंत्री के पास नहीं जाती है, लेकिन मंत्री ने ट्रेनिंग की फाइल भी अपने पास मंगवाई और नाजायत तौर पर दबाव बनाया कि यदि ट्रेनिंग पर जाना चाहती हो तो समझौता करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा जांच को प्रभावित करने की काशिश की गई, सरकार मंत्री संदीप को बचा रही है। पहला जब मंत्री के पास छिपाने को कुछ नहीं था तो उन्होंने लाईट डिटेक्शन टेस्ट कराने से क्यों मना कर दिया। जबकि महिला को लाईट डिटेक्शन टेस्ट करवाने के लिए तैयार थी। दूसरा संदीप सिंह को मंत्री और हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन का अध्यक्ष बना कर रखा गया। ताकि इस मामले से जुड़ हुए सुबूतों को बदला जा सके। तीसरा किसके आदेश पर सीआईडी अधिकारी महिला कोच के पीछे जा रहे है, क्योंकि सीआईडी सीधे मुख्यमंत्री खट्टर को रिपोर्ट करती है। नूंह हिंसा के मामले में पूरे प्रदेश ने देखा कि गृहमंत्री और पुलिस ने स्पष्ट तौर पर ये कह दिया कि सीआईडी ने हमारे साथ कोई जानकारी साझा नहीं की। तो सीधी ऊंगली मुख्यमंत्री के दफ्तर की तरफ उठ रही है कि क्या सीएम कार्यालय सीआईडी का गलत इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति महिला कोच का पीछा कर रहा था और जो टीम महिला कोच के पास गई है वो क्या कर रही है इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पहले पीड़ित महिला कोच को सुरक्ष दी गई थी, फिर पीडिता ने संदेह जताया कि जो पुलिस सुरक्षा मिली है वही गड़बड़ कर रही है। उसके बाद सुरक्षा कब और क्यों हटाई गई ये किसी की जानकारी में नहीं है। इसके अलावा हाईप्रोफाइल केस होने के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस पीड़ित महिला की सुरक्षा को लेकर क्या कर रही है और कल की घटना के बाद ये संदेह है कि क्या पीड़ित महिला कोच की जान खतरे में है। क्या सीएम खट्टर इसका भरोसेमंद जवाब दे सकते हैं कि पीड़ित महिला कोच पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सभा बातें साबित होने के बाद क्यों संदीप सिंह को मंत्री पद पर बैठाया हुआ है। क्या सीएम खट्टर हरियाणा के बेटी की उम्मीद को खत्म करना चाहते हैं। क्या इस मामले में सीएम खट्टर की समक्ष रूप से पूरी शह मंत्री संदीप सिंह को है इसको हरियाणा सरकार स्पष्ट करे।